मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पत्रकार महेश लांगा को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम ज़मानत

सुप्रीम कोर्ट ने लांगा को अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों पर कोई भी लेख लिखने से रोक दिया है.

महेश लांगा की तस्वीर.

सुप्रीम कोर्ट ने अंग्रेजी दैनिक द हिंदू के पत्रकार महेश लांगा को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम ज़मानत दे दी है. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, यह आदेश भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस विपुल एम पंचोली की पीठ ने दिया.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने लांगा को अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों पर कोई भी लेख लिखने से रोक दिया है. साथ ही, विशेष अदालत को निर्देश दिया गया है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई रोज़ाना के आधार पर करे और ट्रायल में बचे हुए नौ गवाहों के बयान जल्द दर्ज करे.

अंतरिम ज़मानत दिए जाने का विरोध करते हुए भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह “अंतिम राहत” देने जैसा होगा. लाइव लॉ के अनुसार, जब पीठ ने मामले को जनवरी में सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया तो मेहता ने टिप्पणी की, “यह किसी भी तारीख़ को हो सकता है. अब जब वह बाहर हैं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.”

इससे पहले, 31 जुलाई को गुजरात हाई कोर्ट ने महेश लांगा की ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी.

लांगा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला अहमदाबाद पुलिस द्वारा दर्ज दो एफआईआर से जुड़ा है. इन एफआईआर में उन पर धोखाधड़ी, आपराधिक गबन, आपराधिक विश्वासघात, ठगी और कुछ लोगों को लाखों रुपये का कथित नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं.

न्यूज़लॉन्ड्री ने इस मामले और लांगा पर लगे आरोपों पर विस्तार से रिपोर्ट की है. पत्रकार की गिरफ़्तारी से जुड़ी पूरी पृष्ठभूमि समझने के लिए आप हमारी यह रिपोर्ट पढ़ सकते हैं. 

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