दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
देश ने तय कर लिया है कि मोदीजी के नेतृत्व में वो विश्वगुरू भी बना रहेगा और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन बांटता रहेगा. इसका सबूत बीते दिनों दो अलग-अलग अवसरों पर मिला. पहला अवसर था मध्य प्रदेश की महाप्रतापी सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान बंट रहा भोजन और दूसरा मौका था प्रयागराज में महाकुंभ के समापन के बाद योगी आदित्यनाथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बंटने वाला चना-चबैना.
इस बीच महाकुंभ समाप्त हो गया. कुंभ भगदड़ हुई, तमाम अन्य अराजकताएं और दुश्वारियां रहीं, 79 लोगों की मौत हो गई. इसके बावजूद प्रचार प्रसार में मस्त योगीजी ने समापन भाषण में किसी को गिद्ध तो किसी को सूअर की संज्ञा दी.
दूसरी तरफ खबरिया चैनलों के गिद्ध हैं. उन्होंने नौटंकी का रंगमंच अब लश्करे नोएडा के घाटों पर शिफ्ट कर दिया है. टीआरपी और रेटिंग की त्रिवेणी अब फिल्मसिटी में बह रही है. टीवी वालों के लिए महाकुंभ के दौरान आईआईटी वाले बाबा सबसे बिकाऊ साबित हुए थे. अब उन्हें चैनल वाले अपने स्टूडियो में बिठाकर टीआरपी बटोरने की फिराक़ में हैं. न्यूज़ नेशन वालों को ये मोटी बात समझ में नहीं आ रही कि काठ की हांडी अब जल चुकी है.