अदालत ने बड़े पैमाने पर लीक के पुख्ता सबूत न होने के चलते ये फैसला लिया.
सुप्रीम कोर्ट ने लीक के चलते नीट की परीक्षा रद्द करने और उसे दोबारा आयोजित करवाने से इनकार कर दिया. मालूम हो कि पेपर लीक की शिकायतों के चलते नीट-यूजी 2024 की परीक्षा को रद्द करने की मांग की जा रही थी. कोर्ट ने कहा लीक से पूरी परीक्षा के प्रभावित होने के सबूत नहीं मिले हैं.
कोर्ट ने कहा कि फिर से परीक्षा कराने से 23 लाख से अधिक छात्र प्रभावित होंगे और इससे शैक्षणिक कार्यक्रम में परेशानी होंगी, जिसका असर आने वाले वर्षों में भी होगा.
कोर्ट ने पटना और हजारीबाग में पेपर लीक की बात को स्वीकार किया. सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 155 छात्रों को लीक से लाभ मिला है और इस मामले में अभी जांच जारी है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह बताने की अपेक्षा की है कि क्या 571 शहरों के परिणामों से कोई असमानता का अनुमान लगाया जा सकता है.
कोर्ट ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखा है कि इस साल नीट यूजी को फिर से परीक्षा का निर्देश देना 2 मिलियन से अधिक छात्रों के लिए गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसमें प्रवेश में दिक्कत, मेडिकल पाठ्यक्रम पर प्रभाव, भविष्य में योग्य डॉक्टरों की उपलब्धता पर सवाल खड़ा करेगा.
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