‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ लगातार तीसरे दिन भी पंजाब पुलिस की कार्रवाई जारी है. अभी तक पुलिस ने 114 लोगों को गिरफ्तार किया है, हालांकि अभी भी अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी की कोई सूचना नहीं है.
पंजाब में लगातार तीसरे दिन मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं. पंजाब के आईजीपी सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि अमृतपाल के करीबी दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला, भगवंत सिंह और हरजीत सिंह को असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है. इनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
इस बीच पंजाब स्थित ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के पत्रकार कमलदीप सिंह बरार, ‘प्रो पंजाब टीवी’ के ब्यूरो चीफ गगनदीप सिंह और पंजाब के स्वतंत्र पत्रकार संदीप सिंह के ट्विटर अकांउट को अस्थाई तौर पर भारत में बंद कर दिया. ट्विटर ने यह कार्रवाई सरकार द्वारा कानूनी मांग के जवाब में की है.
न्यूज़लॉन्ड्री को मिली जानकारी के मुताबिक इसमें से एक पत्रकार का अकाउंट, एक वीडियो पोस्ट करने को लेकर बंद किया गया है. इस वीडियो में एक कार के अंदर दो लोग बोल रहे हैं कि ‘पुलिस पीछे पड़ी है.’
कार के अंदर का यह वीडियो टीवी चैनलों समेत कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने भी शेयर किया है. अकाउंट क्यों बंद किया गया है, इसको लेकर पत्रकारों के पास ट्विटर से मेल भी आया है.
हालांकि इससे संबंधी मेल कुछ ट्विटर यूजर्स के पास नहीं आया है. साथ ही यह भी नहीं बताया गया है कि इनका अकाउंट क्यों बंद किया गया है.
पत्रकार कमलजीत सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से अमृतपाल सिंह से संबंधी कुल तीन खबरों को शेयर किया था. शानिवार को उन्होंने दो ट्वीट में इंडियन एक्सप्रेस की खबर को शेयर की थी और एक ट्वीट उन्होंने उसी खबर को लेकर एक ट्विटर थ्रेड के जरिए शेयर की थी. हालांकि शनिवार को ही उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी के बारे में एक स्टोरी को ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने पंजाब में ज़ी20 प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए सिख मानवाधिकारों का मुद्दा उठाया था.
न सिर्फ पत्रकारों बल्कि संगरूर से सांसद सिमरनजीत सिंह मान के ट्विटर अकाउंट को भी भारत में बंद कर दिया गया है. इसके अलावा कनाडा स्थित लेखिका और कवि रूपी कौर, कनाडाई सांसद जगमीत सिंह, एक्टिविस्ट पीटर फैडरिक के अकाउंट को भी भारत में अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया है.
ट्विटर की नीतियों के अनुसार, अगर उन्हें सरकार से वैध और उचित अनुरोध प्राप्त होता है, तो समय-समय पर कुछ देशों में अकाउंट को बंद किया जाता है.
भारत में इन अकाउंट को बंद करने के लिए किसने और क्या मांग उठाई और इसे कब तक रोका जाएगा, इसको लेकर न्यूज़लॉन्ड्री ने ट्विटर से संपर्क किया है. जिसपर जवाब देते हुए ट्विटर ने एक इमोजी भेजी है. असल जवाब आने पर खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.
मीडिया ने गिरफ्तारी पर किया गुमराह
शनिवार 18 मार्च से पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की शुरूआत की, जिसको लेकर एएनआई ने सबसे पहले जानकारी दी. दोपहर बाद शुरू हुई इस कार्रवाई के बाद सबसे पहले इंडिया टीवी ने दोपहर करीब 3:22 मिनट पर खबर चलाई, जिसमें उन्होंने बताया कि अमृतपाल सिंह को हिरासत में ले लिया गया है.
इसके बाद न्यूज़ 24 ने करीब शाम 3:40 पर बताया कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया. इसी तरह एनडीटीवी ने 5:14 मिनट पर, न्यूज़ इंडिया ने 5:49 पर गिरफ्तारी की खबर दिखाई. इसके अलावा कई अन्य मीडिया संस्थानों ने भी गिरफ्तारी की खबर दी. रात को करीब 9:42 बजे पंजाब पुलिस ने एक बयान जारी कर इन सभी मीडिया रिपोर्ट को गलत बता दिया.
पुलिस ने जारी अपने बयान में बताया कि, वारिस पंजाब दे के 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं अमृतपाल सिंह भगोड़ा है और उसकी गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है.
जिन मीडिया संस्थानों ने गिरफ्तारी की खबर चलाई थी, पुलिस के बयान के बाद वे चैनल अमृतपाल सिंह के भगोड़ा होने की खबर चलाने लगे. हालंकि एबीपी न्यूज़ ने 19 मार्च को एक बार फिर से अमृतपाल सिंह को हिरासत में लिए जाने की खबर दिखाई.
हालांकि मीडिया और पुलिस द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक अमृतपाल सिंह तीसरे दिन भी फरार हैं. पंजाब पुलिस जल्द ही उन्हें पकड़ने का दावा कर रही है.
इस पूरे विवाद से पहले न्यूज़लॉन्ड्री ने अमृतपाल सिंह का इंटरव्यू किया था. जिसे आप यहां देख सकते हैं.