3 अप्रैल को दिल्ली के बुराड़ी मैदान में न्यूज़लॉन्ड्री समेत कई पत्रकारों के साथ हुई हिंसा में पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज की थीं. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई या गिरफ्तारी नहीं हुई है.
पत्रकारों पर हुए हमले की शुरुआती जांच के दौरान पुलिस ने कुछ नामों की लिस्ट तैयार की थी जिसमें प्रीत सिंह, सुरेश चव्हाणके, नीरज चोपड़ा, नरसिंहानंद सरस्वती के नाम शामिल थे. लेकिन इनके नाम एफआईआर में दर्ज नहीं थे.
क्या है पूरा मामला?
सेव इंडिया फाउंडेशन ने पिछले साल 8 अगस्त को भी दिल्ली के जंतर मंतर पर इसी तरह का आयोजन कराया था. उस समय इन लोगों ने मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की थी. जिसके बाद प्रीत सिंह समेत अन्य आयोजकों पिंकी चौधरी और नारेबाजी करने वाले मुख्य आरोपी उत्तम उपाध्याय की गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन कुछ दिन बाद ही सभी जमानत पर बाहर आ गए.
इसी कड़ी में बुराड़ी में हुए दूसरे आयोजन में भी ये सभी लोग मौजूद थे. बुराड़ी हिंदू महापंचायत में यति नरसिंहानंद सरस्वती और सुरेश चह्वाणके बतौर मुख्य अथिति आमंत्रित किए गए थे. गौरतलब है कि हरिद्वार में धर्म संसद के आयोजक यति नरसिंहानंद ने मुस्लिम विरोधी बयानबाजी की थी. इसके बाद इन्हें गिरफ्तार किया गया था. बुराड़ी में उन्होंने स्टेज से कहा, "जिस दिन मुसलमान देश का प्रधानमंत्री बना तो अगले 20 साल में 50 फीसदी हिंदू अपना धर्म बदल चुके होंगे. 40 फीसदी हिंदुओं की हत्या कर दी जाएगी. 10 फीसदी हिंदू अपनी बहन और बेटियां मुसलमानों को दे चुके होंगे. यहीं भविष्य है. अगर तुम इस भविष्य को बदलना चाहते हो तो मर्द बनो. एक मर्द के पास उसके हाथ में हथियार होता है. एक औरत अपने पति के लिए जितने प्यार से मंगलसूत्र पहनती है, वहीं प्रेम पुरुष के अंदर हथियारों के लिए होना चाहिए."
बता दें बुराड़ी में हिंदू महापंचायत के आयोजन की अनुमति नहीं थी. न्यूज़लॉन्ड्री ने 29 जनवरी को इस पर रिपोर्ट की थी. इसके बावजूद भारी पुलिस बल के बीच भी इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ जहां पुलिस की मौजूदगी में पत्रकारों पर हमला हुआ था.