जंतर मंतर पर विवादों में रही 'हिंदू महापंचायत' के लिए फिर सज रहा है मैदान

दिल्ली के बुराड़ी मैदान में हिंदू महापंचायत का आयोजन होने जा रहा है. यह 8 अगस्त को जंतर मंतर पर हुए 'भारत बचाओ आंदोलन' की श्रृंखला का दूसरा कार्यक्रम है.

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देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है. पिछले महीने 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया गया. इस दौरान वक्ताओं ने भड़काऊ भाषण दिए. वहीं छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित हुई धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक ब्यान दिया था जिसने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी. इसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा.

पिछले वर्ष 8 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था. याद होगा इस कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम विरोधी नारेबाजी हुई थी. न्यूज़लॉन्ड्री उस समय वहां मौजूद था. हमने उन सभी लोगों की पहचान बताई थी जिन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल होकर भड़काऊ नारेबाजी की. इन लोगों ने भीड़ को एकत्र किया और मुस्लिम विरोधी भाषण दिए. यहीं नहीं इस दौरान बिना झिझक के वीडियो बनाए गए और सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित किए गए.

बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन 'भारत बचाओ आंदोलन' सेव इंडिया फाउंडेशन ने आयोजित किया था. कार्यक्रम में वकील और बीजेपी प्रवक्ता रहे अश्विनी उपाध्याय और उनके साथ स्टेज पर प्रीत सिंह भी मौजूद थे, जो सेव इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक हैं. इस कार्यक्रम में तमाम अलग-अलग हिंदू संगठनों के लोग भी शामिल हुए थे.

हालांकि इस वीडियो के सामने आते ही पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी थी. मामले में कनॉट प्लेस पुलिस ने उत्तम मलिक सहित प्रीत सिंह और हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी भैया उर्फ भूपेंद्र तोमर की गिरफ्तारी की थी. जिन्हें बाद में जमानत दे दी गई.

अभी एक साल भी नहीं बीता है और एक अन्य कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है. यह कार्यक्रम प्रीत सिंह की 'सेव इंडिया फाउंडेशन' के तत्वाधान में किया जा रहा है. यह 8 अगस्त को जंतर मंतर पर आयोजित कार्यक्रम की कड़ी में दूसरा प्रसंग होगा.

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इस बार इसे 'हिंदू महापंचायत' का नाम दिया गया है. यह महापंचायत 3 अप्रैल 2022 को दिल्ली के बुराड़ी मैदान में होने जा रही है. इनकी मांगे वहीं हैं जो 8 अगस्त 2021 में थीं. सेव इंडिया फाउंडेशन की पांच मांगे हैं उसी तरह जिस तरह भगवान कृष्ण ने पांच गांव मांगे थे. यह मांगे हैं- समान शिक्षा, समान नागरिक संहिता, देवस्थान मुक्ति, धर्मांतरण नियंत्रण और घुसपैठ नियंत्रण.

पिछली बार की तरह ही 'भाई' प्रीत सिंह संयोजक की भूमिका निभा रहे हैं. वहीं हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी भैया निवेदक हैं.

कौन हैं आयोजक 'भाई' प्रीत सिंह?

इस संगठन, 'सेव इंडिया फाउंडेशन' के लिए प्रीत सिंह पिछले 10 साल से परिश्रम कर रहे हैं. 33 वर्षीय प्रीत सिंह अपने परिवार से अलग दिल्ली में रहते हैं. वह घर नहीं जाते. इसका कारण वह बताते हैं, "मेरा प्यार केवल परिवार के कुछ लोगों के साथ नहीं है बल्कि पूरा देश मेरा प्यार है."

प्रीत सिंह न्यूज़लॉन्ड्री को बताते हैं कि सेव इंडिया फाउंडेशन की शुरुआत 10 साल पहले हो चुकी थी. बचपन से ही उन्होंने देश को बचाने का सोच लिया था. प्रीत सिंह कहते हैं, "मैं पिछले 10 वर्षों से काम कर रहा हूं. हमारी कुछ मांगे थीं जिन्हें समेटकर इस संगठन की शुरुआत हुई. इन कुछ सालों में जो कुछ हमने जोड़ा अब उसके प्रदर्शन का समय है. ऑन पेपर संगठन एक-डेढ़ साल पहले बना है और मैं इसका संस्थापक हूं. हमारी वे संवैधानिक मांगे हैं जो अभी तक लागू नहीं हुई हैं."

"मैं स्कूल के समय से यही कर रहा हूं. मैंने पढ़ते-पढ़ते समझ लिया था कि लाखों बच्चों के पास डिग्रियां हैं लेकिन बेरोजगार घूम रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि देश की संपत्ति मुट्ठी भर लोगों के हाथ में है." प्रीत सिंह ने कहा.

12वीं के बाद प्रीत सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय में बीकॉम में एडमिशन लिया. लेकिन उन्होंने पढ़ाई पूरी नहीं की.

वह कहते हैं, “मैंने बीच में ही पढाई अधूरी छोड़ दी. मेरा मन पढ़ाई में नहीं लगता था. बीकॉम के दूसरे वर्ष में आते ही मैंने पढ़ाई बीच में छोड़ दी और अपने मिशन को पूरा करने में लग गया."

33 वर्षीय प्रीत सिंह ने कभी नौकरी नहीं की. उनका कहना है कि वह स्कूल के बाद से यही काम कर रहे हैं.

क्या है 'भाई' प्रीत की धर्मांतरण और घुसपैठ थ्योरी?

घुसपैठ के सवाल पर प्रीत सिंह कहते हैं, "घुसपैठ दिखाई नहीं देती पर इसके परिणाम दिखाई देते हैं. जब मैं जेल में था, तब अखबार में पढ़ा था कि दिल्ली में 33 ऐसे गिरोह हैं जो दिल्ली में नशे और देह व्यापार का काम कर रहे हैं. वे हर प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं. इस गिरोह का हर एक आदमी विदेशी है. कोई भारतीय मूल का नहीं है. इस हिसाब से दिल्ली में 3 से 4 हजार आदमी घुसपैठ करके आए हुए हैं जिनका वीजा खत्म हो चुका है और वो आपराधिक गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं. विश्वपटल पर भारत की बदनामी होती है."

ऐसे किसी गिरोह को जानते हैं? इसका कोई जवाब हमें नहीं मिला.

हिंदू महापंचायत 3 अप्रैल 2022 को होने जा रही है. ऐसे में कई हिंदू संगठन सेव इंडिया फाउंडेशन की इस पहल का खुलकर समर्थन कर रहे हैं. इन संगठनों में ब्राह्मण स्वयं सेवक संघ, जनसंख्या समाधान फाउंडेशन, जय भारत माता वाहिनी, युवा सनातनी सेना, हिन्दू सेना, राष्ट्र निर्माण पार्टी, हिंदू शेर सेना जैसे दल शामिल हैं.

सेव इंडिया फाउंडेशन और प्रीत सिंह बार-बार देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग करते हैं और ट्विटर पर 'एक विचार #हिंदु_राष्ट्र, एक दिशा #हिंदु_राष्ट्र' जैसे हैशटैग का इस्तेमाल करते हैं.

आप हिंदुओं के साथ अन्य धर्मों के लोगों को साथ लेकर क्यों नहीं चलते?

इसके जवाब में बिना किसी धर्म का नाम लिए प्रीत सिंह कहते हैं, "मैंने किसी को मेरे साथ जुड़ने से नहीं रोका है. घुसपैठ कौन कर रहा है? उन्हें सहयोग कौन कर रहा है? जो उनका सहयोगी है, जो उनके पक्ष में है वो लोग मेरे साथ कैसे आ जाएंगे? धर्मांतरण कौन कर रहा है और धर्मांतरण हो किसका रहा है? जिसका हो रहा है वो मेरे साथ है और जो कर रहे हैं वो मेरे विरोध में हैं."

मुस्लिम विरोधी नारेबाजी करने वालों को किया गया था सम्मानित

अक्टूबर 2021 में सेव इंडिया फाउंडेशन ने हिंदू गौरव सम्मान का आयोजन किया. इस दौरान 8 अगस्त (2021) को हुई घटना के दौरान जेल गए लोगों को सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अथिति सुदर्शन टीवी के अध्यक्ष और संपादक सुरेश चव्हाणके मौजूद थे.

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क्या 8 अगस्त को जिन्होंने मुस्लिम-विरोधी नारेबाजी की उनको सम्मानित करना सही है?

इसके जवाब में प्रीत सिंह कहते हैं, "हमने वहां उन लोगों को बुलाया जिन्होंने अपना जीवन, अपना परिवार सब कुछ पीछे छोड़कर कहीं न कहीं गायों को बचाने, उनके संरक्षण, चिकित्सा और भोजन के प्रबंध का काम किया. हमने उन्हें बुलाया जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में काम किया. उन्हें बुलाया जिन्होंने धर्म का प्रचार किया.”

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यति नरसिंहानंद से क्यों प्रभावित हैं प्रीत सिंह?

15 जनवरी 2022 को हरिद्वार धर्म संसद से जुड़े हेट स्पीच मामले में पुलिस ने धर्मगुरु यति नरसिंहानंद गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी देर रात की थी. जिसके बाद से तमाम हिंदू संगठनों ने ट्विटर पर #ReleaseYatiNarsinghanand चलाया था. प्रीत सिंह भी सक्रियता से यति नरसिंहानंद सरस्वती के समर्थन में मुखर होकर ट्वीट कर रहे थे.

यति नरसिंहानंद सरस्वती अपने मुस्लिम विरोधी और महिला विरोधी बयानबाजी के लिए सुर्खियों में रहते हैं. ऐसे में क्या प्रीत सिंह यति नरसिंहानंद को सही मानते हैं?

प्रीत सिंह बोलते हैं, "स्वामी नरसिंहानंद को बुरा बोलने के लिए देश की व्यवस्था ने मजबूर किया है. वह अनपढ़ व्यक्ति नहीं हैं. मैंने कभी भी उस व्यक्ति की बात का समर्थन नहीं किया. लेकिन मैं यह सवाल करता हूं कि देश की व्यवस्था ऐसी क्यों थी कि नरसिंहानंद को पैदा होना पड़ा? पीड़ा होती है जब छोटा ओवैसी कहता है कि 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो हम सबको मार देंगे. क्यों मार देंगे? हमारी गलती तो बता दें? तुम हमें धमकी दे रहे हो. हम अपने देश में डर-डर कर जीएं? उसके बाद भी वो खुला घूम रहा है. अगर स्वामी नरसिंहानंद ने कोई बात कही है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए. सरकार को माफी मांगनी चाहिए कि देश में हमने इस तरह की व्यवस्था बनाई है कि लोगों को इस तरह की बयानबाजी करनी पड़ रही है. जब आप इसके रुट कॉज में जाएंगे तब पता चलेगा नरसिंहानंद, प्रीत सिंह जैसे लोग क्यों पैदा हुए.”

कौन हैं हिंदू महापंचायत के निवेदक पिंकी भैया?

8 अगस्त के कर्यक्रम में मुस्लिम-विरोधी नारेबाजी के संबंध में पिंकी 'भैया' उर्फ भूपेंद्र तोमर की भी गिरफ्तारी हुई थी. पिंकी भैया हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं जिसका मुख्यालय गाजियाबाद में है. हिंदू रक्षा दल ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 5 जनवरी साल 2020 में हुई हिंसा की जिम्मेदारी ली थी.

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हिंदुओं की रक्षा करने की जरूरत क्यों है?

पिंकी भैया जवाब देते हैं, "आप खुद देख रहे हैं सभी लोग हिंदुओं के पीछे पड़े रहते हैं. मुसलमान षड्यंत्र कर रहे हैं. बांग्लादेशी और रोहिंगया आते हैं और यहां आकर हम पर केवल अत्याचार करते हैं. हम घुसपैठियों के खिलाफ बोलते हैं तो इसमें क्या गलत करते हैं? एक समुदाय 20-20 बच्चे पैदा करता है. हिंदुओं के पास दो या तीन बच्चे भी नहीं हैं. इसलिए हम मुसलामानों की जनसंख्या पर नियंत्रण चाहते हैं"

आप हिंदू महापंचायत जैसे कार्यक्रम एक बार फिर क्यों कर रहे हैं?

पिंकी भैया बताते हैं, "हिंदुस्तान में बहुत मदरसे हैं. लेकिन हिंदुस्तान में गुरुकुल नहीं हैं. जो हमारी गुरुकुल पद्दति थी वो मुगल शासकों और कांग्रेस ने बिलकुल समाप्त कर दी. हम दुबारा चाहते हैं. मदरसों में हमारे खिलाफ षड्यंत्र की बात होती है. हम इसीलिए चाहते हैं कि हिंदू भी जागरूक हो. यहीं हमारा उद्देश्य है. हिंदू हिंसक नहीं हो सकता लेकिन हिंदू हिंसक लोगों से बचने का प्रयास कर सकता है."

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वह आगे कहते हैं, "टीवी पर देखा मुसलमान धमकी दे रहे हैं कि आप लोग संभल जाना, गलत फेहमी में मत जीना." पिंकी भैया आर-भारत पर किसी डिबेट का जिक्र करते हुए कहते हैं.

"अभी कैराना से मुसलमान कह रहा था कि जाट इतने हैं, हिंदू इतने हैं. ये अगर गलत करेंगे तो इन्हें बक्शा नहीं जाएगा. वह ऐसा स्पष्ट कह रहा था." पिंकी भैया न्यूज़ 18 का जिक्र करते हुए कहते हैं.

वह कहते हैं, “वह संपन्न घर से हैं इसलिए उन्हें आजीविका कमाने की जरूरत नहीं. "हमें संघर्ष करना है. अपने लोगों को जागरूक करना है. हम हनुमान चालीसा के माध्यम से अपने लोगों को जागरूक करने का कार्य करते हैं."

3 अप्रैल को बुराड़ी में होने जा रही हिंदू महापंचायत में पिंकी भैया निवेदक की भूमिका निभा रहे हैं. वह कहते हैं, "हम रोज लोगों से मिल रहे हैं. उन्हें आमंत्रित कर रहे हैं. उनका अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. 3 अप्रैल के कार्यक्रम में लाखों में संख्या रहेगी."

अश्विनी उपाध्याय ने किया किनारा?

सेव इंडिया फाउंडेशन की वेबसाइट खोलेंगे तो बैनर पर वकील और बीजेपी प्रवक्ता रहे अश्विनी उपाध्याय की तस्वीर प्रीत सिंह के साथ दिखाई देगी. 8 अगस्त वाले मामले में अश्विनी उपाध्याय की भी गिरफ्तारी हुई थी लेकिन बाद में पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया था. न्यूज़लॉन्ड्री ने अश्विनी उपाध्याय से बात की. उन्होंने 3 अप्रैल की हिंदू महापंचायत में अपनी भूमिका से किनारा कर लिया.

अश्वीनी उपाध्याय कहते हैं, "मुझे अभी तक कोई निमंत्रण नहीं मिला है. जब निमंत्रण आएगा मैं इसके बारे में तभी बात करूंगा."

जंतर-मंतर पर हुए जैसे कार्यक्रम की फिर से अनुमति?

पोस्टर के मुताबिक 3 अप्रैल का कार्यक्रम दिल्ली के बुराड़ी निरंकारी ग्राउंड में होगा. जंतर मंतर पर जो हुआ उसे देखते हुए न्यूज़लॉन्ड्री ने निरंकारी मिशन से बात की क्योंकि यह ग्राउंड उनके अंतर्गत आता है. निरंकारी मिशन के सचिव ने हमें बताया, "हम ग्राउंड किसी को नहीं देते. यहां केवल हमारे कार्यक्रम होते हैं."

वहीं न्यूज़लॉन्ड्री ने बुराड़ी थाने के एसएचओ से भी बात की. हिंदू महापंचायत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "यह मैदान निरंकारी मिशन का है. यह मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर है. इसलिए मैं कुछ कमेंट नहीं करूंगा. ऐसी बहुत चीजे होती हैं जिसके बारे में मुझे जानने की जरूरत नहीं है. क्लॉज ऑफ डिनायल होता है."

क्या है आंदोलन की आगे की रूप रेखा?

हिंदू महापंचायत को सफल बनाने के लिए हर विधानसभा से वालंटियरों को जोड़ा जा रहा है. 3 अप्रैल के कार्यक्रम के लिए टेलीग्राम ग्रुप भी बना हुआ है. इस ग्रुप में 13500 से अधिक लोग जुड़े हुए हैं. इस ग्रुप पर कथित 'जिहाद' और मुसलामानों से लड़ने की बातें होती हैं. ग्रुप में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए सामग्री भेजी जाती है.

ज्ञात रहे 8 अगस्त को हुए कार्यक्रम की पूरी रूप-रेखा भी टेलीग्राम ग्रुप पर ही तय की गई थी.

"हमारा काम जनजागृति का है. यह आंदोलन पांच चरणों में चलेगा. यह दूसरा चरण है. चार कारण तक हम जनजागृति करेंगे. पांचवे चरण में हम सरकार से बात करेंगे." प्रीत सिंह कहते हैं.

जब हमने पूछा वह क्यों मुसलामानों को इस आंदोलन से नहीं जोड़ते, वह कहते हैं, "ईश्वर उन्हें सदबुद्धि दे और उन्हें सही मार्ग पर चलाए."

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