पाञ्चजन्य ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से मुस्लिमों से जुड़ी फर्जी जानकारी साझा की.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थित पत्रिका पाञ्चजन्य के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से 16 मार्च को एक फेक जानकारी साझा की गई. ट्वीट कर कहा गया, "फ्लैट बेचो, नहीं तो भुगतना होगा अंजाम." 100-150 मुस्लिमों की भीड़ ने सात्विक सोसाइटी में घुसकर हिन्दुओं को धमकाया. घटना गुजरात की.
पाञ्चजन्य के इस ट्वीट के बाद गुजरात के राज्य गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है.
वहीं इस खबर को भावनगर पुलिस ने भी फेक न्यूज बताया था. पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि एक दैनिक समाचार पत्र ने एक लेख प्रकाशित किया जिसमें बताया गया कि 'हिंदू निवासियों को भावनगर में अपने फ्लैट बेचने के लिए मुसलमानों की भीड़ द्वारा धमकाए गया'. शहर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है और कानूनी नोटिस जारी किया गया है.
इसके बाद राज्य गृहमंत्री ने भावनगर पुलिस के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि आदरणीय मित्रों शहर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. कृपया फेक न्यूज़ वायरल न करें.
इससे पहले पाञ्चजन्य पत्रिका के संपादक हितेश शंकर ने मंदिर तोड़े जाने का एक ट्वीट किया था. अपने ट्वीट में हितेश शंकर ने गृहमंत्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी टैग किया था. बाद में दिल्ली पुलिस ने इसे गलत बताया. पुलिस के मुताबिक, उनकी पड़ताल में ट्वीट में जो बताया गया है वैसा कुछ नहीं मिला.