राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद पत्रकारों ने कहा- ‘अमित मालवीय ने झूठ ही नहीं महाझूठ बोला’

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस में सवाल पूछने के कारण एक वरिष्ठ पत्रकार को बाहर निकाल दिया गया.

WrittenBy:बसंत कुमार
Date:
Article image
  • Share this article on whatsapp

प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद रहे पत्रकार क्या कहते हैं

न्यूज़लॉन्ड्री ने बुधवार शाम प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद रहे कुछ पत्रकारों से बात की. उसमें भी यही सामने आया कि मालवीय के दावे में कोई सच्चाई नहीं है.

एक नेशनल टीवी के रिपोर्टर जो बीते करीब पांच सालों से कांग्रेस कवर कर रहे हैं वे कहते हैं, ‘‘अमित मालवीय ने झूठ ही नहीं महाझूठ बोला. ऐसा कोई वाकया हुआ ही नहीं. हमारे किसी पत्रकार साथी को निकाला जाता और हम लोग चुप रह जाते. यह तो मुमकिन नहीं है.’’

एक चर्चित न्यूज़ वेबसाइट के लिए बीते तीन सालों से कांग्रेस कवर कर रहीं पत्रकार प्रेस कांफ्रेस शुरू होने के एक घंटे पहले पहुंच गई थीं. न्यूज़लॉन्ड्री से कहती हैं, ‘‘राहुल गांधी की पीसी से पहले सुरक्षाकर्मी जांच करते हैं, जिस कारण मैं कुछ देर पहले ही चली गई थी. जो बात अमित मालवीय ने लिखी है वो हमारे सामने तो नहीं हुई जबकि मैं वहां अंत तक मौजूद थी. मेरी समझ से मालवीय झूठ बोल रहे हैं. अक्सर ही लोग प्रेस कांफ्रेस में क्रॉस सवाल करते हैं, लेकिन कल पीसी के विषय के इर्द-गिर्द ही सवाल किया गया. कोई हो-हल्ला नहीं हुआ.’’

वहां मौजूद रहे स्वतंत्र पत्रकार आदेश रावल कहते हैं, ‘‘मैं आधे घंटे पहले से वहां मौजूद था. जिनको मौका मिला उन्होंने सवाल किया. एक दो लोग सवाल नहीं पूछ पाए तो उन्होंने सुरजेवाला से बोला. जिसपर सुरजेवाला ने कहा कि अगली प्रेस कांफ्रेस में सवाल आपसे ही शुरू करेंगे. इसके अलावा वहां कुछ हुआ ही नहीं. दरअसल मालवीय झूठ बोलकर निकल गए और लोग सफाई दे रहे हैं. हम आप बात कर रहे हैं. किसी को सवाल पूछने के कारण निकाला गया यह 2000 प्रतिशत झूठी खबर फैलाई गई है.’’

मालवीय के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर संजीव सिंह ने लिखा, ‘‘बेवकूफ़ों को जवाब ना देना ही समझदारी है.’’

न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए सिंह कहते हैं, ‘‘मालवीय के ट्वीट में कोई सच्चाई नहीं है. ऐसी कोई घटना ही नहीं हुई है. झूठी खबर है. वो उस रिपोर्टर का नाम बताये, जिनके साथ ऐसा हुआ है.’’

इस पूरे मामले पर अमित मालवीय का पक्ष लेने के लिए हमने कई बार उन्हें फोन किया, लेकिन हमारी बात नहीं हो पाई. हमने उन्हें कुछ सवाल व्हाट्सएप किए हैं. अगर उनका जवाब आता है तो खबर में जोड़ दिया जाएगा.

Also see
article imageमोदी सरकार ने विज्ञापन पर तीन साल में खर्च किए दो हजार करोड़ से ज्यादा रुपए
article imageबीजेपी नेता के कार्यक्रम में मुस्लिम विरोधी नारे लगाने वाले चेहरे
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

You may also like