दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
इस हफ्ते टिप्पणी में डंकापति की वापसी. बिहार के बम्पर चुनावी नतीजों से जोश में आए डंकापति ने लाल किले पर हुए आतंकी हमले का गम भुलाते हुए जमकर पार्टी की.
जब लाल किले के बाहर इतना बड़ा धमाका हो गया. जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई, पत्रकारों का स्वाभाविक सा काम था कि वो सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से सवाल पूछते. लेकिन इस देश के तमाम हुड़कचुल्लुओं और मीडिया घरानों ने ये सवाल नहीं पूछा. उन्होंने देश को बताया कि दरअसल यह धमाका सुरक्षा एजेंसियों की सफलता है, सरकार की मुस्तैदी का नतीजा है. आतंकवादी चारो तरफ से घिर चुके थे. इसलिए “पैनिक अटैक” कर दिया. अब तक जो आतंकवादी हमले सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की नाकामी मानी जाती थी, उसे हमारे बेहया दरबारी मीडिया ने खुलेआम सरकार की सफलता कहकर प्रचारित किया.
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बदलते नीतीश, बदलता बिहार: सत्ता, सेहत और सवाल