मुकदमे में दावा किया गया है कि यूट्यूबर ने कॉपीराइट कंटेंट के इस्तेमाल को स्वीकार करने के बावजूद मानहानिकारक बयान दिए.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, एएनआई ने यूट्यूबर मोहक मंगल के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
25 मई को जारी एक वीडियो में मोहक मंगल ने एएनआई पर ज़बरदस्ती वसूली और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया था. यह आरोप तब लगाया गया जब एएनआई ने उनके वीडियो में उपयोग किए गए अपने क्लिप्स को लेकर यूट्यूब पर कॉपीराइट स्ट्राइक की कार्रवाई शुरू की थी. उनका दावा है कि एएनआई के एक प्रतिनिधि ने उनसे संपर्क कर 40 लाख रुपए से अधिक की राशि मांगते हुए कहा कि भुगतान करने पर कॉपीराइट स्ट्राइक हटा दी जाएगी.
हालांकि, बार एंड बेंच के अनुसार एएनआई का दावा है कि मोहक मंगल ने स्वयं स्वीकार किया है कि उन्होंने एएनआई के ओरिजिनल कॉपीराइट वीडियो का उपयोग कर उससे कमाई की थी. इसके बावजूद, उन्होंने एक ऐसा वीडियो प्रकाशित किया जिसमें मानहानि और नुकसान पहुंचाने वाले कई बयान दिए गए हैं. एएनआई का कहना है कि यह वीडियो समाचार एजेंसी की साख को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है.
इस मुकदमे में कथिततौर पर स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को भी प्रतिवादी के रूप में शामिल किया गया है, क्योंकि उन्होंने यह वीडियो अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल से साझा किया था.
वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लिखी शिकायत में मंगल ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सचिव संजय जाजू को ईमेल लिखते हुए कहा कि "वे मेरे चैनल को डिलीट करने की धमकी देकर 48 लाख रुपए की मांग कर रहे हैं. यह देश के डिजिटल क्रिएटर समुदाय के लिए बड़ा खतरा है.”
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