सद्गुरु जग्गी वासुदेव के नेतृत्व वाले फाउंडेशन ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मानहानि का आरोप लगाया. साथ ही 3 करोड़ रुपये हर्जाने की मांग की है.
ईशा फाउंडेशन ने तमिल मीडिया आउटलेट नक्खीरन के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है. याचिका में फाउंडेशन ने मीडिया आउटलेट पर कथित रूप से अपमानजनक वीडियो प्रकाशित करने का आरोप लगाया है. फाउंडेशन का नेतृत्व स्वामी जग्गी वासुदेव करते हैं. बीते सोमवार, 2 दिसंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत याचिका में जग्गी वासुदेव ने वीडियो हटाने की मांग की है और साथ ही 3 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है. फाउंडेशन ने गूगल को भी इस मामले में पार्टी बनाया है क्योंकि वीडियो और रिपोर्ट गूगल और यूट्यूब पर उपलब्ध हैं.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, ईशा फाउंडेशन ने दावा किया कि नक्खीरन ने ऐसी सामग्री प्रकाशित की है जो उसके लिए आलोचनात्मक थी. रिपोर्ट में कहा गया है, "इन रिपोर्टों में फाउंडेशन के भीतर कई तरह के कदाचार का आरोप लगाया गया है, जिसमें शोषण, ब्रेनवॉशिंग और अवैध गतिविधियों के दावे शामिल हैं. ऐसे आरोपों से पता चलता है कि फाउंडेशन में व्यक्तियों को उनकी इच्छा के विरुद्ध रखा जाता है या उन्हें कुछ खास काम करने के लिए मजबूर किया जाता है."
फिलहाल, कोर्ट में अगली सुनवाई अप्रैल, 2025 में होगी.
गौरतलब है कि नक्खीरन ने अपने संपादक नक्खीरन गोपाल के साथ कई वीडियो जारी किए थे, जिसमें वे ईशा फाउंडेशन में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों पर चर्चा कर रहे थे.
न्यूज़लॉन्ड्री ने ईशा फाउंडेशन के खिलाफ़ लगे विभिन्न आरोपों पर गहनता से रिपोर्ट की है. हमारी सीरीज़ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
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