ममता राज, भारत में #RapeCulture और ABVP न्यूज़ वाले रजत शर्माजी

दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.

WrittenBy:अतुल चौरसिया
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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में नियुक्त एक पीजी ट्रेनी डॉक्टर की निर्ममता से बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई. इस घटना ने नए सिरे से कुछ पुराने सवालों को खड़ा कर दिया है. महिलाओं की सुरक्षा, राजनीतिक संवेदनहीनता, पुलिस की नाकामी. कोलकाता में जो हुआ वह बहुत डरावना है. रात में अस्पताल की तीसरी मंजिल में घुसकर अपराधी ने इस कृत्य को अंजाम दिया. इस शर्मनाक घटना के बाद एक-एक कर तमाम ऐसी बातें हुईं जिसने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के रवैए पर गहरा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है.

इस तरह की नृशंस घटनाओं का एक अनवरत सिलसिला है. यह घटना हमें बताती हैं कि कोलकाता में दरअसल कुछ भी नया नहीं हुआ है, न ही कुछ पहली बार हुआ है. नाबालिग लड़कियों से लेकर 70-80 साल की बुजुर्ग महिलाओं के साथ आए दिन हिंसा, बलात्कार, हत्या की घटनाएं होती रहती हैं. इसका लेना देना हमारे चारो तरफ मौजूद और स्वीकार्य एक अदृश्य बलात्कार की संस्कृति से है.

इतने गहरे फंसे विवाद के बीच इंडिया टीवी वाले रजत शर्माजी की आत्मा को एक अलग ही बात पर क्लेश हो गया है. क्लेश नहीं बल्कि पीड़ा कहिए. शर्माजी की पीड़ा यह है कि जब तक खेलों में राजनीति और परिवारवाद घुसा रहेगा, ओलंपिक में मेडल नहीं मिलेंगे.

आपको तो पता ही होगा कि शर्माजी दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन यानी डीडीसीए के चेयरमैन रह चुके हैं. और उन्हें यह पद उन्होंने प्रथम श्रेणी की क्रिकेट में आला प्रदर्शन करके हासिल किया था. शर्माजी की बड़ी पीड़ा यह भी है कि विनेश फोगट और मनु भाकर को राजनीति में उतारा जा रहा है. उनकी इच्छा है कि भगवान के लिए इन लोगों को राजनीति में न उतारा जाय.

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