केंद्र की एनडीए सरकार के प्रमुख सहयोगी दल जेडीयू की बिहार में सरकार है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा था कि बजट में बिहार को काफी फायदा होगा.
2024 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी बहुमत से चूक गई. वर्तमान में सरकार जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सहयोग से चल रही है. जिस कारण अंदाजा लगाया जा रहा था कि एनडीए सरकार के इस बजट में इन दोनों राज्यों को ज़्यादा तवज्जो दी जाएगी. हुआ भी कुछ ऐसा ही. दोनों राज्यों के लिए काफी कुछ घोषणाएं हुईं.
हालांकि, बजट से पहले सोमवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जाएगा. इसके बाद जेडीयू पर सवाल उठने लगे. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने तो मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग तक कर दी. हालांकि, मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया तो बिहार के हिस्से में काफी कुछ आया. जिसमें सड़क, एयरपोर्ट, बाढ़ नियंत्रण और पर्यटन पर खर्च का वादा किया गया.
बजट भाषण के दौरान सीतारमण ने बताया कि 26 हजार करोड़ रुपये की लागत से, पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे, बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं के विकास के अलावा बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने के लिए भी केंद्र सहायता देगा.
इसके बाद उन्होंने कहा, "21,400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी, जिसमें भागलपुर के पिरपैंती में 2400 मेगावाट के एक नए विद्युत संयंत्र की स्थापना करना भी शामिल है. साथ ही बिहार में नया हवाई अड्डा, मेडिकल कॉलेज और खेलों को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण भी किया जाएगा. हालांकि, नया एयरपोर्ट और मेडिकल कॉलेज कहां बनेगा और इसपर कितना खर्च आएगा, इसका जिक्र वित्त मंत्री ने नहीं किया.
आगे सीतारमण ने बिहार को पूंजीगत निवेशों में सहायता करने के लिए अतिरिक्त आवंटन उपलब्ध कराने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा, ‘‘बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाह्य सहायता के बिहार सरकार के अनुरोधों पर तेजी से कार्रवाई की जाएगी.’’
पर्यटन हब
केंद्र सरकार ने ‘पूर्वोदयः विकास भी, विरासत भी’ योजना की शुरुआत की है. जिसमें बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश शामिल हैं.
इसको लेकर वित्त मंत्री ने बताया कि देश के पूर्वी भाग के राज्य संपदाओं से समृद्ध हैं और उनकी सांस्कृतिक परंपराएं मजबूत हैं. हम बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को शामिल करते हुए देश के पूर्वी क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए पूर्वोदय नामक योजना तैयार करेंगे. इसमें मानव संसाधन विकास, बुनियादी ढांचे और आर्थिक अवसरों के सृजन को शामिल किया जाएगा, ताकि इस क्षेत्र को विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाए.
आगे वित्त मंत्री कहती हैं कि अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे को देखते हुए केंद्र गया में भी एक औद्योगिक केंद्र के विकास में सहायता प्रदान करेगा. इस गलियारे से पूर्वोत्तर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. गया का यह औद्योगिक केंद्र सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण प्राचीन केंद्रों को आधुनिक अर्थव्यस्था के भविष्य के केंद्रों के रूप में विकसित करने के लिए एक अच्छा मॉडल भी बनेगा.
बजट में काशी कॉरिडोर की तर्ज पर बिहार के गया और बोधगया में कॉरिडोर का निर्माण भी शामिल है. वित्त मंत्री ने कहा कि गया स्थित विष्णुपद मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर को विश्वस्तरीय तीर्थ स्थल और पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी.
वहीं, राजगीर और नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की घोषणा भी बजट में की गई है. हालांकि, सहायता क्या होगी इसके बारे में नहीं बताया गया है.
बाढ़ से बिहार को राहत दिलाने की घोषणा
बिहार हर साल बाढ़ की त्रासदी से गुजरता है. बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी हर साल अपना मार्ग बदलती है और विस्तार करती है, जिससे जनजीवन को हानि होती है. इसको लेकर सालों से कई योजनाएं चल रही हैं. इस बार भी केंद्रीय बजट में बिहार को बाढ़ से बचाने के लिए घोषणा की गई है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि बिहार ने अक्सर बाढ़ का ताप झेला है. जिसमें से कई बाढ़ देश के बाहर से आती हैं. नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के निर्माण की योजना पर प्रगति होना अभी बाकी है. हमारी सरकार, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम और अन्य स्रोतों के माध्यम से 11,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कोसी-मेची अंतर-राज्यीय लिंक और बैराजों, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं सहित 20 अन्य चालू और नई योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.
नेताओं ने क्या कहा
राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बजट को सकारात्मक एवं स्वागत योग्य बताया. उन्होंने लिखा, ‘‘इस बजट में बिहार की जरूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है. इसके तहत बिहार के मानव संसाधन विकास एवं बुनियादी विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है.’’
वहीं, राजद नेता और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बजट को निराशजनक बताया. उन्होंने लिखा, ‘‘आज के बजट ने बिहार के लोगों को फिर निराश किया है. बिहार को प्रगति पथ पर ले जाने के लिए एक रिवाइवल प्लान की ज़रूरत थी और जिसके लिए विशेष राज्य के दर्जे के साथ विशेष पैकेज की सख़्त जरूरत है. रूटीन आवंटन तथा पूर्व स्वीकृत, निर्धारित व आवंटित योजनाओं को नई सौग़ात बताने वाले बिहार का अपमान ना करें.’’
यादव ने आगे लिखा, ‘‘पलायन रोकने, प्रदेश का पिछड़ापन हटाने तथा उद्योग धंधों के साथ-साथ युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए हम विशेष राज्य के दर्जे की मांग से इंच भर भी पीछे नहीं हटेंगे.’’
बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य सरकार में उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री का धन्यवाद कहा. उन्होंने लिखा, “आज पीएम मोदी जी ने हर क्षेत्र में बिहार के स्वर्णिम विकास के लिए भारत के खजाने को बिहार की तरफ खोलने का काम किया है, यह एक मत्वपूर्ण योगदान है.”
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