वित्तमंत्री ने शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया कि बजट में उनकी प्राथमिकता युवा और स्किल डेवलपमेंट हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश किया. ये उनका लगातार 7वां बजट था. भाषण की शुरुआत में उन्होंने कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है, और आगे भी इसके जारी रहने की उम्मीद है. महंगाई लगातार कंट्रोल में है. खाने-पीने की चीजें भी पहुंच में हैं. जैसा कि अंतरिम बजट में कहा था- गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता- हम इन चार वर्गों पर फोकस करना चाहते हैं."
उन्होंने आगे कहा कि पिछले एक महीने में हमने लगभग सभी प्रमुख फसलों पर बढ़ी हुई एमएसपी की घोषणा की है. 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना चल रही है.
आइए जानते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या-क्या बड़ी घोषणाएं की.
नौकरीपेशा युवाओं के लिए: ईपीएफओ में पहली बार पंजीकृत कर्मचारियों को एक महीने के वेतन का 15 हजार रुपये तक डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर का ऐलान. इसके अलावा रोजगार पाने के पहले चार वर्षों में कर्मचारी और कंपनी को ईपीएफओ में योगदान के अनुसार प्रत्यक्ष प्रोत्साहन देने की घोषणा. हालांकि, ये कितना और किस तरह होगा. इसका अनुमान उनके भाषण से नहीं लग सका.
महिला एवं छात्रों के लिए: जिन्हें सरकारी योजनाओं के तहत कोई फायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें देशभर के संस्थानों में एडमिशन के लिए लोन मिलेगा. लोन का 3 फीसदी तक पैसा सरकार देगी. इसके लिए ई-वाउचर्स लाए जाएंगे, जो हर साल एक लाख स्टूडेंट्स को मिलेंगे. साथ ही कामकाजी महिलाओं के लिए होस्टलों और शिशुगृहों की स्थापना का ऐलान.
बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए: आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ और बिहार को 41 हजार करोड़ रुपये की मदद का ऐलान. इनके अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लिए भी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए विशेष स्कीम लाने की घोषणा.
किसानों के लिए: 6 करोड़ किसानों की जानकारी लैंड रजिस्ट्री पर लाई जाएगी. 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे.
एमएसएमई के लिए: मुद्रा लोन की रकम 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का ऐलान. इस सेक्टर को दबाव के दौरान भी बैंक से आसानी से लोन मिलता रहे इसके लिए नई व्वयस्था की घोषणा. एमएसएमई तथा पारंपरिक कारीगरों के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप मॉडल के तहत ई-कॉमर्स केंद्र खोले जाएंगे. जहां ये अपना माल आसानी से अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेच सकेंगे.
महिलाओं और लड़कियों के लिए: महिलाओं और लड़कियों के लिए लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान.
आदिवासियों के लिए: आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का ऐलान. यह योजना आदिवासी-बहुल गांवों और जिलों में आदिवासी परिवारों के 63,000 गांवों को कवर करेगी. जिससे 5 करोड़ आदिवासी लोगों को लाभ मिलने का अनुमान है.
रोजगार और कौशल प्रशिक्षण: सरकार ने रोजगार और कौशल प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया है. इसके लिए कुछ अहम घोषणाएं की गई हैं. जैसे कि हब और स्पोक व्यवस्था के तहत अगले 5 सालों में 1000 आईआईटी को अपग्रेड किया जाएगा. साथ ही भारत की टॉप 500 कंपनियों में देश के 5 करोड़ युवाओं कौशल प्रशिक्षण देंगी. 5 हजार रुपये मासिक मानदेय के साथ 12 महीने की इंटर्नशिप योजना का ऐलान.
उद्योगों के लिए: सरकार 100 प्रमुख शहरों या उसके आस-पास इंडस्ट्रियल पार्क खोलेगी. 12 इंडस्ट्रियल पार्कों को मंजूरी दी जाएगी. औद्योगिक कर्मियों के लिए पीपीपी मॉडल के तहत किराये के मकानों के निर्माण का ऐलान.
सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना: 1 करोड़ घरों को 300 यूनिट तक हर महीने बिजली फ्री का ऐलान. इसके अलावा एनटीपीसी और बीएचईएल मिलकर 800 मेगावॉट का कर्मशियल प्लांट लगाएंगे. जो कि अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर तकनीक पर आधारित होगा.
इनकम टैक्स: वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए नई आयकर व्यवस्था चुनने वालों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन बढकर 75 हजार हुआ. फैमिली पेंशन पर स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़कर 25 हजार करने का ऐलान. साथ ही सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर 6 फीसदी किया गया. जिससे भविष्य में इन दोनों के दामों में गिरावट के आसार हैं. नई स्कीम के तहत टैक्स स्लैब में भी बदलाव हुआ. नई स्लैब के तहत 0 से 3 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. 3 से 7 लाख रुपये तक 5 फीसदी, 7 से 10 लाख रुपये तक 10 फीसदी, 10 से 12 लाख रुपये तक 15 फीसदी. 12 से 15 लाख तक 20 फीसदी. 15 लाख से ज्यादा की सैलरी पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा.
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