इन दोनों राज्यों में पेपर लीक हुआ. बिहार में एक पूरा गिरोह काम कर रहा था तो गुजरात में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई.
आपने कभी एंट्रेंस एग्जाम दिया है? तो आप सेंटर कहां चुनते हैं? जाहिर है, जिस शहर में आप रहते हैं. अगर एक से ज़्यादा सेंटर चुनने का विकल्प हो तो? तब शायद आस पास के शहरों को चुनते हैं. है न? लेकिन नीट यूजी के पेपर में बिहार, ओडिशा और अन्य राज्यों के छात्रों ने गुजरात में अपना सेंटर चुना था. सिर्फ सेंटर ही गुजरात में नहीं था बल्कि उन्होंने पेपर भी गुजराती भाषा में दिया. थोड़ा अजीब है न?
न्यूज़लॉन्ड्री के सेना प्रोजेक्ट ‘NEET But Not Clean’ के तहत हमारी रिपोर्टर सुमेधा मित्तल जब गुजरात के गोधरा में पेपरलीक की पड़ताल करने गई तो यह सब सामने आया. पड़ताल में सामने आया कि कैसे दूसरे राज्यों और दूसरी भाषा के छात्र गुजरात में परीक्षा देने पहुंचे.
गुजरात में हुए इस कथित पेपर लीक में एनटीए से कहां-कहां गलती हुई? एक ही शख्स को दो जिलों का कोर्डिनेटर कैसे बनाया गया? कैसे गुजरात पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के बाद भी एनटीए से मदद क्यों नहीं मिली? आखिर क्यों गोधरा पुलिस को कहना पड़ा कि एनटीए जांच में सहयोग नहीं कर रही है? इन सब सवालों के जवाब सुमेधा की रिपोर्ट में मिलेंगे.
गुजरात की ही तरह बिहार में भी पेपरलीक हुआ. यहां भी मामला दर्ज हुआ. जांच में सामने आया कि यहां तो पूरा एक गिरोह ही पेपरलीक में जुटा हुआ है. हमारी पड़ताल में सामने आया कि कैसे पटना से नालंदा और नालंदा से हजारीबाग तक पेपरलीक के कनेक्शन जुड़े हैं. इस गिरोह के काम करने के तरीके पर रिपोर्टर बसंत कुमार ने विस्तार से रिपोर्ट की है.
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