मामले पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि वह केजरीवाल की गिरफ्तारी को राजनीतिक लड़ाई नहीं बल्कि कानूनी लड़ाई के तौर पर देखती है.
दिल्ली हाईकोर्ट से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को झटका लगा है. हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी और हिरासत गैर-कानूनी नहीं है.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने कहा कि केजरीवाल द्वारा गिरफ्तारी के समय पर उठाए जा रहे सवाल निराधार हैं. उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को कानून के नजरिए से देखा जा सकता है न कि राजनीतिक नजरिए से. उन्हें मुख्यमंत्री होने के नाते विशेष छूट नहीं दी जा सकती है. उन्होंने मगुंटा और सरथ रेड्डी की गवाही पर सवाल उठाए हैं, इसलिए उन्हें उनका सरकारी गवाहों की समीक्षा करने का अधिकार दिया जाएगा.
मालूम हो कि केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने गिरफ्तारी को ‘गैर-कानूनी’ बताया था. केजरीवाल की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने गिरफ्तारी के खिलाफ कई दलीलें दी थी. उन्होंने कहा था कि यह जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ऐन पहले की गई कार्रवाई है. जिसके जवाब में ईडी ने कहा था कि चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को छोड़ा नहीं जा सकता है क्योंकि कानून सभी के लिए समान है. इस तरह 3 अप्रैल को करीब चार घंटे तक चली सुनवाई के बाद जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसे आज सुनाया गया.
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