दिल्ली हाईकोर्ट ने मानहानि मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि यूट्यूबर चाहें तो डेरा प्रमुख को लेकर एक नया वीडियो अपलोड कर सकते हैं. लेकिन ये वीडियो हटाना होगा.
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वतंत्र पत्रकार और यूट्यूबर श्याम मीरा सिंह को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को लेकर बनाए गए वीडियो को हटाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने मानहानि मुकदमे में अंतरिम राहत की मांग करने वाली मीरा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. मीरा को अगले 24 घंटे के भीतर सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ये वीडियो हटाने को कहा गया है.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने श्याम मीरा सिंह को कहा कि वे चाहें तो एक नया वीडियो अपलोड कर सकते हैं. जिसमें इस बात का साफ-साफ जिक्र हो कि डेरा प्रमुख को लेकर कही गई बातें ट्रायल कोर्ट के फैसलों और एक किताब पर आधारित हैं.
'गुरमीत राम रहीम ने अपने भक्तों को कैसे बेवकूफ बनाया?', के शीर्षक से प्रकाशित ये वीडियो मीरा द्वारा 17 दिसंबर को अपलोड किया गया था. अदालत ने कहा कि इसकी सामग्री ट्रायल कोर्ट के फैसले पर आधारित थी और इसमें अनुराग त्रिपाठी की 'डेरा सच्चा सौदा और गुरमीत राम रहीम सिंह' नामक पुस्तक से भी कुछ अंश उद्धृत किए गए थे. हालांकि, वीडियो में इन दोनों तथ्यों का कोई जिक्र नहीं था.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरमीत राम रहीम ने 21 दिसंबर को वीडियो को लेकर श्याम मीरा सिंह को कानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें कहा गया था कि वीडियो 'स्पष्ट रूप से अपमानजनक और बदनाम करने वाला' था. विवादास्पद धर्मगुरु ने बाद में हाईकोर्ट का रुख किया था.
मालूम हो कि राम रहीम को कई मामलों में दोषी ठहराया गया है. इनमें दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार के लिए 20 साल की कैद और अपने कर्मचारी रंजीत सिंह एवं पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा शामिल है.
वहींं, फैसले के बाद श्याम मीरा सिंह ने कहा कि कोर्ट ने उनकी जीत हुई. क्योंकि डेरा प्रमुख ने 2 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा किया था. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.