राजस्थान: दैनिक भास्कर ने ‘लाल डायरी’ पर ख़बर प्रकाशित कर हटाई 

इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि राजस्थान के मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत का कहना है कि कांग्रेस दोबारा सत्ता में वापस नहीं आएगी और इसके लिए उनके पिता अशोक गहलोत जिम्मेदार हैं.

लैपटॉप में भास्कर की वो ख़बर जो बाद में वेबसाइट से हटा ली गई.

दैनिक भास्कर डिजिटल ने 14 नवंबर को ‘लाल डायरी’ पर एक खबर प्रकाशित की. इस ख़बर में डायरी के चार पन्नों का जिक्र किया गया था. कहानी का शीर्षक था, ‘राजस्थान में चर्चित लाल डायरी के चार पन्ने सामने आए: कांग्रेस नेता ने लिखा था- ‘वैभव गहलोत बोले- लिखकर देता हूं सरकार नहीं आएगी, पापा इसका कारण’. इस ख़बर को गोवर्धन चौधरी की बाइलाइन के साथ प्रकाशित किया गया था. हालांकि, इस ख़बर को कुछ घंटों बाद ही वेबसाइट से हटा दिया गया. 

इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जो कांग्रेस पार्टी के सदस्य और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं, उनका मानना है कि कांग्रेस दोबारा सत्ता में वापस नहीं आएगी और उसके लिए उनके पिता स्वयं अशोक गहलोत जिम्मेदार हैं.

रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘लाल डायरी’ में कथित तौर पर कांग्रेस पार्टी के काले रहस्य शामिल हैं, जिसका जिक्र पहली बार इस साल जुलाई में हुआ था. 

यही नहीं इसके अलावा 20 नवंबर को राजस्थान के पाली में चुनाव प्रचार के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा, "खुद को जादूगर कहने वाला मुख्यमंत्री हार से इतना घबरा गया है कि उसने मीडिया को धमकी देना शुरू कर दिया है. यहां लाल डायरी के पन्नों पर ख़बर प्रकाशित करने पर अघोषित प्रतिबंध है. टीवी चैनल समेत कोई भी इसे प्रकाशित नहीं कर रहा है.”

न्यूज़लॉन्ड्री  इस कथित डायरी की कहानी को प्रमाणित नहीं करता है.

हमने इस मामले पर दैनिक भास्कर का पक्ष जानने की कोशिश की. डिजिटल संपादक किरण राजपुरोहित और कार्यकारी निदेशक भरत अग्रवाल ने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है, जबकि दैनिक भास्कर के प्रबंध संपादक सुधीर अग्रवाल से संपर्क नहीं हो सका.

दैनिक भास्कर के एक पत्रकार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि राजस्थान राज्य से जुड़े होने के कारण इस लेख को हटाने का निर्णय जयपुर कार्यालय से लिया गया है. वह आगे जोड़ते हैं कि रही बात मीडिया को धमकाने की तो इसमें न कांग्रेस पीछे है न ही भाजपा. 

एक और पत्रकार ने हमें बताया, “जानते हैं कि जब आप राज्य के सबसे शक्तिशाली लोगों के खिलाफ ख़बर प्रकाशित करते हैं तो उसका अंजाम क्या होता है. आपको एक कॉल आती है और ख़बर को हटा दिया जाता है.”

वहीं, एक अन्य ने कहा कि ख़बर को बिल्कुल भी हटाया नहीं गया है, लेकिन जब हमने बताया कि ख़बर के वेब लिंक पर अब यह रिपोर्ट नहीं है, तो उन्होंने वेबसाइट पर 'रेड डायरी' से संबंधित 200 ख़बरें होने की जानकारी देते हुए आगे कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.

बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब दैनिक भास्कर ने किसी ख़बर को हटाया है. इससे पहले भी हमने कई रिपोर्ट की हैं जिन्हें दैनिक भास्कर ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म से हटा लिया है. इसकी वजह चाहे सत्ता का दवाब रहा हो या फिर कुछ और.

इससे पहले सितंबर में दैनिक भास्कर ने उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग से संबंधित खबर को मात्र तीन घंटे मेंहटा लिया था. वहीं, जुलाई 2022 में ‘कन्हैयालाल के हत्यारे का भाजपा से संबंध’ वाली वीडियो रिपोर्ट को भी दैनिक भास्कर ने बाद में हटा लिया था.

इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

अनुवाद- सत्येंद्र कुमार चौधुरी

subscription-appeal-image

Support Independent Media

The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.

Contribute
Also see
article imageदैनिक भास्कर ने फिर हटाई ख़बर, सीएम योगी के सूचना विभाग पर उठाए थे सवाल
article imageदैनिक भास्कर: फर्जी ख़बर हिंदी में तो ‘माफीनामा’ अंग्रेजी में प्रकाशित किया
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

You may also like