इस वीडियो रिपोर्ट में भास्कर ने साबित किया था कि उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या करने वाला रियाज अंसारी भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता था.
बीजेपी के दबाव में हटाई वीडियो
दैनिक भास्कर डिजिटल की संपादकीय टीम के एक शीर्ष कर्मचारी हमें बताते हैं, "यह वीडियो वेबसाइट पर पब्लिश हुई थी. जिसमें कन्हैयालाल की हत्या के आरोपी को एक्सपोज किया गया था कि वह कैसे भाजपा से जुड़ा हुआ था. इस वीडियो को 3 जुलाई की शाम यानी रविवार को पब्लिश किया गया और 4 जुलाई यानी सोमवार दोपहर को हटा दिया गया. यह केवल वेबसाइट ही नहीं बल्कि दैनिक भास्कर के जितने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म हैं वहां से भी हटा लिया गया है. लेकिन यह इतनी देर में ही काफी वायरल हो गई थी."
वह आगे कहते हैं, 'वीडियो हटाए जाने के बारे में जब हमने मैनेजमेंट से बात की तो उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से वीडियो हटाने के लिए बहुत ज्यादा प्रेशर था. इस वीडियो के सामने आने से भाजपा की छवि खराब हो रही थी."
दैनिक भास्कर की इस खबर को रीट्वीट करते हुए वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने भास्कर और खबर करने वाले रिपोर्टर की तारीफ की थी. अब यह खबर पेज से डिलीट कर दी गई है.
दैनिक भास्कर के एक अन्य सीनियर रिपोर्टर दबाव की बात स्वीकार करते हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर वह कहते हैं, "आप तो जानते हैं कि ख़बर क्यों हटाई जाती है. वीडियो पब्लिश होते ही भाजपा नेताओं ने दबाव बनाना शुरू कर दिया था. क्योंकि वह काफी वायरल होने लगा था और पार्टी की छवि खराब हो रही थी. इसके बाद मैनेजमेंट ने वीडियो हटाने का फैसला लिया."
हमने दैनिक भास्कर डिजिटल के एडिटर प्रसून मिश्रा से भी बात की. वह वीडियो हटाए जाने के सवाल पर कहते हैं, "वह राजस्थान की लोकल टीम की ख़बर होगी. उसमें कोई समस्या आई होगी तो हटा ली गई होगी. हमें देखना होगा, शायद कोई टेक्निकल इश्यू रहा होगा. हम इसका पता लगाएंगे."
प्रसून बताते हैं कि उदयपुर में पिछले कुछ दिनों में 35-50 से ज्यादा खबरें लोकल लेवल पर पब्लिश हुई हैं. अगर उनमें कुछ इश्यू होंगे तो खबर हटी भी होंगी. हालांकि जिस इंसीडेंट की बात आप कर रहे हैं उसके अन्य कई वीडियो अभी भी हैं.
इसके बाद वो कहते हैं, "मैं पता लगाऊंगा लेकिन मैं आपको बताने के लिए अकाउंटेबल नहीं हूं."
हमने दैनिक भास्कर के स्टेट एडिटर किरण राजपुरोहित से भी बात की. वीडियो हटाए जाने के सवाल पर वह घुमा-फिराकर जवाब देते नजर आए.
राजपुरोहित कहते हैं, "हमारे यहां तो सभी वीडियो चल रहे हैं." जब हमने कहा कि हम उस वीडियो का लिंक आपको व्हाट्सएप कर रहे हैं. तब उन्होंने कहा, "जिस खबर की आप बात कर रहे हैं उसे हमने 48 घंटों से 72 घंटों तक लगातार चलाया था. इसके बाद कुछ वीडियो बड़े या छोटे होते हैं. वे कुछ टेक्निकल कारणों के चलते अप या डाउन हो जाते हैं."
राजपुरोहित लगातार कहते रहे कि वह वीडियो उनके यहां चल रहा है. हमने उनसे कहा कि आप उस वीडियो का व्हाट्सएप लिंक भेज सकते हैं. तब उन्होंने इनकार कर दिया.
बता दें कि उदयपुर के कन्हैयालाल दर्जी की हत्या 28 जून को उनकी दुकान में कर दी गई थी. उन्होंने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी. हत्यारों ने घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो डाले थे. हत्या को अंजाम देने वाले दोनों आरोपियों गौस मोहम्मद और रियाज अंसारी को पुलिस ने कुछ घंटों बाद ही गिरफ्तार कर लिया था.