दो हफ्ते पहले हरियाणा के रावली और शेखपुर में गौ रक्षकों ने कई लोगों पर "गौ तस्करी और गौ हत्या" के नाम पर हमला किया.
23 अप्रैल को हथियारों से लैस लोगों के द्वारा कुछ आदमियों को पीटते हुए, उन्हें धकेल कर गाड़ियों में डालते हुए और गांव वालों को डराते हुए दिखाते वीडियो सोशल मीडिया पर चलने लगे.
यह वीडियो हरियाणा के नूह जिले के रावली और शेखपुर गांव से थे. इन्हें कई गौ रक्षक दल और बजरंग दल के सदस्यों के द्वारा शूट किया गया था, जिन्होंने इन पीड़ितों पर कथित तौर पर गायों की तस्करी और हत्या करने की वजह से हमला किया. इन लोगों के जाने के बाद भी गांव वालों में डर का माहौल है.
हरियाणा में, गायों की रक्षा के लिए गौ रक्षक अधिकतर स्थानीय पुलिस के साथ तालमेल बिठाकर काम करते हैं. गौ रक्षकों और पुलिस दोनों के हिसाब से ही, घटनाओं के समय पुलिस वहां मौजूद थी.
जिन लोगों की पिटाई की गई वह इस समय गौ हत्या और तस्करी के आरोपों में पुलिस की हिरासत में हैं. लेकिन जिन लोगों ने उन पर हमला किया, न उन्हें हिरासत में लिया गया और न ही उनका नाम एफआईआर में दर्ज है.
गांव वालों ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि उन्होंने पुलिस वालों को इन लोगों के नाम बताए थे. इसकी जगह पर, हिंसा के लिए "अज्ञात लोगों" के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
साल 2014 से, भारत में गौ रक्षा के नाम पर होने वाली गुंडागर्दी में बढ़ोतरी हुई हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट के अनुसार 2015 से 2018 के बीच स्वघोषित गौ रक्षक दलों के द्वारा कम से कम 44 लोगों की हत्या हुई है.
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