इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय डिजिटल इंडिया बिल का मसौदा तैयार करने के अंतिम चरण में है.
केंद्र सरकार की योजना डिजिटल फैक्ट चेक प्लेटफॉर्म्स के लिए रजिस्ट्रेशन को लागू करने की है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें तो सरकार की डिजिटल इंडिया बिल के तहत रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाने की योजना है.
अखबार ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से लिखा, यह एक चरणबद्ध प्रक्रिया हो सकती है जिसमें पुराने आउटलेट्स को पहले चरण में पंजीकरण प्राप्त करने की अनुमति दी जाएगी.
अधिकारी ने आगे बताया कि मंत्रालय विधेयक का मसौदा तैयार करने के अंतिम चरण में है. इस बात पर विचार किया जा रहा है कि फैक्ट चेक करने वालों को सरकार के साथ पंजीकृत किया जाना चाहिए. इसके अलावा "'नॉन लीगेसी' फैक्ट चेक यूनिट्स को अभी रजिस्टर नहीं करने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, विधेयक में फैक्ट चेक पोर्टलों सहित अन्य ऑनलाइन मध्यस्थों के प्रकारों को वर्गीकृत करने की योजना है, क्योंकि केंद्र विभिन्न प्रकार के मध्यस्थों के लिए विशिष्ट नियम निर्धारित करना चाहता है.
मालूम हो कि जनवरी में घोषित नए आईटी रूल्स (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता), 2021 में एक प्रस्तावित संशोधन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों सहित सभी मध्यस्थों के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य बना दिया कि किसी भी समाचार लेख को "फर्जी या गलत" के रूप में पहचान करें, जिसका निर्धारण प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट चेक यूनिट करेगी.
हालांकि, पीआईबी की फैक्ट चेक यूनिट को लेकर भी कई तरह के सवाल उठते रहते हैं. इसके बारे में ज्यादा जानकारी के लिए न्यूज़लॉन्ड्री की ये रिपोर्ट पढ़िए.