डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव: फिजिकल से डिजिटल तक नफरत फैलाते हिंदुत्व के हरकारे

देश के विभिन्न शहरों में लग रहे हैं सोशल मीडिया पर मज़हबी नफरत, फर्जी खबरें फैलाने और ट्रोल करने वाले तथाकथित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के जमावड़े 

WrittenBy:प्रतीक गोयल
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भोपाल के शाहपुरा स्थित आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी के हॉल में 18 मार्च को एक कार्यक्रम आयोजित हुआ. जिसमें भाजपा के प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के कुछ आला नेता शामिल हुए. साथ ही कुछ ऐसे लोग भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने जो सोशल मीडिया पर फर्जी ख़बरें फैलाने, मज़हबी नफरत और भड़काऊ बातें करने के लिए कुख्यात हैं.  

कार्यक्रम में एक युवक ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) से इतिहास में डॉक्टरेट कर रही इतिहासकार रुचिका शर्मा के नाम का हवाला देते हुए एक सवाल पूछा. युवक का कहना था कि रूचिका ने एक इंटरव्यू के दौरान सोमनाथ को सूमनाथ कहा और उनके इस बयान को सोशल मीडिया पर लाखों लाइक्स मिले हैं. युवक आगे पूछता है कि क्या जेएनयू में सबका दिमाग ऐसे ही चलता है? वह आपत्ति जताते हुए फिर पूछता है कि अभी तक वह शो इंटरनेट पर क्यों है और उसका विरोध कैसे किया जाए? 

इस सवाल का जवाब देते हुए भाजपा नेता निशांत खरे कहते हैं, "उस चक्कर में क्यों पड़े हो कि सोमनाथ को सूमनाथ कह दिया तो अब मैं उसका विरोध करूंगा, तुम भी बहुत सी जगहों का इस्तेमाल कर सकते हो. ये कह सकते हो कि यहां तो शिव का मंदिर था, जहां अभी मक्का है. वैसा एक नैरेटिव चला दो, फिर देखते हैं क्या होता है." सीधे तौर पर इंदौर का यह भाजपा नेता उस युवक को झूठ फैलाने की सलाह दे रहा था. 

डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव के नाम से आयोजित हुए इस कार्यक्रम में दिन भर लव जिहाद, लैंड जिहाद, जिहादी मुसलमान, टूल किट, सोशल मीडिया पर झूठ लिखने की सीख देने वाली चर्चाएं हुई. यह कॉन्क्लेव सोशल मीडिया पर मज़हबी नफरत, झूठी खबरें फैलाने वालों और ट्रोल करने वाले तथाकथित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का जमावड़ा था. 

हालांकि, यह कोई पहला ऐसा सम्मलेन नहीं था. पिछले दो साल में दर्जनों ऐसे कॉन्क्लेव हो चुके हैं. जिसमें इसी तरह तथाकथित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और भाजपा नेता शामिल होते हैं. ये लोग बताते हैं कि कैसे सोशल मीडिया को हिंदुत्व के प्रचार-प्रसार के लिए इस्तेमाल किया जाए और हर मुद्दे का हिंदुत्व के नजरिए से एक नैरेटिव तैयार किया जाए. 

सोशल मीडिया पर झूठी खबरें और अफवाहें फैलाने की वजह से हमारे देश में कई बार हिंसा, हत्या और दंगे हो चुके हैं. साल 2020 में पालघर में दो निर्दोष साधुओं की हत्या भी सोशल मीडिया के जरिये फैली अफवाहों के कारण हुई थी. हाल ही में तमिलनाडु में काम करने वाले बिहारी मजदूरों के बीच जो डर का माहौल पैदा हुआ, उसके पीछे भी फर्जी खबरों के साथ सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों का हाथ था. 

झूठी ख़बरों के कारण इतना कुछ हो चुका है बावजूद इसके मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा खुले मंच से सोशल मीडिया पर झूठ फैलाने की पैरवी करते हैं.

भोपाल में हो रहे इस कार्यक्रम के दौरान शर्मा कहते हैं कि देशहित में सोशल मीडिया के जरिए अगर झूठ फैलाया जाए तो वह उसे झूठ नहीं समझते. वे चाणक्य नीति के जरिए अपने इस तर्क को मान्यता देने की कोशिश करते हैं. वे कहते हैं, “चाणक्य ने कहा है कि समाज को बचाने के लिए, समाज को आगे ले जाने के लिए, देश के हित में साम-दाम, दंड-भेद के साथ अगर कुछ करना पड़े तो वह गलत नहीं है.” 

शर्मा इस दौरान ये भी खुलासा करते हैं कि महू वाले मामले में उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से सोशल मीडिया के जरिए झूठ फैलाने की बात भी कही थी. 

गौरतलब है कि गत मार्च महीने में महू (मध्य प्रदेश) के बड़गोंदा क्षेत्र में एक आदिवासी युवती की मृत्यु के बाद पुलिस थाने पर पथराव हो गया था. युवती के परिवार के लोगों का आरोप था कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है जबकि पुलिस का कहना था कि युवती की मौत करंट लगने से हुई है. इस दौरान पुलिस फायरिंग में एक युवक की मौत भी हो गयी थी. जिसके बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मामले की न्यायायिक जांच के आदेश दिए थे. इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा में काफी हंगामा हुआ था. 

वीडी शर्मा का कहना है, “देश विरोधी ताकतों को ठीक करना है तो सोशल मीडिया वॉरियर्स को 24 घंटे अलर्ट रहने के साथ चाणक्य की साम-दाम, दंड-भेद की नीति पर काम करना होगा.”

शर्मा ने अपने भाषण में कहा कि सोशल मीडिया के आने से पहले मीडिया ने प्रधानमंत्री मोदी की छवि को काफी नकारात्मक तरीके से प्रस्तुत किया था लेकिन नेशनलिस्ट सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और डिजिटल वॉलन्टियर्स के जरिए समाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में सकारात्मक धारणा बनाई गई है.

शर्मा ने कहा, “नेशनलिस्ट सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को एक करने की ज़रूरत है, भारत जब विश्वगुरु बनेगा तो डिजिटल हिन्दू वॉलन्टियर्स की उसमें बड़ी भूमिका होगी.”  

गौरतलब है कि भोपाल में हुए कॉन्क्लेव में जिन तथाकथित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को पैनलिस्ट के रूप में बुलाया गया था उनमें इंडिया न्यूज़ के पत्रकार प्रदीप भंडारी, भाजपा नेता कपिल मिश्रा, भड़काऊ भाषण देने वाली काजल सिंगला उर्फ काजल हिन्दुस्तानी, अंशुल सक्सेना आदि शामिल थे. इनके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री शिव प्रकाश, भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश भाजपा के प्रभारी मुरलीधर राव, मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा और मध्य प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री हितानन्द शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे. 

प्रदीप भंडारी, फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु को लेकर बेबुनियाद और फर्जी रिपोर्टिंग करने के चलते चर्चा में आये थे. कूद कूद कर पीस-टू-कैमरा करना, अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को लेकर भद्दी और फर्जी रिपोर्टिंग करने के अलावा दिशा सालियान की मृत्यु को लेकर काल्पनिक कहानियां बनाकर खबरें दिखाने के चलते भंडारी की खासी आलोचना हुई थी. नौबत यहां तक पहुंच गई थी कि भद्दी और गलत रिपोर्टिंग करने और बाकी पत्रकारों का मखौल उड़ाने के चलते मुंबई के कुछ पत्रकारों ने उन्हें पीट दिया था.

प्रदीप भंडारी ने कॉन्क्लेव में अपना भाषण, “एंटी इंडिया टूलकिट- प्रोपेगेंडा, डिवाइसिव पॉलिटिक्स टू अंडरमाइन आवर कल्चर एंड नेशनल यूनिटी” के विषय पर दिया. नाटकीय अंदाज़ में भंडारी कहते हैं, “एंटी इंडिया टूलकिट आपके विचारों पर अटैक करती है. वैचारिक रूप से आप कमज़ोर होंगे तो कंफ्यूज होंगे. यह टूलकिट कोर्डिनेटड रूप से अटैक करती है और अगर एक लाइन में कहूं कि ये एंटी इंडिया टूलकिट क्या है तो यह असल में एंटी हिंदू टूलकिट है.”

भंडारी कहते हैं, "टूलकिट वाले सनातन पर हमला करते हैं, हमारी पहचान पर हमला करते हैं. यह देश तब तक ही बचा रह सकता है जब तक यहां की आबादी हिंदू बहुल है. देश में जनसांख्यिकी का संतुलन नहीं बिगड़ना चाहिए और जिस दिन यह बिगड़ गया उस दिन कोई भी कुछ नहीं कर पाएगा.”

भंडारी कहते हैं कि 70 साल इस देश में स्यूडो सेक्युलर, एंटी हिंदू नैरेटिव चल रहा था. अब वैसे ही आने वाले 70 सालों तक प्रो हिंदू चल सकता है. अभी लड़ाई देश विरोधी ताकतों और स्थापित हुए ‘रामराज्य’ के बीच में है.

कॉन्क्लेव में हिस्सा ले रहे अंशुल सक्सेना पर अपने ट्विटर हैंडल के जरिए कई बार फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगा है. इन्होंने एक बार ‘लव जिहाद का रेट कार्ड’ होने की अफवाह फैला दी थी. भोपाल में 21 साल के निशांक राठौर की आत्महत्या मामले को भी सक्सेना ने मज़हबी रंग देने की कोशिश की थी.

सक्सेना ने कॉन्क्लेव में कहा, “हिन्दुओं में अब एकता है और राम मंदिर बनाने के लिए सब जब एक हो गए तो आर्यन-द्रविड़ सिद्धांत को मानने वालों, ‘जय भीम-जय मीम’ वालों की टूलकिट फेल हो गई.” 

वे कहते हैं कि एनसीईआरटी में पढ़ाया गया कि औरंगजेब ने जो भी मंदिर तोड़े वो सब बनवाए, औरंगज़ेब को महान बना दिया गया लेकिन हमारे देश के लोगों के बारे में नहीं बताया गया.

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कॉन्क्लेव में कपिल मिश्रा ने भी जमकर बिना तथ्यों की भड़काऊ बातें कहीं. मिश्रा ने कहा, “लव जिहाद की समस्या बहुत विकराल है. शायद इस देश में ऐसा कोई जिला नहीं है, जहां हमारी बहन बेटियों के साथ लव जिहाद का प्रपंच ना किया जा रहा हो.” 

मिश्रा अपने भाषण में मुसलमानों को जिहादी कहकर संबोधित कर रहे थे. बॉलीवुड पर निशाना साधते हुए वह कहते हैं, “बॉलीवुड वाले कहते हैं कि हमें होली पर पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए, जिस दिन हम हिंदू एक हो गए तो यह बॉलीवुड वाले विज्ञापन देंगे कि इस रमजान में फ्रिज में फल रखो ना कि श्रद्धा."

मिश्रा ने मेधा पाटकर के बारे में भी काफी कुछ बोला. उन्होंने पाटकर को ‘जहरीले नागों की रानी अम्मा’ तक कह डाला. 

रामनवमी के दिन भड़काऊ भाषण देने की आरोपित काजल सिंगला ने भी इस कॉन्क्लेव में शिरकत की. उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करवाने की मांग रखी. सिंगला ने कहा, “उनको यह लगता है कि भारत को हिंदू राष्ट्र नहीं बनाने देंगे. आप तो यह भी कहते थे कि राम मंदिर नहीं बनाने देंगे, बन गया… 370 नहीं हटाने देंगे, हट गई....अब हम कहते हैं, भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करवा के रहेंगे.” 

गौरतलब है कि ऊना में हुए दंगो के बाद गुजरात पुलिस ने सिंगला को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

लव जिहाद, इस्लामिक अवैध कब्जा और धर्मांतरण पर बोलते हुए सिंगला कहती हैं, “भारत में चार स्तर पर लव जिहाद हो रहा है. बॉलीवुड के माध्यम से, सोशल मीडिया के माध्यम से, डर का माहौल खड़ा कर और ड्रग्स के जरिए.”

वे कहती हैं, “25 साल तक की लड़कियों को बिगाड़ने का काम बॉलीवुड वाले करेंगे. 25 से 35 साल तक की लड़कियों को बिगाड़ने का काम एकता कपूर अपने टीवी सीरियल्स से करेंगी और 35 से 45 साल की महिलाओं को बिगाड़ने का काम ओटीटी प्लेटफार्म करेगा.” 

सिंगला के मुताबिक हिंदू लड़कियों को मुसलमान लड़के इंस्टाग्राम के जरिए फंसा रहे हैं और उनका बलात्कार कर रहे हैं.  सिंगला कहती हैं कि 2047 में भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए लव जिहाद , अवैध इस्लामिक कब्ज़ा और धर्मांतरण हो रहा है. गौरतलब है कि इसके पहले हुए डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव के कार्यक्रमों में भी कपिल मिश्रा, काजल सिंगला, अंशुल सक्सेना और प्रदीप भंडारी जैसे कट्टरपंथी सोच रखने वालों को ही बुलाया गया था. 

भोपाल से पहले जनवरी 2023 में उज्जैन में हुए नेशनलिस्ट सोशल मीडिया कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी शिरकत की थी. उस कार्यक्रम में शेफाली वैद्य, ‘स्ट्रिंग्स’ के विनोद कुमार, बॉलीवुड फिल्मों के बायकॉट की पैरवी करने वाले फिल्म समीक्षक प्रतीक बोराडे, वकील प्रशांत पटेल, आनंद रंगनाथन, जिया मंजरी, 2014 में भाजपा के लिए सोशल मीडिया कैंपेन चलाने वाले आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी का सोशल मीडिया पेज चलाने वाले विकास पांडे, कपिल मिश्रा, प्रदीप भंडारी, अंशुल सक्सेना आदि शामिल हुए थे. इनमें से कई लोग डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव के पिछले दो साल में हुए और भी कई कार्यक्रमों में शामिल हो चुके हैं.

तब कॉन्क्लेव के दौरान विकास पांडे ने 'रंग दे बसंती’ फिल्म को भाजपा के खिलाफ एक प्रोपेगेंडा फिल्म बताया तो वहीं प्रतीक बोराडे ने बॉलीवुड, मलयालम और तमिल सिनेमा को वामपंथियों का गढ़ कहा था. बोराडे ने कहा कि सेक्युलरिज्म, फेमिनिज्म, कम्युनिज्म और लिबरलिस्म एक समस्या है.

विकास पांडे कहते हैं कि लेफ्ट और इस्लाम की पकड़ फिल्मों पर इतनी ज़्यादा है कि वो फिल्मों में प्रोडक्ट प्लेसमेंट करते हैं. 786 का बिल्ला अगर अमिताभ बच्चन अपने पास रखेंगे तो वो गोली से बच जाएंगे, शोले में ऐसा करने वाले रहीम चाचा थे. ऐसे ही लव जिहाद को सूक्ष्म तरीके से ‘लक्ष्मी बम’ फिल्म में दिखाया गया. उनके मुताबिक बहुत धीमे से लोगों के दिमाग में यह नैरेटिव डाला जा रहा है.  

तथाकथित समान अधिकार कार्यकर्ता जिया मंजरी कहती हैं कि अमेरिका विमान बनाने की तकनीक भारत से ही ले गया था लेकिन बॉलीवुड इस बारे में कभी नहीं बताता है. मंजरी कहती है कि दुनिया के सभी देश खुद के बारे में अच्छा दिखाते हैं लेकिन हमारे यहां ही सिर्फ खामियों को दिखाया जाता है. गौरतलब है कि तब भी अधिकतर तथाकथित सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स का निशाना मुसलमान और बॉलीवुड ही था.

‘स्ट्रिंग्स’ नामक यूट्यूब चैनल चलाने वाले विनोद ने अपने वीडियो में कुछ पत्रकारों को देशद्रोही बोल कर फांसी पर लटकाने की सिफारिश की थी. उनका वीडियो पूरी तरह से फर्जी था. जिसमें उन्होंने फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ और अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के बीच संबंध होने की बात कही थी.

विनोद की तरह वकील प्रशांत पटेल अक्सर सोशल मीडिया पर तथ्यहीन खबरें फैलाते रहते हैं. उन्होंने जुलाई 2021 में सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट में लिखा था कि 280 नाबालिग लड़कियों को टेरेसा मिशनरी नाम की एक ईसाई संस्था में गर्भवती कर दिया गया है और उनके बच्चों की विदेश भेज कर तस्करी हो रही है.

कपिल मिश्रा तो डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव के कार्यक्रमों में अक्सर दिखाई देते हैं और हमेशा की तरह नफरती भाषण करते हैं. साल 2021 में हैदराबाद में हुए डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव के दौरान मिश्रा ने कहा था कि दिल्ली दंगों के दौरान पुलिस पर पिस्तौल तानने वाले शाहरुख पठान को रवीश कुमार ने अपने प्राइम टाइम शो में अनुराग मिश्रा बताया था. गौरतलब है कि रवीश कुमार ने ऐसा कभी नहीं कहा था लेकिन तब भी मिश्रा भरी सभा में गलतबयानी से बाज़ नहीं आए.

गौरतलब है कि मुसलमानों के खिलाफ अक्सर भड़काऊ भाषण देने वाले हैदराबाद के भाजपा नेता टी राजा सिंह भी डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव में शिरकत कर चुके हैं. इनके अलावा सीबीआई के पूर्व निदेशक नागेश्वर राव (कट्टरपंथी बयानों और ट्विटर पर ट्रॉलिंग करने के लिए मशहूर) के अलावा शैफाली वैद्य, भारतीय जनता युवा मोर्चा नेता तजिंदर सिंह बग्गा, यूट्यूबर सम्राट गौर, भाजपा नेता और पूर्व में दिल्ली भाजपा आईटी सेल की सह संयोजक अपूर्वा सिंह आदि भी नेशनलिस्ट सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की हैसियत से डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव के कार्यक्रमों में भाग ले चुके हैं.

डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव के दौरान भाजपा नेता पी. मुरलीधर राव और टी. राजा सिंह

मुरलीधर राव, भारत नीति और डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव

सोशल मीडिया के ज़रिए मज़हबी कट्टरपंथ फैलाने वाले डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव की बागडोर भाजपा नेता मुरलीधर राव और उनके सगंठन भारत नीति के हाथों में है. मुरलीधर राव भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और साल 2013 से लेकर साल 2020 तक भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं.

गत 13 अप्रैल को तेलंगाना के हुस्नाबाद में भी डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव का एक कार्यक्रम हुआ. पिछले दो सालों में, भोपाल, उज्जैन, हैदराबाद, वारंगल, करीमनगर, मलकाजगिरी, शम्शाबाद, नालगोंडा, विशाखापट्टनम, निर्मल, सांगारेड्डी, शिरपुर, कागज़ नगर आदि शहरों में डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव हो चुका है. मुरलीधर राव और भारत नीति के मुताबिक डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव हिंदू धर्म के मुद्दों पर काम करने वाले डिजिटल वॉरियर्स का समागम है.

भारत नीति का दफ्तर दिल्ली में है और रजिस्ट्रेशन से लेकर डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव के आयोजन की तैयारियों का जिम्मा इसी का होता है. भारत नीति पूर्व में राइजिंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, राइजिंग हिन्दूफोबिया, वुमेन एक्टिविज्म आदि विषयों पर वेबिनार का आयोजन भी कर चुका है. इन वेबिनार में भी हिंदू डिजिटल कॉन्क्लेव की तर्ज पर ही चेहरे दिखते हैं.

मुरलीधर राव, इन कॉन्क्लेव में होने वाले अपने भाषणों में कहते हैं कि हिंदू धर्म और उससे जुड़ी भावनाओं पर होने वाले हमलों को सोशल मीडिया के जरिए नेस्तनाबूद करना होगा. उनके मुताबिक अगर सोशल मीडिया नहीं आया होता तो ‘हिंदुत्व की क्रांति’ आने में 25-30 साल और लग जाते. सोशल मीडिया की बदौलत हिंदुत्व की क्रांति का रास्ता आसान हुआ है. 130 करोड़ लोग सोशल मीडिया के जरिए इस देश का भविष्य बना रहे हैं.

राव कॉन्क्लेव के अपने भाषणों में कहते हैं कि आजाद भारत में मुसलमानों, मस्जिदों और नमाज पढ़ने वालों की आबादी बढ़ी है. जबकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दुओं की आबादी घटी है. इसलिए कोई उन्हें ना सिखाए कि क्या करना है. सोशल मीडिया के जरिये हिंदू धर्म, हिंदू समाज, हिंदू मंदिरों के गुणों को बताना चाहिए. 

न्यूज़लॉन्ड्री ने डिजिटल हिंदू कॉन्क्लेव में मजहबी नफरत फैलाने वाले, भड़काऊ भाषण देने वाले और सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाने वाले इंफ्लुंसर्स को लेकर राव को सवाल भेजे हैं. हालांकि, राव की ओर से कोई जवाब नहीं आया है. जैसे ही कोई जवाब आता है तो उसे स्टोरी में अपडेट किया जाएगा. 

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