इस इंटरव्यू में ठाकुर फाउंडेशन के संस्थापक और लेखक दिनेश ठाकुर के साथ न्यूज़लॉन्ड्री हिंदी के एग्जीक्यूटिव एडिटर अतुल चौरसिया और वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी ने उनकी हाल ही में आई किताब ‘द ट्रुथ पिल’ पर बात की. यह किताब दिनेश ठाकुर और उनके साथी प्रशांत रेड्डी ने मिलकर लिखी है. प्रशांत उच्चतम न्यायालय में वकील हैं.
यह किताब बताती है कि आयुर्वेदिक दवाइयां कितनी कारगर होती हैं. अक्सर आयुर्वेदिक दवाइयों को लेकर धारणा होती है कि यह दवाइयां बहुत अच्छी हैं और इनसे कोई नुकसान नहीं होता. यह किताब तथ्यपरक तरीके से इस मिथक को तोड़ती है.
इस बातचीत में ठाकुर ने विस्तार से बताया कि कैसे 2013 में भारत की सबसे बड़ी कंपनी रैनबैक्सी ने अमेरिकी कोर्ट में यह स्वीकार किया कि उन्होंने बगैर गुणवत्ता वाली दवाईयां अमेरिकी बाजार में बेची थीं.
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