न्यूज़-18, एबीपी न्यूज़, प्रभात खबर, ईटीवी और दैनिक भास्कर ने वीडियो को गलत संदर्भ के साथ दिखाया. इस वीडियो को बिहार भाजपा ने भी साझा किया. पुलिस ने वीडियो में दिख रहे युवक को गिरफ्तार कर लिया है.
वीडियो की हकीकत
जिस वीडियो की पुष्टि किए बिना टीवी चैनलों और वेबसाइट्स ने खबरें चलाईं, न्यूज़लॉन्ड्री ने उसकी पुष्टि की है. दरअसल जीरादेई में महावीरी मेले के दौरान निकली एक झांकी में, युवक बाइक को नाव बनाकर निकला था. इस नाव पर शराब की तस्वीर बनी थी और लिखा हुआ था, “दारू सप्लाई थोक एवं खुदरा विक्रेता.”
न्यूज़लॉन्ड्री ने सिवान के रहने वाले कई पत्रकारों, जीरादेई में रह रहे लोगों और पुलिस से बात की. हमारी बातचीत से पता चलता है कि युवक शराब की सप्लाई नहीं कर रहा था, बल्कि सरकार को इस सच से अवगत करा रहा था कि यूपी के बलिया जिले से बिहार में नदी के रास्ते शराब की सप्लाई कैसे होती है.
इसी व्यंगात्मक झांकी का वीडियो, महावीरी मेले के जामापुर अखाड़ा का था. सिवान के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव भारत 24 न्यूज़ चैनल के साथ काम करते हैं. श्रीवास्तव न्यूज़लॉन्ड्री को बताते हैं, ‘‘बीते सप्ताह जीरादेई में महावीरी मेले का आयोजन हुआ था. शराबबंदी के बीच यहां शराब बिक रही है, उसी को दिखाने के लिए असांव गांव के रहने वाले युवक अभिषेक तिवारी ने झांकी निकाली थी. वो शराब नहीं बेच रहा था.’’
जीरादेई में महावीरी मेला 10 सितंबर को आयोजित हुआ था. पत्रकारों के अलावा, मंगलावर को सिवान से प्रकाशित हिंदुस्तान अख़बार ने लिखा कि जीरादेई में महावीरी मेले के दौरान स्थानीय लोगों द्वारा शराबबंदी पर व्यंगात्मक झांकी की वीडियो निकलने पर स्थानीय पुलिस का काफी मजाक उड़ाया गया.
आखिर बिना पुष्टि खबर चलाने की क्या जल्दबाजी थी?
हर जानकारी की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करना और फिर उसे प्रकाशित करना यह पत्रकारिता का बेसिक नियम है. कई बार एक ही खबर की पुष्टि कई अलग-अलग सूत्रों से करनी पड़ती है. लेकिन न्यूज़-18, एबीपी, दैनिक भास्कर और ईटीवी ने बिना पुष्टि किए ही इस खबर को चला दिया. इतना ही नहीं, इसी अपुष्ट खबर के आधार पर सरकार पर सवाल भी खड़े कर दिए. नतीजतन अभिषेक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
हमने एबीपी में संपादक प्रकाश कुमार से पूछा कि एबीपी ने खबर की पुष्टि किए बगैर उसे प्रकाशित, और उन्होंने इस पर ट्वीट भी किया, ऐसा क्यों? कोई भी स्पष्ट जवाब देने से बचते हुए वे कहते हैं, ‘‘यह वायरल वीडियो था. मैंने अपना ट्वीट वायरल वीडियो के आधार पर लिखा है.’’ वीडियो की पुष्टि के सवाल पर वे सोमवार को एसपी द्वारा दिए गए बयान का जिक्र करते हैं, जिसमें उन्होंने मामले की जांच करने की बात की थी.
कुमार कहते हैं कि हमने कहीं नहीं लिखा युवक शराब बेच रहा था. जबकि उनके ट्वीट का पहला वाक्य ही यही है, “शराब ले लो! पहले चोरी छुपे... अब खुलेआम!” यह ध्यान में लाने पर कुमार कहते हैं, ‘‘मैंने अपने ट्वीट में विस्मयादिबोधक चिन्ह का इस्तेमाल किया है.’’
प्रकाश कुमार ने अपने ट्वीट में इस वीडियो को लेकर लिखा, ‘‘यूपी के बलिया से लेकर बिहार के दरौली तक दारू सप्लाई का कैसे 'प्रचार' हो रहा है.’’ जब हमने ट्वीट के इस हिस्से को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा, “देखिए मैंने प्रचार क्वोट किया हुआ है.’’
जब हमने न्यूज़-18 यूपी-झारखंड के संपादक मनोज मलयानिल से इस बारे में पूछा तो उन्होंने भी प्रकाश कुमार की तरह वीडियो के वायरल होने का तर्क दिया. जब हमने पूछा कि क्या वायरल वीडियो की पुष्टि किए बिना उसे चलाया जा सकता है? क्या अपुष्ट वायरल वीडियो के आधार पर सरकार से सवाल किए जा सकते हैं? इस पर वे कहते हैं, ‘‘जब वायरल वीडियो सामने आया तो उसके आधार पर खबर चली, लेकिन अब हम उसके डेप्थ में गए तो दूसरी कहानी सामने आई है. हम इस पर रिपोर्ट कर रहे हैं.’’
हमने बिहार दैनिक भास्कर डिजिटल के प्रमुख प्रवीण वर्मा को फोन किया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. प्रभात खबर के बिहार प्रमुख राजेश कुमार ओझा से भी हमने फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने भी जवाब नहीं दिया. न्यूज़लॉन्ड्री ने प्रवीण वर्मा और ओझा को कुछ सवाल भेजे हैं. उनकी ओर से कोई भी जवाब आने पर खबर में जोड़ दिया जाएगा.
युवक गिरफ्तार
बाइक चला रहे युवक को मंगलवार दोपहर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. सिवान के एसपी शैलेश कुमार सिन्हा ने अभिषेक तिवारी की गिरफ्तारी की बात को स्वीकार करते हैं. न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए सिन्हा कहते हैं, ‘‘वो व्यक्ति शराब नहीं बेच रहा था. झांकी नुमा बनाकर वो महावीरी मेले में घुस गया था. उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.’’
न्यूज़लॉन्ड्री के पास पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर की कॉपी है. पुलिस द्वारा दर्ज इस एफआईआर में अभिषेक पर आरोप है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है. ऐसे में अभियुक्त द्वारा मोटरसाइकिल पर नाव का कार्टून बनाकर उस पर बलिया से दरौली दारू सप्लाई, थोक एवं खुदरा विक्रेता लिख कर प्रचार करना एक संज्ञेय अपराध है. तिवारी को बिहार मद्य निषेध एवं उत्पादन की धारा 40 के तहत आरोपी बनाया गया है.
हालांकि स्थानीय पत्रकारों का मानना है कि यह शख्स झांकी के जरिए यह दिखाने की कोशिश कर रहा था कि शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब उपलब्ध है. हमने एसपी सिन्हा से पूछा, क्या उन्हें ऐसा नहीं लगता कि अभिषेक एक सच की तरफ इशारा कर रहा है. इस पर सिन्हा कहते हैं, ‘‘नहीं-नहीं ऐसा कुछ नहीं था.”
सिवान के पत्रकार दीनबंधु सिंह बताते हैं, ‘‘वो लड़का तो लोगों और प्रशासन को जागरूक कर रहा था. यह बात हर कोई जानता है कि नदी के जरिए बिहार में शराब की तस्करी होती है. यूपी और बिहार के बॉर्डर पर सरयू नदी बहती है. एक तरफ यूपी का बलिया है और दूसरी तरफ बिहार का दरौली. नदी के रास्ते लम्बे समय से शराब की तस्करी हो रही है. अगर वो झांकी के जरिए बता रहा है तो उसे ही गिरफ्तार करना कहां तक जायज है? उसे गिरफ्तार कर प्रशासन अपनी जवाबदेही से बच रहा है.’’
बिहार सरकार और बिहार पुलिस भले ही शराबबंदी के सफल होने का दावा करती हो, लेकिन यह हकीकत है कि आज बिहार में घर बैठे आपको शराब मिल सकती है. आय दिन बिहार में शराब की खेप पकड़ी जाती है. आज बिहार में शराब कारोबार एक बहुत बड़े उद्योग का रूप ले चुका है. वहीं राज्य से जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की खबरें भी अक्सर आती रहती हैं.