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एनएल चर्चा 226: ईडी का राजनीतिक इस्तेमाल, हर घर तिरंगा अभियान और नैंसी पलोसी की ताइवान यात्रा

हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.

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एनएल चर्चा के इस अंक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा संसद में महंगाई पर चर्चा, 2017 से 2022 के बीच सरकार के नौ टीवी चैनलों का प्रसारण बंद करने, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा संजय राउत की गिरफ्तारी, नैंसी पलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन का युद्धाभ्यास, अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया आतंकी अलकायदा चीफ अल जवाहिरी, दिल्ली सरकार के नई आबकारी नीति के वापस लिये जाने, पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को सरकार के वापस लेने और गुजरात में स्कूल के बच्चों के दलित महिला द्वारा बनाए गए खाने को खाने से इनकार किए जाने जैसे विषयों का जिक्र हुआ.

चर्चा में इस हफ्ते वरिष्ठ पत्रकार सुधीर सूर्यवंशी, पत्रकार हृदयेश जोशी और न्यूज़लॉन्ड्री के सह-संपादक शार्दूल कात्यायन शामिल हुए. संचालन कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

अतुल ने चर्चा की शुरुआत संजय राउत को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के विषय से की. उन्होंने सुधीर से सवाल किया, “ईडी की जो कार्रवाई है, उसको लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में क्या चर्चा है?”

सुधीर जवाब देते हुए कहते हैं, “ईडी की जो कार्रवाई है वह बदले की भावना के तहत की गई कार्रवाई है, यह तो दिख रहा है. बीजेपी के नेताओं का भी बैलेंस शीट सही नहीं है लेकिन कार्रवाई सिर्फ विपक्ष के नेताओं पर हो रही है. एक बात और है कि सभी को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. सिर्फ उन्हीं लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है जो बीजेपी और आरएसएस को नुकसान पहुंचा सकते हैं.”

वह आगे कहते हैं, “महाराष्ट्र में जो महाविकास अघाड़ी सरकार बनी थी उसमें संजय राउत का बड़ा योगदान था, इसलिए भी उनको टारगेट किया गया. साथ ही राउत शिवसेना की आवाज थे, जिस तरह नवाब मलिक एनसीपी के थे. अब दोनों नेताओं को जेल भेज देने के बाद दोनों पार्टियों की जो आवाज मीडिया और लोगों तक जाती थी वह अब शांत हो गई है.”

हृदयेश कहते हैं, “अब आगे देखना है कि महाराष्ट्र में मराठा गौरव किसके साथ जाकर खड़ा होता है. उद्धव ठाकरे या शिंदे गुट के साथ. दूसरा कुछ राजनीतिक दलों में यह सहमति बन जाती है कि ऊपर के कुछ नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, हमला सिर्फ नीचे के कुछ नेताओं पर होगा. अब यह देखना होगा की उद्धव ठाकरे इस नीति को मानते है या नहीं. एक महत्वपूर्ण बात है कि संस्थानों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वह संविधान का पालन करें.”

शार्दूल कहते हैं, “यह बात सत्य है की नैरेटिव सब जगह चलते हैं. ईडी का राजनीतिक इस्तेमाल भी सच है, लेकिन अगर नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत है तो उसकी खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. विपक्ष के नेता अगर पाक-साफ होते तो उनकी खिलाफ कार्रवाई नहीं होती. लेकिन एक बात यह भी है कि ईडी का दुरुपयोग बढ़ा है. इंस्टीट्यूशंस की स्वतंत्रता और ऑटोनॉमी बहुत जरूरी है, उनके ट्रांसफर या पोस्टिंग में नेताओं या सरकारों का दखल नहीं होना चाहिए.”

इस विषय के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा में विस्तार से बातचीत हुई. साथ में 75वें स्वतंत्रता दिवस पर “हर घर तिरंगा” और अमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर नैंसी पलोसी की ताइवान यात्रा और उसके परिणामों पर भी बातचीत हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए हमारा यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.

टाइम कोड

00:00:00 - 00:01:54 - इंट्रो और जरूरी सूचना

00:01:54 - 00:08:18 - हेडलाइंस

00:08:18 - 00:14:50 - गुजरात में मिड-डे मील नहीं खाने पर विवाद

00:14:50 - 00:47:50 - संजय राउत पर कार्रवाई और ईडी का उपयोग

00:47:50 - 01:10:00 - आज़ादी का अमृत महोत्सव और हर घर तिरंगा

01:10:00 - 01:25:05 - नैंसी पलोसी की ताइवान यात्रा

01:25:05 - सलाह और सुझाव

पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए

सुधीर सूर्यवंशी

आचार्य अत्रे की किताब - मी कसा झालो?

फ़्योदोर दोस्तोयेव्स्की की किताब - डीमंस

हृदयेश जोशी

जॉर्ज ऑरवेल की किताब - नोट्स ऑन नेशनलिज्म

रवींद्रनाथ टैगोर की रचना - नेशनलिज्म इन इंडिया

शार्दूल कात्यायन

न्यूज़लॉन्ड्री पर प्रकाशित - नविका कुमार की प्रोफाइल

राष्ट्रीय एकता की रचनाएं - मिले सुर मेरे तुम्हारा, बजे सरगम

ग्रीनलैंड शार्क पर डाक्यूमेंट्री

अतुल चौरसिया

एनएल टिप्पणी का नया सेगमेंट: तू-तड़ाक

सुप्रिया शर्मा और अरुणभ सैकिया की ईडी की कार्रवाइयों को लेकर प्रकाशित रिपोर्ट

***

हर सप्ताह के सलाह और सुझाव

चर्चा लेटर

***

प्रोड्यूसर- रौनक भट्ट

एडिटिंग - उमराव सिंह

ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह

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