थोड़ा सा असंसदीय और थोड़ी सी "तू-तड़ाक"

दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.

WrittenBy:अतुल चौरसिया
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ख़बर वही है जिसमें थोड़ी सी तू और ढेर सारी तड़ाक हो. ख़बरों की इस बजबजाती, सीलन भरी दुनिया में हमने एक नई कोशिश शुरू की है. हमारी कोशिश है कि चैनलों पर आए दिन होने वाली गाली-गलौज, नफ़रत, कुकुरझौंझौं, झोंटा नोचौउव्वल से लबरेज सटीक जानकारियां आपको मुहैया करवाएं. यानी वही दिखाएं जो असल में चल रहा है.

आप समझ सकते हैं हमारी चुनौती कितनी बड़ी है और आपकी जिम्मेदारी कितनी छोटी. माफ कीजिएगा एक सब्सक्रिप्शन भी नहीं ले सकते आप. आपको चाहिए सिर्फ मुफ्त का मनोरंजन. खैर इस हफ्ते हम आपके लिए टिप्पणी में ले आए हैं एक नया सेगमेंट जिसका नाम है तू-तड़ाक. यहां हम आइंदा से एक ऐसी हस्ती का साक्षात्कार करेंगे जिसके कारनामों से खुद आप शर्मसार हो जाएंगे, लेकिन हमारे मेहमान की ऐसी कोई मजबूरी नहीं है क्योंकि शर्मिंदगी में उनका हाथ थोड़ा कमज़ोर है. तो इस हफ्ते हमारे साथ हैं वो अज़ीमुस्शान कर्कशा जिनका नाम है रंजना ओम गपशप.

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