देशभर में 5 सालों में नकली शराब पीने से 6,172 लोगों की मौत, सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में

2016 से 2020 के बीच मध्य प्रदेश में 1214, तो कर्नाटक में 909 लोगों की मौत हुई है.

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गुजरात के बोटाद शहर में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से 28 लोगों की मौत हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देसी शराब पीने से बीमार हुए 40 से ज्यादा लोगों को भावनगर, बोटाद और अहमदाबाद के अस्पतालों में भर्ती किया गया है. जहां सभी मरीजों का इलाज चल रहा है और आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. बता दें कि गुजरात में 1960 से शराब की बिक्री पर प्रतिबंध है.

इस मामले को लेकर गुजरात के डीजीपी आशीष भाटिया ने बताया है कि पुलिस अब तक शराब बनाने और बेचने वालों समेत, कुल पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. घटना की जांच के लिए पुलिस ने एक स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम का भी गठन किया है.

अवैध और जहरीली शराब पीने से होने वाली हजारों मौतें

भारत में अवैध रूप से बनाई गई नकली या जहरीली शराब से हर साल हजारों लोगों की मौत होती है. लोकसभा में 19 जुलाई को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद कुंवर दानिश अली ने अवैध और नकली शराब से हुई मौतों को लेकर सवाल पूछा. जिसका जवाब केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दिया.

राय के जवाब के मुताबिक साल 2016 से 2022 के बीच, भारत में 6 हजार 172 लोगों की मौत अवैध और नकली शराब पीने से हुई है. सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 2016 में 1054, 2017 में 1510, 2018 में 1365, 2019 में 1296 और 2020 में 947 लोगों की मौत हुई.

गुजरात, जहां शराब पर प्रतिबंध है, वहां इन पांच सालों में अवैध और नकली शराब से 50 लोगों की मौत हुई है. इस दौरान, सबसे ज्यादा 1214 मौतें मध्य प्रदेश में हुईं, दूसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां 909 लोगों की मौत हुई वहीं तीसरे नंबर पर पंजाब है, जहां 725 लोगों की मौत हुई. पिछले पांच सालों में अवैध और नकली शराब पीने से हरियाणा में 476 लोगों की जान गई.

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जनसंख्या के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में इस दौरान 291 लोगों की मौत हुई है. देश की राजधानी दिल्ली में पांच सालों में 94 लोगों की मौत हुई है, जिसमें 2017 में सबसे ज्यादा 33 लोगों की मौत हुई. बिहार, जहां शराबबंदी है, वहां इन पांच वर्षों में आधिकारिक तौर पर अवैध और नकली शराब से 21 लोगों की मौत हुई.

यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह सरकारी आंकड़े हैं. कई बार जहरीली शराब से मरने वाले बहुत से लोग सरकारी गिनती में ही नहीं आ पाते. इसी साल होली के मौके पर बिहार में कई जिलों से मौतों की खबरें आईं, लेकिन सरकार ने उसे मानने से इंकार कर दिया. ऐसे ही बीते साल अलीगढ़ में लगभग 100 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई थी.

न्यूज़लॉन्ड्री ने इस मामले की तहकीकात की तो सामने आया कि ऐसे कई लोग, जिनकी मौत शराब पीने से हुई लेकिन उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया. इतना ही नहीं उनकी मृतकों में गिनती तक नहीं हुई थी.

कुंवर दानिश अली ने नकली शराब बेचने के अभियुक्तों और गिरफ्तार लोगों की राज्यवार जानकारी मांगी थी. इसके जवाब में नित्यानंद राय ने बताया कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ये आंकड़ा अलग से नहीं रखती है.

राज्यों को इस संबंध में निर्देश देने के सवाल के जवाब में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री ने बताया कि शराब का उत्पादन, निर्माण, कब्जा, परिवहन, खरीद और बिक्री - राज्यों के अधिकार का विषय है. इसके अलावा भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत ‘पुलिस’ और ‘लोक व्यवस्था’ भी राज्य के विषय हैं तथा राज्य सरकार अपनी विधि प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से अपराध को रोकने, उनका पता लगाने और उनकी जांच करने, तथा अपराधियों पर अभियोजन चलाने के लिए उत्तरदायी है.

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