देश में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले मराठी अखबारों में से एक होने के बाद भी, गूगल पर 'सामना' के नाम से उसकी वेबसाइट के बजाय बड़े अंग्रेजी अखबारों के परिणाम पहले सामने आते हैं.
आखिरकार सामना केवल शिवसेना का मुखपत्र या एक शहर का अखबार नहीं है. वह एक रिपोर्टर की बीट भी है, जिसे पत्रकार हर दिन संभावित खबर के लिए देखते हैं. उसमें मराठी या हिंदी में लिखे गए संपादकीय अक्सर ही मुख्यधारा की मीडिया में खबर बनते हैं. मुंबई में शिवसेना को कवर करने वाले अंग्रेजी अखबार के पत्रकार के अनुसार ऐसा इसलिए क्योंकि, "वे (संपादकीय) पार्टी की सोच, यानी ठाकरे परिवार की सोच का प्रतिबिंब होते हैं."
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