शशि शेखर वेम्पति प्रसार भारती के सीईओ के साथ-साथ चेयरमैन का पदभार भी संभल रहे थे.
आठ जून को प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शशि शेखर वेम्पति का कार्यकाल खत्म हो गया. न्यूज़लॉन्ड्री के पास मौजूद दस्तावेज के मुताबिक वर्तमान में इसकी जिम्मेदारी अतिरिक्त प्रभार के रूप में दूरदर्शन के डायरेक्टर जनरल मयंक कुमार अग्रवाल को दी गई है.
वेम्पति, प्रसार भारती के इतिहास में सबसे युवा और पहले गैर-नौकरशाह सीईओ थे.
आईआईटी मुंबई से पढ़े वेम्पति को जून 2017 में प्रसार भारती का सीईओ बनाया गया. वहीं इस दौरान अगस्त 2017 में उन्हें राज्यसभा टीवी चैनल के सीईओ की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई. उन्होंने राज्यसभा टीवी में तकरीबन एक साल 10 महीने तक काम किया. इस बीच फरवरी 2016 से जून 2017 तक वेम्पति प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य भी रहे.
प्रसार भारती के चेयरमैन ए. सूर्यप्रकाश का कार्यकाल साल 2020 में खत्म होने पर वेम्पति को यह जिम्मेदारी भी दे दी गई थी.
कार्यकाल खत्म होने की जानकारी देते हुए वेम्पति ने बुधवार देर रात कई ट्वीट किए जिनमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति उन्हें मौका देने के लिए आभार प्रकट किया. वेम्पति लिखते हैं, ‘‘प्रसार भारती के सीईओ के रूप में पांच वर्षों तक राष्ट्र के लिए योगदान देने का अवसर देने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार. यह सीखने का एक अच्छा अनुभव रहा और मुझे खुशी है कि मैं दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो में कुछ अंतर ला पाया.’’
इनफोसिस से नौकरी छोड़ने के बाद, वेम्पति ने 2013-14 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी के मिशन 270+ के लिए भी काम किया था. उन्हें पीएम मोदी का करीबी भी बताया जाता है. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बनने के कुछ ही समय बाद वेम्पति को प्रसार भारती का सीईओ बनाया गया. इसके बाद जल्द ही उन्हें राज्यसभा टीवी का प्रभार भी मिल गया. तत्पश्चात प्रसार भारती में चेयरमैन का पद खाली होने पर यह जिम्मेदारी भी उन्हें ही सौंप दी गई.
शशि शेखर वेम्पति के कार्यकाल में उन पर कई तरह के आरोप भी लगे. वेम्पति के खिलाफ भ्रष्टाचार, अपने लोगों को मनमाने ढंग से लाने, उन्हें बचाने जैसे आरोप लगाने वाले कई पत्र सूचना एवं प्रसारण मंत्री के साथ-साथ पीएम मोदी को भी लिखे जा चुके हैं. इसको लेकर न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्ट आप पढ़ सकते हैं.