वेम्पति के खिलाफ भ्रष्टाचार, अपने लोगों को मनमाने ढंग से लाने, उन्हें बचाने जैसे आरोप लगाकर कई पत्र सूचना एवं प्रसारण मंत्री के साथ-साथ पीएम मोदी को भी लिखे जा चुके हैं.
24 नवंबर, 2021 को प्रसार भारती वित्त विभाग के डिप्टी डायरेक्टर बीएन महतो की तरफ से एक पत्र जारी किया गया. जिसका शीर्षक है- “प्रसार भारती की 168वीं मीटिंग में सीईओ को फाइनेंशियल पावर दी जा रही है.”
पत्र के मुताबिक 168वीं बैठक 12 अगस्त, 2021 को हुई. पत्र में जानकारी दी गई कि, “प्रसार भारती बोर्ड की पहली बैठक जो 10 दिसंबर, 1997 को हुई थी, उसमें सीईओ को वित्तीय शक्तियों का प्रयोग करने के लिए मंजूरी दी गई थी. अन्य बातों के साथ-साथ उसमें गैर-परामर्शी अनुबंधों का अनुमोदन शामिल है.’’
पत्र में आगे दोबारा प्रसार भारती बोर्ड की पहली बैठक का जिक्र कर बताया गया कि सीईओ को वित्तीय शक्तियों के इस्तेमाल करने की स्वीकृति निम्नानुसार दी गई, ‘‘सीईओ, सचिव सूचना और प्रसारण मंत्रालय में निहित शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं, साथ ही चेरयमैन के परामर्श से वह वित्त मंत्रालय और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की शक्तियों का प्रयोग भी कर सकते हैं.’’
यह पत्र प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पति को फाइनेंशियल पावर देने के लिए लिखा गया था. बोर्ड की जिस पहली बैठक का जिक्र कर पावर देने के तर्क को जायज ठहराने की कोशिश की गई, उसमें लिखा है कि वो (सीईओ) इन शक्तियों का इस्तेमाल चेयरमैन के परामर्श पर कर सकते हैं. दिलचस्प बात है कि प्रसार भारती के चेयरमैन भी शशि शेखर वेम्पति ही हैं.
यानी प्रसार भारती के सीईओ वेम्पति आइंदा से प्रसार भारती के कार्यवाहक चेयरमैन वेम्पति के परामर्श से वित्त संबंधी फैसले कर सकते थे. यह मजेदार मामला आगे और दिलचस्प होता जाएगा.
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