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एनएल चर्चा 209: पाकिस्तान में अस्थिरता, एमसीडी एकीकरण बिल और पत्रकारों पर हमला

हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.

     

एनएल चर्चा के इस अंक में पाकिस्तान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम, एक दिन पहले समाप्त हुआ बजट सत्र, हिंदू महापंचायत के कार्यक्रम में न्यूज़लॉन्ड्री समेत अन्य पत्रकारों के साथ मारपीट, एसडीएमसी महापौर द्वारा मीट की दुकान बंद करने का फरमान, मध्यप्रदेश में पत्रकारों समेत अन्य लोगों को अर्धनग्न करना, और देश भर में हिन्दू संगठनों की धमाचौकड़ी चर्चा के केंद्र में रही.

चर्चा में इस हफ्ते बतौर मेहमान एनडीटीवी इंडिया के राजनीतिक और विदेश मामलों के सीनियर एडिटर उमाशंकर सिंह, न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस और सहसंपादक शार्दूल कात्यायन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

अतुल पाकिस्तान के मुद्दे पर चर्चा की शुरूआत करते हुए उमाशंकर से पूछते हैं, “पाकिस्तान में ताज़ा हालात ये हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने संसद में फिर से अविश्वास प्रस्ताव पर वोट करने का आदेश दिया है. संसद को भंग करने का फैसला पलट दिया है. ऐसे में क्या इमरान खान के पास अपने आप को बचाने के लिए कुछ बचा है? या अब लगभग पटकथा तय है पाकिस्तान एक बार फिर चुनाव की तरफ बढ़ रहा है?”

इस पर उमांशकर कहते हैं, “इमरान खान ऐसी कोई कोशिश नहीं छोड़ रहे हैं जिसके जरिए उनकी गद्दी बच जाए. इसलिए वह कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर से जनता को संबोधित कर रहे है. सुप्रीम कोर्ट का यह जो फैसला आया है वह बहुत ही ऐतिहासिक है. हालांकि इस फैसले के पीछे फौजी हुकमरानों का हाथ बताया जा रहा है. क्योंकि यह खबर है कि सेना नहीं चाहती कि इमरान खान प्रधानमंत्री बने रहे. अभी के जो सूरतेहाल है उससे लग रहा है कि इमरान फजीहत के साथ सत्ता से बाहर होगें.”

इस विषय पर मेघनाद कहते हैं, “इमरान खान और मिलिट्री के बीच तनाव की शुरूआत एक साल पहले आईएसआई चीफ की नियुक्ति को लेकर शुरू हुई. अभी हाल ही में इमरान खान यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के दिन रूस में मौजूद थे, उन्होंने रूस की तारीफ की. वहीं दूसरी तरफ अगर आप देखे तो पाकिस्तान को जो वित्तीय मदद मिलती है वह ज्यादातर पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका से मिलता है. यह पैसा मिलिट्री के खर्च में ज्यादा उपयोग होता है. खान की इमेज पश्चिमी देशों के विरोधी वाली बनती जा रही थी. इसलिए जो बात वह बार-बार बोल रहे थे की विदेशी साजिश के तहत उनकी सरकार को गिराने की कोशिश की गई. यह मिलिट्री और सिविलियन सरकार के बीच अनबन का प्रमुख कारण है.”

इमरान खान की बयानबाजी पर शार्दूल अपनी टिप्पणी करते हुए कहते हैं, “इमरान खान आत्ममुग्ध है. उनको प्रधानमंत्री बनना पाक सेना का अनोखा कदम था. पाकिस्तान में पूरी तरह से लोकतंत्र नहीं है ऐसे में एक राष्ट्र प्रमुख के तौर पर उन्होंने जो संबोधन किया उससे उनकी छवि धूमिल हुई. इमरान खान कैसे भी कर के अपनी गद्दी बचाना चाहते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से तो अब ऐसा नहीं लग रहा है.”

इस विषय के अलावा सदन में पास हुए बिल पर भी चर्चा में विस्तार से बातचीत हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए हमारा यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.


टाइमकोड

00- 0:40 - इंट्रो

0:40 - 05:32 - हेडलाइंस

5:32 - 30:15 - पाकिस्तान का राजनीतिक घटनाक्रम

30:15 - 50:00 - सीआरपीसी अमेंडमेंट बिल

50:01 - 1:05:10 - दिल्ली नगर निगम एकीकरण बिल

1:05:10 - 1:15:47 - देश में पत्रकारों के साथ हो रही मारपीट की घटना

1:15:49 - 1:28:50 - एसडीएमसी मेयर का मीट बंद करने का पत्र

1:28:51 - 1:36:51 - चर्चा लेटर

1:36:52 - सलाह और सुझाव


पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए.

मेघनाद एस

राजस्थान के पाली से जितेंद्र मेघवाल की मौत पर आकांक्षा की रिपोर्ट

राज्यसभा चुनावों पर संसद वॉच का एपिसोड

उमाशंकर सिंह

पाकिस्तान के बारे में जानने के लिए वहां के टीवी चैनल को देखें

शार्दूल कात्यायन

डिजीपब और पीसीआई द्वारा पत्रकारों के खिलाफ हो रहे हमलों पर आयोजित बातचीत

पर्यावरण को लेकर आईपीसीसी की रिपोर्ट

होराइजन फॉरबिडन वेस्ट- वीडियो गेम

अतुल चौरसिया

राजस्थान के पाली से जितेंद्र मेघवाल की मौत पर आकांक्षा की रिपोर्ट

एनिहिलेशन ऑफ कास्ट - बीआर अंबेडकर

***

हर सप्ताह की सलाह और सुझाव

चर्चा लेटर

***

प्रोड्यूसर- रौनक भट्ट

एडिटिंग - उमराव सिंह

ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह

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