समाजवादी पार्टी ने रामपुर विधासनभा क्षेत्र से आजम खान और स्वार से अब्दुल्ला आजम को चुनावी मैदान में उतारा है.
अमर उजाला की खबर के मुताबिक केशव प्रसाद मौर्य ने रामपुर में कहा कि जिसके कारण यूपी दंगे की आग में सुलगा, आज वो जेल में मिमिया रहा है. स्थानीय लोगों की मानें तो उनका इशारा आजम खान की तरफ था. हालांकि यहां के समाजवादी पार्टी के हिंदू कार्यकर्ता, खान को हिंदू मुस्लिम एकता की प्रतीक बताते हैं. रामपुर के समाजवादी पार्टी कार्यालय में मौजूद आनंद प्रकाश शर्मा कहते हैं, ‘‘यहां का हर कार्यकर्ता आजम खान है. वे हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं. मैं उनसे बीते 30 सालों से जुड़ा हूं. जहां तक रही ब्राह्मण समुदाय की बात तो इस बार ब्राह्मण समुदाय खुलकर समाजवादी पार्टी को वोट करेगा क्योंकि हम परशुराम जी को मानते हैं. उनकी जयंती पर छुट्टी देने का काम अखिलेश यादव और आज़म खान साहब की सरकार ने किया था.’’
एनडीटीवी से बात करते हुए अब्दुल्ला आजम भी बदले की राजनीति के तहत मामला दर्ज कराने की बात कहते हैं. ‘‘जिस परिवार के ऊपर कभी 151 के तहत भी मुकदमा नहीं था. उसके ऊपर तीन सालों में 350 मुकदमे दर्ज किए गए. मेरे ऊपर, मेरी वालिदा, मेरे वालिद पर, मेरी फूफी पर, मेरे ताऊ पर. आप यकीन नहीं मांगेगे मेरी वो दादी जिनका दस साल पहले इंतकाल हो गया, उन तक पर भी एफआईआर दर्ज कर दिए गए. यहां अगर कोई गुंडई होती, आतंक होता, तो ये प्यार मिलता?’’ अब्दुल्ला यह बात भीड़ की तरफ इशारा करते हुए कहते हैं.
अब्दुल्ला आजम की बढ़ी व्यस्तता
न्यूज़लॉन्ड्री ने इंटरव्यू के लिए अब्दुल्ला आजम के करीबियों से संपर्क किया. इंटरव्यू के लिए समय नहीं होने की बात कहते हुए उनके एक करीबी ने बताया कि आजम खान के नहीं होने से दोनों क्षेत्रों में प्रचार की जिम्मेदारी अब्दुल्ला के ऊपर ही है. रामपुर और स्वार में प्रचार करने के साथ-साथ, अब्दुल्ला रामपुर की बाकी तीन विधानसभाओं में भी प्रचार करने जा रहे हैं.
भाजपा ने आज़म खान के खिलाफ रामपुर शहर से आकाश सक्सेना को उम्मीदवार बनाया है. आजम खान और उनके परिवार को जेल भिजवाने में सक्सेना का बड़ा हाथ माना जाता है. वहीं कांग्रेस ने काजिम अली खान को उम्मीदवार बनाया है. वहीं एनडीए गठबंधन की तरफ से अपना दल ने, नवाब हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां को स्वार से मैदान में उतारा है. हमजा आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ रहे नवाब काजिम अली के बेटे हैं. 2017 के चुनाव में अब्दुला ने नवाब काजिम अली को हराया था. रामपुर नबाव परिवार और आजम परिवार में लंबे समय से राजनीतिक संघर्ष चल रहा है.
आजम खान की अनुपस्थिति में चुनाव लड़ने के सवाल पर क्विंट से बातचीत में अब्दुल्ला कहते हैं, ‘‘चुनाव से ज्यादा मेरे लिए हो या रामपुर की जनता के लिए हो, जीना ज्यादा मुश्किल है. शायद जंग के मैदान जैसा रामपुर का चुनाव है. हम भाजपा, कांग्रेस से नहीं लड़ रहे, हम लड़ रहे यहां के अधिकारियों से.’’
आजम खान की चुनाव में अनुपस्थिति पर अखिलेश यादव कहते हैं, ‘‘चुनाव में रहते तो बात अलग थी लेकिन जिस तरह का विकास, जिस तरह की आजम खान साहब की पहचान रही है कि उन्होंने रामपुर को तरक्की, खुशहाली से जोड़ा है. यहां पर यूनिवर्सिटी लाने काम किया. यहां पर विकास किए. बीते पांच सालों में रामपुर की जनता ने देखा कि उनके साथ धोखा हुआ है. उन पर छोटे-छोटे कई मुकदमे दर्ज हुए हैं. मुझे लगता है कि छोटी सोच के लोग ही ऐसा कर सकते हैं.’’
रामपुर में आजम खान का बनवाया मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी बेहद विवादों में रहा. 2019 में मदरसा आलिया ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसके यहां रखे सैकड़ों साल पुराने ऐतिहासिक इस्लामिक ग्रंथ चोरी हो गए हैं. बाद में दावा किया गया कि छापेमारी में पुलिस ने उन किताबों को विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी से बरामद किया है. हालांकि आजम खान ने इसे गलत बताया था. इसके अलावा भी कई दूसरे आरोप यूनिवर्सिटी पर लगे.
न्यूज़लॉन्ड्री की टीम जब यूनिवर्सिटी पहुंची तो छात्र परीक्षा देकर लौट रहे थे. गेट में मिले गार्ड कहते हैं, ‘‘यहां हर मजहब के छात्र पढ़ने आते हैं. आप अंदर जाकर देखिए कितने अच्छे भवन बनाए गए हैं. दुनिया भर की यूनिवर्सिटी की इमारतों से सीखकर यहां निर्माण कराया गया. सरकार इसे बर्बाद करने पर तुली हुई है. किताब चोरी का आरोप लगाकर हंगामा किया गया. सब संस्थान को बदनाम करने की कोशिश थी. आजम खान जेल में हैं लेकिन सामने दिख रही सड़कें, ये यूनिवर्सिटी और रामपुर शहर में भव्य निर्माण, उनके विकास के कामों को याद दिला रहे हैं. पहले की तुलना से ज्यादा वोटों से चुनाव जीतेंगे.’’
रामपुर में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता हों या नेता, वे आजम खान की बंपर वोटों से जीत के दावे करते हैं. हालांकि खान की अनुपस्थिति का एहसास भी सबको है.
जब न्यूज़लॉन्ड्री की टीम समाजवादी पार्टी के साथ रामपुर में मौजूद थी तो आजम खान के चुनाव में प्रचार करने को लेकर लोग आपस में बात कर रहे थे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने खान को अंतरिम जमानत नहीं दी. आज तक की खबर के मुताबिक, ‘‘आजम खान ने विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए अंतरिम जमानत पर रिहाई मांगी थी. याचिका में आजम खान ने आरोप लगाया है कि यूपी सरकार जानबूझकर उनके मामले को लटका रही है ताकि वो अपने चुनाव प्रचार में भी भाग न ले सकें.’’
रामपुर में विधानसभा चुनाव, 14 फरवरी यानी दूसरे चरण में हैं. वहीं राज्य के चुनावों के नतीजे 10 मार्च को आएंगे.