योगी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन की बहू दिशा टंडन ने उनके परिवार पर दहेज के लिए प्रताड़ना और घरेलू हिंसा का गंभीर आरोप लगाया है.
उत्तर प्रदेश चुनाव की सरगर्मी के बीच योगी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन की बहू दिशा टंडन ने परिवार पर दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है. बीते रविवार (2 जनवरी) को दिशा टंडन लखनऊ के हजरतगंज महिला थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची थीं. उन्होंने आरोप लगाया है कि लालजी टंडन के निधन के बाद से आशुतोष टंडन (ताऊ ससुर) ने उनपर दहेज का दबाव बनाया और उनके साथ हिंसा की. साथ ही उन्होंने बताया कि आशुतोष टंडन के दबदबे के चलते उनके वकील ने उनका साथ छोड़ दिया है.
न्यूज़लॉन्ड्री ने दिशा टंडन से बातचीत की. उन्होंने बताया कि साल 2020 से उनपर दहेज में पैसे और गाड़ी के लिए दबाव बनाया जा रहा है. इस बीच ससुराल वालों ने उन्हें धोखे से मायके भेज दिया और उसके बाद उन पर तलाक देने के लिए दबाव बनाया गया. बता दें दिशा की शादी 11 दिसंबर 2019 को अमित टंडन के बेटे आयुष टंडन के साथ हुई थी. अमित टंडन, यूपी के कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन के भाई हैं.
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Contributeदिशा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, "बाबूजी (लालजी टंडन) चाहते थे कि आयुष का विवाह एक सामान्य घर की बेटी से हो. उन्होंने ऑनलाइन मेरा बायोडाटा देखा था और मेरे परिवार वालों के बारे में पूछताछ करने के बाद वे लोग मेरे माता-पिता के पास रिश्ता लेकर आए थे. मैं एक सामान्य घर से आती हूं. मेरे पिता खेती किसानी करते हैं. हमारे पास इतनी जमीन जायदाद नहीं है. लेकिन फिर भी हमने अपनी क्षमता से ज्यादा करने की कोशिश की. शादी के समय पूरे परिवार को तोहफे दिए. कुछ जमीन भी दी. मैं अपने माता-पिता की अकेली बेटी हूं इसलिए उन्होंने अपनी हैसियत से ज्यादा किया. शादी के बाद ससुराल वालों की डिमांड बढ़ने लगी और कहने लगे कि दिखावे के लिए ही सही 50 लाख रूपए और एक फॉर्च्यूनर गाड़ी देनी चाहिए."
दिशा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि वह पिछले एक साल से आशुतोष टंडन के खिलाफ लड़ रही हैं. लेकिन हर बार उनकी आवाज को दबाने के प्रयास किए जाते रहे. थक हारकर उन्होंने एक जनवरी को ट्वीट किया और पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार की. इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी पोस्ट की.
इस वीडियो में उन्होंने कहा, "आशुतोष टंडन के परिवार द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है. इसकी शिकायत मैंने कई जगहों पर कराने की कोशिश की लेकिन उनके पद पर रहते हुए मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई. मैं मोदी जी और योगी जी से विनम्र निवेदन करती हूं कि मुझे न्याय मिले और इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो."
दिशा ने न्यूज़लॉन्ड्री से कहा कि उन्हें पहले मायके भेजा गया और फिर ससुराल से निकाल दिया गया. "28 सितम्बर 2020 को मुझे बहाने से मायके भेजा गया. 10 अक्टूबर को मेरे पति का जन्मदिन था इसलिए मैं 8 अक्टूबर को ससुराल चली गई. वहां पहुंचने के बाद उन लोगों ने मुझसे पूछा कि तुम अपने मायके से क्या लेकर आई हो? मेरी दादी मां ने मुझे एक पुरानी सोने की गिन्नी दी थी. मैंने वह देने से मना कर दिया था. फिर मेरा सभी सामान रख लिया और मुझे फौरन रात को घर से निकाल दिया. मुझे गालियां, धमकियां दीं और मारपीट की."
दिशा ने हमें बताया कि 28 सितम्बर को मायके भेजने से एक दिन पहले उनके पति आयुष टंडन के साथ उनकी अनबन हुई थी. इस दौरान उनका हाथ भी फ्रैक्चर हो गया जिसकी मेडिकल रिपोर्ट भी दिशा ने हमारे साथ साझा की है. वह कहती हैं, "मायके जाने से पहले 27 सितम्बर को आयुष की मुझसे अनबन हुई. वह हिंसा पर उतर आए और मेरा हाथ फ्रैक्चर हो गया. उसके बाद ही मुझे मायके जाने के लिए कह दिया गया. मुझे लगा आयुष गुस्सा हैं और उनका मूड खराब है इसलिए मुझे जाने के लिए बोल रहे हैं. आयुष मुझे टॉर्चर करता था."
क्या घर की किसी महिला ने उनका साथ नहीं दिया? यह पूछे जाने पर दिशा कहती हैं, "आशुतोष टंडन पूरे परिवार को आदेश देते हैं. फिर पूरा परिवार वही मानता है, कोई उनके खिलाफ नहीं जाता. मेरी दो ननद भी हैं. दोनों का ध्यान भी मेरे ऊपर रहता है. उन्हें कभी अच्छा नहीं लगता था अगर बाबू जी (लालजी टंडन) मुझे कुछ उपहार देते थे. उन्हें पसंद नहीं आता था कि बाबा अपनी पौत्र वधू के लिए इतना क्यों सोचते हैं."
क्यों की जाती है दहेज की मांग? इस पर दिशा कहती हैं, "मुझे मेरे पति आयुष से कोई सहयोग नहीं मिलता है. लॉकडाउन के बाद आयुष भोपाल में थे और मैं यहां लखनऊ में. उनके पीछे आशुतोष टंडन मुझे प्रताड़ित करते थे. आयुष का लखनऊ में रिसोर्ट बन रहा है. उनका चिकन का व्यवसाय घाटे में जा रहा था. यह रिसोर्ट शादी से पहले से बन रहा है लेकिन इनका इरादा था कि शादी के बाद बहू से पैसों की मांग करेंगे."
दिशा का आरोप है कि ससुराल आने के बाद उनके वकील से तलाक के लिए बोला जाता था. दिशा 2020 से लड़ाई लड़ रही हैं लेकिन पहले लॉकडाउन के कारण उनकी सुनवाई नहीं हुई. फिर उनके वकील ने उनका साथ छोड़ दिया. दिशा टंडन फिलहाल अपने मायके सीतापुर में हैं.
दो जनवरी को दिशा जब हजरतगंज महिला पुलिस थाने पहुंचीं तो उन्हें तीन जनवरी को आने को कहा. दिशा ने बताया कि इंस्पेक्टर दुर्गा ने एफआईआर लिखने से पहले दोनों परिवारों में बातचीत कराने को कहा और अगले दिन तीन जनवरी को थाने बुलाया था लेकिन इंस्पेक्टर दुर्गा उस दिन थाने में मौजूद नहीं थीं और न ही आशुतोष टंडन थाने पहुंचे.
इस पूरे मामले पर न्यूज़लॉन्ड्री ने दिशा के पति आयुष टंडन से भी बात की. वह कहते हैं, "हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 12 के तहत विवाह रद्द करने के संबंध में मेरा मामला अक्टूबर 2020 (15 महीने) से लखनऊ फैमिली कोर्ट में लंबित है. इसके अलावा मैैं कोर्ट के बाहर कुछ नहीं कहना चाहता हूं.”
वहीं हमने दिशा टंडन के ताऊ ससुर आशुतोष टंडन से भी बात करने की कोशिश की. हमने उन्हें कुछ सवाल भी भेजे हैं, हालांकि उनका अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. जवाब आने पर खबर में अपडेट कर दिया जाएगा.
मामले की जांच कर रहीं इंस्पेक्टर दुर्गा कहती हैं, “हमने आशुतोष टंडन और दिशा को बातचीत के करने के लिए मंगलवार शाम को महिला थाने बुलाया है.”
दिशा के मामले में अब तक एफआईआर क्यों दर्ज नहीं हुई? इस पर इंस्पेक्टर दुर्गा कहती हैं, "एफआईआर दर्ज करने से पहले जांच की जाती है. वह प्रक्रिया चल रही है."
बता दें कि आशुतोष टंडन वरिष्ठ नेता रहे लालजी टंडन के बेटे हैं. वर्तमान में योगी सरकार में नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री हैं. इसके पहले वह तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री भी थे. वे भाजपा से लखनऊ पूर्व विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं.
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