चुनाव से पहले या बाद में गठबंधन के सवालों सहित कई अन्य मुद्दों पर भी सतीश चंद्र मिश्रा ने न्यूज़लॉन्ड्री से विस्तार से बातचीत की.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव बस कुछ महीने की दूरी पर हैं. सभी पार्टियां अपना चुनावी अभियान शुरू कर चुकी हैं. उत्तर प्रदेश की एक महत्वपूर्ण सियासी ताकत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी ब्राह्मण सम्मेलनों के जरिए जोर-शोर से अपना चुनाव अभियान आगे बढ़ाया है.
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने आने वाले विधानसभा चुनावों, पार्टी के भविष्य के चेहरों, ब्राह्मण सम्मेलन, मुसलमानों से दूरी, बाहुबलियों, पक्षपाती मीडिया, जातिगत जनगणना, बीजेपी की बी टीम होने का आरोपों और चुनावों में गठबंधन को लेकर न्यूज़लॉन्ड्री से विस्तार से बातचीत की.
बसपा के इस अभियान में हमें कुछ ऐसी बातें दिखाई देती हैं जो उसके पुराने रुख से मेल नहीं खाते मसलन पार्टी सर्वजन की बात करती है लेकिन सम्मेलन सिर्फ ब्राह्मणों के साथ करती है. माफिया मुख्तार अंसारी से दूरी बनाती है लेकिन माफिया विकास दुबे से करीबी में उसे परहेज नहीं है. मिश्रा कहते हैं, “पिछले साढ़े चार सालों में ब्राह्मणों का बहुत उत्पीड़न हुआ है. ब्राह्मणों को लग रहा है कि वो कहां जाएं. 75 में से 62 जिले के ब्राह्मण मुझसे मिलने आए उन्होंने खुले में सम्मेलन करने की बात कही. वो अब सचेत हो रहे हैं.”
बसपा के ऊपर बीजेपी की बी टीम होने के आरोपों पर वह कहते हैं, “हमारी पार्टी की एक नीति होती है. लोग इक्का-दुक्का वाकयों को उठाकर इस तरह के आरोप लगाते हैं. जब कांग्रेस सत्ता में थी तब भाजपा वाले यही आरोप लगाते थे. अगर राष्ट्रहित में हो तो हम साथ देते हैं वरना नहीं.”
चुनाव से पहले या बाद में गठबंधन के सवाल पर सतीश चंद्र कहते हैं, “सपा या बीजेपी के साथ गठबंधन का सवाल ही पैदा नहीं होता. एक बार अनुभव कर चुके हैं जो काफी कटु साबित हुआ है. चुनाव के बाद अगर हमें बहुमत नहीं मिलता है तो हम विपक्ष में बैठने को तैयार हैं लेकिन गठबंधन नहीं करेंगे.”
बसपा सुप्रीमो मायावती के जमीन पर नहीं दिखने, अपने परिवार के लोगों को मौके देने, मुख्तार अंसारी, अयोध्या, काशी और मथुरा में मंदिर निर्माण की बात कहकर मुसलमानों से दूरी जैसे अन्य मुद्दों पर पर भी उनसे बातचीत हुई.