10 से 12 सितंबर तक ऑनलाइन चले 'डिस्मैंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व' सम्मेलन का अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के 50 से ज्यादा विश्वविद्यालयों ने समर्थन किया था.
हाल ही में अमेरिका में 'डिस्मैंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व' नाम से एक वर्चुअल कांफ्रेंस हुई. इस कांफ्रेंस में हिंदुत्व को नफरत से प्रेरित विचार बताया गया. दूसरी तरफ भारत से लेकर अमेरिका तक के हिंदू संगठनों ने कार्यक्रम का यह कह कर विरोध किया कि यह हिंदुओं को बदनाम करने की कोशिश है. तमाम विवादों के बीच यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसको लेकर सोशल मीडिया से लेकर मुख्यधारा के मीडिया में बहसें हुईं.
जल्द ही यह कार्यक्रम उग्र हिंदूवादी संगठनों के निशाने पर आ गया. सोशल मीडिया पर इस कार्यक्रम से जुड़े लोगों को निशाना बनाया जाने लगा. कहा गया कि इसका मकसद वैश्विक स्तर पर भारत और हिंदू धर्म की छवि को खराब करना है.
इस तरह के कांफ्रेंस की जरूरत क्यों पड़ी, इसका मकसद क्या था, इसे किसने आयोजित किया और इसे लेकर अब तक क्या क्या हुआ. सारांश के इस एपिसोड में हम इस विवाद को समझाने की कोशिश करेंगे.