सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर के घर और दफ्तर पर ईडी का छापा

न्यूज़लॉन्ड्री ने हर्ष मंदर के घर और दफ्तर का दौरा किया, वहां ईडी अधिकारियों ने छापेमारी की पुष्टि की.

Article image
  • Share this article on whatsapp

गुरुवार, 16 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व आईएएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर के घर और दफ्तर पर छापेमारी की. ईडी ने सुबह करीब आठ बजे वसंत कुंज स्थित उनके घर, अधचिनी में उनके एनजीओ सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज और मेहरौली स्थित बाल गृह पर छापेमारी की. बता दें कि यह कार्रवाई तब हुई है जब हर्ष मंदर और उनकी पत्नी नौ महीने की फेलोशिप के लिए जर्मनी के रॉबर्ट बोस्च अकादमी गए हैं. वह देर रात तीन बजे ही जर्मनी के लिए रवाना हुए हैं.

घटना के बाद न्यूज़लॉन्ड्री की टीम हर्ष मंदर के घर और दफ्तर पहुंची. जहां पता चला कि यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले को लेकर की गई है. छापेमारी के दौरान घर पर दो लोग मौजूद थे. इस दौरान ईडी ने उनके पड़ोसियों से भी पूछताछ की.

जब हम वहां पहुंचे तो ईडी के अधिकारी घर के आंगन में बैठे थे. वहीं उनकी बेटी अंदर कमरे में थीं. जबकि ईडी के अन्य लोग घर में मौजूद सभी दस्तावजों की जांच कर रहे थे. हर्ष मंदर की गाड़ियों की भी जांच की गई.

subscription-appeal-image

Support Independent Media

The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.

Contribute

ईडी के एक अधिकारी न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, "छापे का निर्देश मिलने के बाद हम हर्ष के घर पहुंचे हैं. मामला मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है. जब हम यहां पहुंचे तब घर में उनकी बेटी और एक अन्य शख्स मौजूद थे. फिलहाल अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं."

जब हमने उनसे कुछ अन्य सवाल किए तो अधिकारी ने इससे ज़्यादा कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया.

हर्ष मंदर के एनजीओ सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज के दफ्तर के बाहर खड़े कर्मचारी सुरेश ने हमें बताया, "यह पहली बार है जो हमारे दफ्तर पर ईडी की रेड (छापा) पड़ी है. ईडी की टीम सुबह हर्ष के घर पहुंची थी. उसके बाद उनके दफ्तर पर भी छापा पड़ा. उस समय यहां केयर टेकर मौजूद था. इस दौरान एक अन्य कर्मचारी भी अंदर था और ईडी की टीम ने सभी दरवाज़े बंद कर दिए." जब हम सुरेश से बात कर रहे थे तभी एक डिलीवरी बॉय भी दफ्तर आया था. जिसे बाहर से ही कह दिया गया कि दफ्तर बंद है.

अधचिनी स्थित एनजीओ

बता दें कि फरवरी में सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (सीएसई) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. यह केस दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज किया गया था. ऐसा माना जा रहा है कि यह छापा इसी संबंध में है. हालांकि सुरेश का कहना है कि पहले कभी संस्था पर ईडी का छपा नहीं पड़ा.

हाल ही में हर्ष मंदर ने एक किताब, 'दिस लैंड इज माइन, आई एम नॉट ऑफ दिस लैंड' का संपादन किया था. यह किताब सीएए और नागरिकता पर लिखे लेखों का संग्रह है.

जुलाई में, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दिल्ली उच्च न्यायालय से हर्ष मंदर के एनजीओ के खिलाफ कार्यवाई की मांग की थी. तब हर्ष की संस्था द्वारा संचालित दो बाल गृहों के मैनेजमेंट पर विभिन्न उल्लंघनों और विसंगतियों का पता चला था. एनसीपीसीआर ने आरोप लगाया था कि बच्चों को जंतर-मंतर सहित विरोध स्थलों पर ले जाया जाता है.

साल 2020 में दिल्ली पुलिस ने हर्ष का नाम उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों से संबंधित चार्जशीट में भी दर्ज किया था. इसकी निंदा करते हुए देश भर के करीब 160 प्रमुख शिक्षाविदों, कार्यकर्ताओं और कलाकारों ने उनके समर्थन में बयान जारी किया था.

अक्टूबर 2020 में एनसीपीसीआर ने दिल्ली में दो बाल गृहों- उम्मीद अमन घर और खुशी रेनबो होम पर छापा मारा था, यह जानने के लिए कि कहीं यहां से किसी ने नागरिकता (संशोधन) बिल के विरोध में भाग तो नहीं लिया. इस छापे का एक और मकसद विदेशी फंडिंग और रोहिंग्या बच्चों के बारे में पता लगाना भी था.

गुरुवार को हुई छापेमारी के बाद कई कार्यकर्ता और नेता हर्ष मंदर के पक्ष में सामने आये. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट कर लिखा,"मैं अपने दोस्त और कॉलेज बैचमेट पर ईडी के छापे के बारे में पढ़कर हैरान और निराश हूं. वह निर्विवाद सत्यनिष्ठ और ईमानदार व्यक्ति हैं, जो गलत काम करने में असमर्थ हैं, आज के भारत के मानकों के लिए लगभग बहुत ईमानदार हैं. यह छापेमारी घटिया है."

गौरतलब हैं कि बुधवार को ही आयकर विभाग ने एक्टर सोनू सूद के करीब 20 ठिकानों पर सर्वे किया था. यह सर्वे 20 घंटों तक चला. बीते शुक्रवार को ही दिल्ली में स्थित ऑनलाइन मीडिया संस्थान- न्यूज़ क्लिक और न्यूज़लॉन्ड्री पर भी आयकर विभाग ने सर्वे किया था.

Also see
article imageआयकर विभाग के ‘सर्वे’ पर न्यूज़लॉन्ड्री का पक्ष
article imageसीएए विरोधी आंदोलन की शुरुआत से अब तक दिल्ली एनसीआर में 32 पत्रकारों पर हमला
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

You may also like