बुंदेलखंड के इन दोनों जिलों में आई बाढ़ बांधों से छोड़े गए पानी का नतीजा है.
क्यों डूबा हमीरपुर?
जालौन की तरह ही हमीरपुर भी भीषण बाढ़ की चपेट में है. हमीरपुर में यमुना और बेतवा नदी का संगम होता है. ललितपुर में बने माताटीला बांध से पहले से खतरे के निशान से ऊपर बह रही बेतवा में 3 अगस्त को 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया. उधर यमुना भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. दोनों नदियों के पानी ने हमीरपुर में मिलकर जिले में जल प्रलय ला दी.
हमीरपुर के मुंडेरा गांव निवासी नफीस ने बताया, "9 अगस्त को जिले में इस मॉनसून की सबसे ज्यादा बारिश हुई थी. इस दिन करीब 80 एमएम बारिश दर्ज की गई. यानी साल में होने वाली बारिश का 10 प्रतिशत हिस्सा इस एक दिन में बरस गया. इसके अतिरिक्त इस मौसम के तीसरे सप्ताह (10-16 जून 2021) 1,241 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई थी. यह इस सीजन की सबसे अधिक साप्ताहिक बारिश थी. जिले में इस दिन हुई भारी से भारी बारिश की वजह से ही मौसम विभाग के आंकड़ों में कुल बारिश 42 प्रतिशत अधिक दिखाई दे रही है. इस एक सप्ताह को छोड़कर जिले में लगभग सामान्य बारिश ही हुई है."
हमीरपुर के कुंडेरा गांव निवासी बृजेश बताते हैं, "हमीरपुर में हर दूसरे साल बाढ़ आती है लेकिन इस साल जैसी बाढ़ पिछले 10 साल से नहीं आई है. इस बाढ़ ने जिले के करीब 200 गांवों को प्रभावित किया है. आमतौर पर बेतवा नदी में बाढ़ नहीं आती लेकिन इस साल आई बाढ़ मुख्य रूप से बेतवा की देन है. इसके लिए बेतवा में बांध से छोड़ा गया पानी ही जिम्मेदार है."
(डाउन टू अर्थ से साभार)
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