कोरोना महामारी के बीच ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजना के प्रचार के लिए योगी सरकार ने खर्च किए 115 करोड़

उत्तर प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच टीवी समाचार चैनलों को 160 करोड़ का विज्ञापन दिया है.

कोरोना महामारी के बीच ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजना के प्रचार के लिए योगी सरकार ने खर्च किए 115 करोड़
Shambhavi Thakur
  • whatsapp
  • copy

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच टीवी न्यूज़ चैनलों को 160 करोड़ रुपए का विज्ञापन दिया है. यह वह समय था जब कोरोना महामारी से लोग बेहाल थे. कोरोना के इलाज को लेकर कई तरह की अफवाह फैलायी जा रही थीं, लेकिन सूचना के अधिकार (आरटीआई) तहत हासिल आंकड़ों से पता चलता है कि इस दौरान सरकार ने केवल 6.3 करोड़ रुपए कोरोना से जुड़े विज्ञापनों पर खर्च कर दिए.

सरकार ने कोरोना को लेकर तीन विज्ञापन ‘‘कोविड -19 राहत पैकेज की सुविधा’’, ‘‘कोविड-19 एवं संचारी रोग को नियंत्रण’’ और ‘‘कोविड 19 (भाग-1) (भाग- 2)’’ नाम से दिए हैं.

सरकार द्वारा इस दौरान दिए गए विज्ञापनों में एक बड़ा हिस्सा मई 2020 में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए बहुप्रचारित ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर खर्च किया है. आरटीआई से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक यूपी सरकार ने इस योजना के प्रचार पर 115 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जो विज्ञापन पर हुए कुल खर्च का 71 प्रतिशत है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यूपी में बीते मई और अप्रैल महीने में 11,000 से अधिक लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई. हालांकि यह मृतकों की ठीक-ठीक संख्या नहीं है क्योंकि कई लोग कोरोना के लक्षणों के बाद अस्पताल दर अस्पताल इलाज के लिए भटकते हुए मर गए, लेकिन उनकी गिनती कोरोना से जुड़े मृतकों में नहीं हुई. इन मौतों का एक बड़ा हिस्सा अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का कारण भी है.

एक तरफ जहां योगी सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रचार पर 115 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. वहीं इस साल की शुरुआत में द प्रिंट वेबसाइट ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि प्रतिदिन 24 सिलेंडर गैस की आपूर्ति कर सकने वाला ऑक्सीजन प्लांट लगाने में लगभग 33 लाख रुपये का खर्च आता है और इसे कुछ हफ़्ते में लगाया जा सकता है.

केंद्र सरकार द्वारा पीएम केयर फंड्स से देश के 162 अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट लगाना था. जिसके लिए केंद्र सरकार ने अक्टूबर में टेंडर जारी कर दिया. इसमें 10 प्लांट उत्तर प्रदेश में लगना था, लेकिन अप्रैल तक इसमें से एक ही लग पाया. नतीजतन लोग ऑक्सीजन की कमी से मरते नजर आए.

पिछले महीने न्यूज़लॉन्ड्री ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच योगी सरकार द्वारा ‘नेशनल टीवी न्यूज़ चैनल्स’ को 88.68 करोड़ रुपए और ‘क्षेत्रीय टीवी न्यूज़ चैनल्स’ को 71.63 करोड़ रुपए का विज्ञापन दिया गया.

नेशनल टीवी न्यूज़ चैनल्स में सबसे ज्यादा ‘नेटवर्क 18’ ग्रुप के चैनल, सीएनएन न्यूज़-18, न्यूज 18 इंडिया और न्यूज 18 यूपी-उत्तराखंड को 28.82 करोड़ रुपए का विज्ञापन मिला. दूसरे नंबर पर रहे ‘ज़ी मीडिया ग्रुप’ के चैनल, ज़ी न्यूज़, वॉयन और ज़ी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड पर योगी सरकार ने 23.48 करोड़ रुपए का विज्ञापन दिया.

यह जानकारी लखनऊ के पत्रकार उमाशंकर दुबे द्वारा डाली गई आरटीआई से सामने आई. उन्होंने इसी साल मार्च महीने में आरटीआई दायर की थी. .

इसके अलावा योगी सरकार ने ‘राइजिंग यूपी’, ‘यूपी सरकार के 4 साल’, ‘उत्तर प्रदेश की विजय गाथा’, ‘जन जन की बात’ और ‘एक दिन विधानसभा के साथ’ के प्रचार के लिए कुल विज्ञापन का 16 प्रतिशत यानी 26.47 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.

अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक टीवी समाचार चैनलों को योगी सरकार द्वारा दिए गए विज्ञापन

अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक टीवी समाचार चैनलों को योगी सरकार द्वारा दिए गए विज्ञापन

यूपी सूचना विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक ‘सीएम अपील’ नाम के एक विज्ञापन पर 1.48 करोड़ रुपये खर्च किए गए. यह विज्ञापन 4 मई, 2020 को दिया गया. प्रदेश सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि इस विज्ञापन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और टीका लगाने के लिए कहा था. हालांकि इस विज्ञापन के करीब आठ महीने बाद 16 जनवरी 2021 से भारत में कोरोना वैक्सीन देने की शुरुआत हुई.

हैरानी की बात है कि जेवर में अभी बन रहे एयरपोर्ट के प्रचार के साथ-साथ जल जीवन मिशन, मिशन प्रेरणा, मिशन शक्ति, वन महोत्सव सप्ताह और मिशन रोजगार समेत कई अन्य अपनी योजनाओं के प्रचार लिए योगी सरकार ने टीवी चैनलों को 6.1 करोड़ का विज्ञापन दिया. यह तकरीबन कोविड महामारी के दिए विज्ञापन के बराबर पैसा है.

इस दौरान योगी सरकार ने क्षेत्रीय टीवी न्यूज़ चैनल्स को 71.63 करोड़ रुपए का विज्ञापन दिया. इसमें से केवल 1.79 करोड़ रुपया यानी कुल विज्ञापन का 2.5 प्रतिशत हिस्सा कोरोना महामारी को लेकर जनता को जागरूक करने पर खर्च किया गया. वहीं ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रचार पर 57.8 प्रतिशत खर्च हुआ तो प्रदेश की दूसरी अन्य योजनाओं के प्रचार पर तकरीबन कुल विज्ञापन का 33.7 प्रतिशत खर्च हुआ.

अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक क्षेत्रीय समाचार चैनलों को योगी सरकार द्वारा दिए गए विज्ञापन

अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक क्षेत्रीय समाचार चैनलों को योगी सरकार द्वारा दिए गए विज्ञापन

योगी सरकार द्वारा अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक नेशनल समाचार चैनलों को दिए गए विज्ञापन

योगी सरकार द्वारा अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक नेशनल समाचार चैनलों को दिए गए विज्ञापन

दूसरी तरफ नेशनल न्यूज़ चैनल्स को दिए गए कुल विज्ञापनों का 82.3 प्रतिशत हिस्सा यानी कुल विज्ञापन 89.19 करोड़ रुपए में से 73.4 करोड़ रुपए ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के प्रचार-प्रसार पर खर्च किया गया. वहीं कोरोना महामारी को लेकर जारी विज्ञापन पर क्षेत्रीय चैनल्स की तुलना में नेशनल चैनल्स पर पांच प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली.

नवनीत सहगल ने इस खबर के संबंध में किसी भी अन्य सवाल का जवाब नहीं दिया.

इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

Also see
छत्तीसगढ़ सरकार ने जनवरी 2019 से जून 2021 तक मीडिया को दिया लगभग दो अरब का विज्ञापन
केंद्रीय मंत्रालयों पर अखबारों में दिए विज्ञापन का 147 करोड़ बकाया
अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच योगी सरकार ने टीवी चैनलों को दिया 160 करोड़ का विज्ञापन
subscription-appeal-image

Press Freedom Fund

Democracy isn't possible without a free press. And the press is unlikely to be free without reportage on the media.As India slides down democratic indicators, we have set up a Press Freedom Fund to examine the media's health and its challenges.
Contribute now

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like