कोर्ट ने कर्नाटक के 6 मंत्रियों के खिलाफ अपमानजनक खबरें दिखाने पर लगाई रोक

पूर्व मंत्री का कथित सेक्स टेप आने के बाद 6 मंत्रियों ने कोर्ट का किया रुख.

Article image

कनार्टक की एक स्थानीय कोर्ट ने राज्य के 6 मंत्रियों के खिलाफ कुछ भी अपमानजनक नहीं दिखाने को लेकर आदेश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश 6 मंत्रियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया.

कनार्टक में बीएस येदियुरप्पा की सरकार के श्रम मंत्री शिवराम हेबर, कृषि मंत्री बीसी पाटिल, सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर और परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री के सुधाकर युवा सशक्तिकरण एवं खेल मंत्री केसी नारायण गौड़ा और शहरी विकास मंत्री भयारथी बासवराज ने यह याचिका लगाई थी.

इस पर सुनवाई करते हुए बेंगलुरु की कोर्ट ने कहा, “अगली सुनवाई की तारीख तक आवेदकों (कर्नाटक के बीएस येदियुरप्पा सरकार के छह मंत्री) के खिलाफ किसी भी असत्यापित समाचार आइटम/मानहानि सामग्री/सीडी के प्रसारण या प्रकाशन ना किया जाए.”

इन मंत्रियों ने याचिका में कहा था कि, मीडिया को इस मामले में कोई भी खबर प्रकाशित करने व दिखाने पर रोक लगाई जाए. क्योंकि इससे उनकी छवि प्रभावित हो रही है. इन मंत्रियों ने कोर्ट की शरण तब ली जब राज्य के पूर्व मंत्री रमेश जरकिहोली का यौन शोषण टेप सामने आया है.

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, यह छह मंत्री उन 17 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ बगावत कर बीजेपी की सरकार बनवाई थी.

अयोग्य घोषित किए जाने के बाद ये विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे और दिसंबर 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और चुनाव जीतने के बाद मंत्री बने थे.

इस बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने दावा किया हैं कि, राज्य के पूर्व मंत्री का जो कथित सेक्स वीडियों सामने आया है उसको लेकर ब्लैकमेलरों ने पूर्व राज्य मंत्री रमेश जारकीहोली से 5 करोड़ रुपये की मांग की थी. उन्होंने कहा, “पुलिस को पूरे मामले की जांच करनी चाहिए और ब्लैकमेलरों को गिरफ्तार करना चाहिए.”

वहीं इन आरोपों पर सामाजिक कार्यकर्ता ने पूर्व मंत्री के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत को वापस लेने की बात कही है. शिकायतकर्ता दिनेश कल्लाहल्ली ने कहा, “वह शिकायत वापस लेंगे, क्योंकि वह जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी के लगाए गए पांच करोड़ रुपये के सौदे के आरोपों से दुखी हैं.”

Also see
article imageबिहार: पेपर लीक मामले में एक पत्रकार पर दर्ज एफआईआर में हमनाम दूसरे पत्रकार से भी पूछताछ
article imageप्रसारण नियमों के उल्लंघन को लेकर न्यूज चैनलों पर कार्रवाई करे सूचना मंत्रालय- दिल्ली हाईकोर्ट

कनार्टक की एक स्थानीय कोर्ट ने राज्य के 6 मंत्रियों के खिलाफ कुछ भी अपमानजनक नहीं दिखाने को लेकर आदेश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश 6 मंत्रियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया.

कनार्टक में बीएस येदियुरप्पा की सरकार के श्रम मंत्री शिवराम हेबर, कृषि मंत्री बीसी पाटिल, सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर और परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री के सुधाकर युवा सशक्तिकरण एवं खेल मंत्री केसी नारायण गौड़ा और शहरी विकास मंत्री भयारथी बासवराज ने यह याचिका लगाई थी.

इस पर सुनवाई करते हुए बेंगलुरु की कोर्ट ने कहा, “अगली सुनवाई की तारीख तक आवेदकों (कर्नाटक के बीएस येदियुरप्पा सरकार के छह मंत्री) के खिलाफ किसी भी असत्यापित समाचार आइटम/मानहानि सामग्री/सीडी के प्रसारण या प्रकाशन ना किया जाए.”

इन मंत्रियों ने याचिका में कहा था कि, मीडिया को इस मामले में कोई भी खबर प्रकाशित करने व दिखाने पर रोक लगाई जाए. क्योंकि इससे उनकी छवि प्रभावित हो रही है. इन मंत्रियों ने कोर्ट की शरण तब ली जब राज्य के पूर्व मंत्री रमेश जरकिहोली का यौन शोषण टेप सामने आया है.

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, यह छह मंत्री उन 17 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ बगावत कर बीजेपी की सरकार बनवाई थी.

अयोग्य घोषित किए जाने के बाद ये विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे और दिसंबर 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और चुनाव जीतने के बाद मंत्री बने थे.

इस बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने दावा किया हैं कि, राज्य के पूर्व मंत्री का जो कथित सेक्स वीडियों सामने आया है उसको लेकर ब्लैकमेलरों ने पूर्व राज्य मंत्री रमेश जारकीहोली से 5 करोड़ रुपये की मांग की थी. उन्होंने कहा, “पुलिस को पूरे मामले की जांच करनी चाहिए और ब्लैकमेलरों को गिरफ्तार करना चाहिए.”

वहीं इन आरोपों पर सामाजिक कार्यकर्ता ने पूर्व मंत्री के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत को वापस लेने की बात कही है. शिकायतकर्ता दिनेश कल्लाहल्ली ने कहा, “वह शिकायत वापस लेंगे, क्योंकि वह जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी के लगाए गए पांच करोड़ रुपये के सौदे के आरोपों से दुखी हैं.”

Also see
article imageबिहार: पेपर लीक मामले में एक पत्रकार पर दर्ज एफआईआर में हमनाम दूसरे पत्रकार से भी पूछताछ
article imageप्रसारण नियमों के उल्लंघन को लेकर न्यूज चैनलों पर कार्रवाई करे सूचना मंत्रालय- दिल्ली हाईकोर्ट

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like