टीआरपी रेटिंग पर बनी कमेटी ने सूचना मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट, कहा- अधिक पारदर्शिता की जरूरत

समिति के अनुसार टीआरपी में अधिक पारदर्शिता होनी चाहिए और हेरफेर की संभावना को दूर करने के लिए जांच के दायरे का विस्तार करने की जरूरत है.

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टीआरपी रेटिंग पर 4 नंबवर को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है. इस कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद प्रकाश जावेड़कर ने कहा, “मंत्रालय इस रिपोर्ट का अध्ययन कर आगे की कार्रवाई करेगा.”

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “समिति के अनुसार टीआरपी में अधिक पारदर्शिता होनी चाहिए और हेरफेर की संभावना को दूर करने के लिए जांच के दायरे का विस्तार करने की जरूरत है.”

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इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, आने वाले दिनों में सरकार टीआरपी के लिए लगाए गए मीटरों की संख्या को बढ़ा सकती है. प्रकाश जावेड़कर के हवाले से कहा गया हैं कि टीआरपी के मौजूदा मीटरों की संख्या को बढ़ाए जाने की जरूरत है, ताकि छेड़छ़ाड की कोई गुंजाइश ना रहे.

बता दें कि इस कमेटी में चार सदस्य थे जिसकी अध्यक्षता प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पती कर रहे थे. वेम्पती ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के सदस्य भी हैं जो रेटिंग के मापने का काम करती है.

इस कमेटी में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर शलभ, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स- डॉट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजकुमार उपाध्याय और आईआईएम बंगलरू के प्रोफेसर पुलक घोष शामिल थे.

गौरतलब हैं कि मंगलवार को मुंबई की एक कोर्ट ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया.

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केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “समिति के अनुसार टीआरपी में अधिक पारदर्शिता होनी चाहिए और हेरफेर की संभावना को दूर करने के लिए जांच के दायरे का विस्तार करने की जरूरत है.”

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, आने वाले दिनों में सरकार टीआरपी के लिए लगाए गए मीटरों की संख्या को बढ़ा सकती है. प्रकाश जावेड़कर के हवाले से कहा गया हैं कि टीआरपी के मौजूदा मीटरों की संख्या को बढ़ाए जाने की जरूरत है, ताकि छेड़छ़ाड की कोई गुंजाइश ना रहे.

बता दें कि इस कमेटी में चार सदस्य थे जिसकी अध्यक्षता प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पती कर रहे थे. वेम्पती ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के सदस्य भी हैं जो रेटिंग के मापने का काम करती है.

इस कमेटी में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर शलभ, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स- डॉट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजकुमार उपाध्याय और आईआईएम बंगलरू के प्रोफेसर पुलक घोष शामिल थे.

गौरतलब हैं कि मंगलवार को मुंबई की एक कोर्ट ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया.

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