उत्तर प्रदेश- पुलिस ने धर्मांतरण कानून बनने से पहले हुई घटना में लगाया नया कानून

घटना के लगभग डेढ़ महीने बाद भी पुलिस पीड़िता और आरोपी को बरामद नहीं कर पाई है. अब सवाल है कि पुलिस फिर इस नतीजे पर कैसे पहुंच गई की लड़की का धर्मांतरण हुआ ही होगा?

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क्या घटना के बाद बना कानून पूर्व की घटना पर लागू होगा

जिस अपराध की तारीख 24 नवंबर है, और एफआईआर 26 नवंबर को हुई. 27 नवंबर को आरोपियों के नाम जिले के पुलिस अधीक्षक को दिए गए. उसपर 28 नवंबर को पास हुआ नया कानून लगा. इसको लेकर जब हमने स्थानीय थाने के प्रमुख अमित भदौरिया से सवाल किया तो वे हमें कोई जवाब नहीं देते हैं.

पुलिस जांच के करीबी सूत्रों ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि 30 नवंबर को एसपी के कार्यालय से एक आवेदन प्राप्त हुआ था, जिसके बाद इस एफआईआर में नए कानून को जोड़ दिया गया और उसी के मुताबिक कार्रवाई हो रही है.

जैसा की वृंदा ग्रोवर बताती हैं कि घटना के बाद बने कानून के तहत उस मामले पर कार्रवाई नहीं हो सकती है. ठीक यही बात लखनऊ में रहने वाले वकील असद हयात बताते हैं, ‘‘ऐसा मुमकिन नहीं है. यह कार्रवाई असंवैधानिक है और अगर आरोपी पक्ष कोर्ट में इसको चैलेंज करे तो कोर्ट खुद ही इस मामले से नए कानून को वापस ले लेगा.’’

असद आगे कहते हैं, ‘‘इस घटना में अभी लड़की को पुलिस बरामद नहीं कर पाई है. ऐसे में वो कैसे धर्मांतरण का कानून लगाकर कार्रवाई कर सकती है. लड़की की बरामदगी और उसके बयान के बाद ही यह साफ होगा कि उसका धर्मांतरण हुआ या नहीं. अगर हुआ होगा तो ही इस कानून के तहत कार्रवाई हो सकेगी.’’

इस पूरे विवाद पर सीतापुर के एसपी राजीव दीक्षित को हमने कई बार फोन किया लेकिन उनसे हमारी बात नहीं हो पाई. अगर उनका कोई जवाब आता है तो उसे खबर से जोड़ दिया जाएगा.

दक्षिणपंथी संगठनों की इस घटना में भूमिका

न्यूज़लॉन्ड्री ने लव जिहाद को लेकर चल रहे सेना प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट में बताया है कि कैसे कथित तौर पर लव जिहाद के मामलों में बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद और हिन्दू युवा वाहिनी जैसे संगठनों की भूमिका होती है. इस मामले में भी ऐसा ही है. इन संगठनों की माने तो इनके दबाव के कारण ही पुलिस ने सक्रियता से इस मामले में गिरफ्तारी की और लड़के-लड़की को तलाशने के लिए 15 टीमें बनाईं.

जब न्यूज़लॉन्ड्री की टीम सीतापुर के तंबौर थाने के प्रमुख अमित भदौरिया से मिलने पहुंची तो वे थाने से बाहर थे. वहां मौजूद पुलिस के जवानों ने बताया कि कुछ ही देर में साहब आने वाले हैं. लगभग एक घंटे बाद भदौरिया थाने पहुंचे. उनके पीछे-पीछे हिन्दू युवा वाहिनी के जिला अध्यक्ष उत्तम सिंह, संगठन के जिला महामंत्री अभिनव मिश्रा और एक दूसरे साथी भी थाने पहुंच गए. हमसे बातचीत से पहले भदौरिया इन तीनों से बातचीत करने लगे. यहां बताना जरूरी है कि भदौरिया इस मामले के जांच अधिकारी हैं. अभिनव मिश्रा न्यूज़लॉन्ड्री को बताते हैं, ‘‘हम लोग हर रोज इस मामले की जानकारी के लिए यहां आते हैं.’’

तम्बौर पुलिस स्टेशन

उत्तम सिंह ने न्यूज़लॉन्ड्री से कहा, “हम परिवार की मदद कर रहे हैं और पुलिस से अपडेट प्राप्त करने के लिए यहां आ रहे हैं. हम सीधे एसपी सीतापुर के साथ सूचना का आदान-प्रदान करते हैं और ऐसे व्यक्तियों के बारे में जानकारी देते हैं, जिन पर हमें संदेह है ताकि उनका नंबर सर्विलांस पर लगाए जा सके.’’

उत्तम सिंह का मानना है कि 'लव जिहाद' मुस्लिम पुरुषों द्वारा एक हिंदू लड़की का ब्रेनवॉश करने के अलावा कुछ नहीं है.

इस मामले को मीडिया के बड़े हिस्से और दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों के द्वारा लव जिहाद बोला जा रहा है. लड़की के पिता से जब हमने इस मामले में लव जिहाद होने को लेकर सवाल किया तो वो कोई खास जवाब नहीं देते. उन्हें लव जिहाद शब्द की जानकारी नहीं होती है. हालांकि घटना को देखें तो लड़की और लड़का एक दूसरे को जानते थे. लड़की को यह पता था कि वो मुस्लिम है. ऐसे में लव जिहाद की दक्षिणपंथी परिभाषा पर यह मामला खरा नहीं है. दक्षिणापथी विचारधारा के मुताबिक लव जिहाद उस घटना को कहते है जिसमें लड़का अपना नाम छुपाकर, हिन्दू बनकर लड़की को फंसाए.

पेशे से वकील और हिन्दू युवा वाहिनी के जिला महामंत्री अभिनव मिश्रा इस मामले में लड़की पक्ष के वकील हैं. न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए कहते हैं, ‘‘सीतापुर से निकलने के बाद वे दोनों बदायूं गए उसके बाद वे पंजाब की तरफ निकले हैं. घटना से पहले लड़की के घर से नकदी गायब होना बताता है कि यह सब प्लानिंग के तहत किया गया है.’’

हिन्दू युवा वाहिनी के जिला महामंत्री अभिनव मिश्रा

लड़की वापस आएगी तो हम उसका 'शुद्धिकरण' कर देंगे

माखूबेहड़ गांव से तीन किलोमीटर दूर कालनपुर गांव है. इस पूरे मामले में इस गांव के एक हिंदूवादी परिवार की भूमिका रही है. यह परिवार है, हिन्दू युवा वाहिनी के प्रमुख उत्तम सिंह का. उनके भाई अर्जुन सिंह भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के जिला प्रमुख रह चुके हैं. इनके पिता लल्ला सिंह विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत प्रमुख रहे हैं और आजकल घर पर ही रहते हैं.

बुजुर्ग लल्ला सिंह बाबरी मस्जिद विध्वंस में अपने शामिल होने की बात गर्व से बताते हुए खुद को 'कट्टर हिन्दू' कहते हैं.

अर्जुन सिंह न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए कहते हैं, ‘‘उन्हें इस मामले की जानकारी दो दिन देर से तब मिली जब सर्वेश शुक्ला उनके यहां मदद के लिए पहुंचे. सर्वेश ने बताया कि उनकी बेटी के साथ ऐसा-ऐसा हुआ है, लेकिन पुलिस उनकी मदद नहीं कर रही है. ऐसे में हम थाने पहुंचे और पुलिस पर इस मामले पर कार्रवाई के लिए दबाव बनाया. इसके बाद से हम इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए हैं

लल्ला सिंह और बाएं अर्जुन सिंह

लड़की के वापस आने पर उसकी गंगा जल से शुद्धिकरण की बता करते हुए लल्ला सिंह कहते हैं, ‘‘लव जिहाद कोई आज का मुद्दा नहीं है बल्कि यह सालों से चलता आ रहा है. यह एक षड्यंत्र के तहत मुसलमान करते हैं. बकायदा इसकी ट्रेनिंग दी जाती है. उन्हें पैसे दिए जाते हैं. जिनके पास खाने तक के पैसे नहीं होते वे लड़के महंगी गाड़ियों से घूमते हैं. कोचिंग सेंटर और स्कूलों के बाहर पैतरा लगाते हैं. कलावा बांधकर हिंदू बनने का अभिनय करते हैं. उनका निशाना कम उम्र की गरीब तबके की हिंदू लड़कियां होती है. गरीब लड़कियों को घुमाते हैं. सब्जबाग दिखाते हैं. लड़कियां इनके प्रभाव में आ जाती हैं. उनके चक्कर में फंस जाती हैं तब अपनी असलियत बताते हैं लेकिन तब लौटने की संभावना खत्म हो जाती है. लड़कियों का धर्मपरिवर्तन कराते हैं. और आगे चलकर उन्हें मार तक देते हैं.’’

घटना के डेढ़ महीने बाद भी पुलिस की 15 टीमें आरोपी और पीड़िता को तलाशने में नकाम रही हैं. इस दौरान कथित तौर से उनकी मदद करने के आरोप में लड़के का पूरा परिवार जिसमें एक दिव्यांग भाई भी है जेल में बंद हैं.

***

'लव जिहाद': मिथ वर्सेस रियलिटी एनएल सेना प्रोजेक्ट की स्टोरी है.

इस एनएल सेना प्रोजेक्ट में हमारे 109 पाठकों ने सहयोग किया है. यह मंयक गर्ग, राहुल कोहली और अन्य एनएल सेना के सदस्यों द्वारा संभव बनाया गया है. आप हमारे अगले एनएल लीगल फंड में सहयोग दे और गर्व से कहें मेरे ख़र्च पर आजाद हैं ख़बरें.

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पुलिस जांच के करीबी सूत्रों ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि 30 नवंबर को एसपी के कार्यालय से एक आवेदन प्राप्त हुआ था, जिसके बाद इस एफआईआर में नए कानून को जोड़ दिया गया और उसी के मुताबिक कार्रवाई हो रही है.

जैसा की वृंदा ग्रोवर बताती हैं कि घटना के बाद बने कानून के तहत उस मामले पर कार्रवाई नहीं हो सकती है. ठीक यही बात लखनऊ में रहने वाले वकील असद हयात बताते हैं, ‘‘ऐसा मुमकिन नहीं है. यह कार्रवाई असंवैधानिक है और अगर आरोपी पक्ष कोर्ट में इसको चैलेंज करे तो कोर्ट खुद ही इस मामले से नए कानून को वापस ले लेगा.’’

असद आगे कहते हैं, ‘‘इस घटना में अभी लड़की को पुलिस बरामद नहीं कर पाई है. ऐसे में वो कैसे धर्मांतरण का कानून लगाकर कार्रवाई कर सकती है. लड़की की बरामदगी और उसके बयान के बाद ही यह साफ होगा कि उसका धर्मांतरण हुआ या नहीं. अगर हुआ होगा तो ही इस कानून के तहत कार्रवाई हो सकेगी.’’

इस पूरे विवाद पर सीतापुर के एसपी राजीव दीक्षित को हमने कई बार फोन किया लेकिन उनसे हमारी बात नहीं हो पाई. अगर उनका कोई जवाब आता है तो उसे खबर से जोड़ दिया जाएगा.

दक्षिणपंथी संगठनों की इस घटना में भूमिका

न्यूज़लॉन्ड्री ने लव जिहाद को लेकर चल रहे सेना प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट में बताया है कि कैसे कथित तौर पर लव जिहाद के मामलों में बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद और हिन्दू युवा वाहिनी जैसे संगठनों की भूमिका होती है. इस मामले में भी ऐसा ही है. इन संगठनों की माने तो इनके दबाव के कारण ही पुलिस ने सक्रियता से इस मामले में गिरफ्तारी की और लड़के-लड़की को तलाशने के लिए 15 टीमें बनाईं.

जब न्यूज़लॉन्ड्री की टीम सीतापुर के तंबौर थाने के प्रमुख अमित भदौरिया से मिलने पहुंची तो वे थाने से बाहर थे. वहां मौजूद पुलिस के जवानों ने बताया कि कुछ ही देर में साहब आने वाले हैं. लगभग एक घंटे बाद भदौरिया थाने पहुंचे. उनके पीछे-पीछे हिन्दू युवा वाहिनी के जिला अध्यक्ष उत्तम सिंह, संगठन के जिला महामंत्री अभिनव मिश्रा और एक दूसरे साथी भी थाने पहुंच गए. हमसे बातचीत से पहले भदौरिया इन तीनों से बातचीत करने लगे. यहां बताना जरूरी है कि भदौरिया इस मामले के जांच अधिकारी हैं. अभिनव मिश्रा न्यूज़लॉन्ड्री को बताते हैं, ‘‘हम लोग हर रोज इस मामले की जानकारी के लिए यहां आते हैं.’’

तम्बौर पुलिस स्टेशन

उत्तम सिंह ने न्यूज़लॉन्ड्री से कहा, “हम परिवार की मदद कर रहे हैं और पुलिस से अपडेट प्राप्त करने के लिए यहां आ रहे हैं. हम सीधे एसपी सीतापुर के साथ सूचना का आदान-प्रदान करते हैं और ऐसे व्यक्तियों के बारे में जानकारी देते हैं, जिन पर हमें संदेह है ताकि उनका नंबर सर्विलांस पर लगाए जा सके.’’

उत्तम सिंह का मानना है कि 'लव जिहाद' मुस्लिम पुरुषों द्वारा एक हिंदू लड़की का ब्रेनवॉश करने के अलावा कुछ नहीं है.

इस मामले को मीडिया के बड़े हिस्से और दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों के द्वारा लव जिहाद बोला जा रहा है. लड़की के पिता से जब हमने इस मामले में लव जिहाद होने को लेकर सवाल किया तो वो कोई खास जवाब नहीं देते. उन्हें लव जिहाद शब्द की जानकारी नहीं होती है. हालांकि घटना को देखें तो लड़की और लड़का एक दूसरे को जानते थे. लड़की को यह पता था कि वो मुस्लिम है. ऐसे में लव जिहाद की दक्षिणपंथी परिभाषा पर यह मामला खरा नहीं है. दक्षिणापथी विचारधारा के मुताबिक लव जिहाद उस घटना को कहते है जिसमें लड़का अपना नाम छुपाकर, हिन्दू बनकर लड़की को फंसाए.

पेशे से वकील और हिन्दू युवा वाहिनी के जिला महामंत्री अभिनव मिश्रा इस मामले में लड़की पक्ष के वकील हैं. न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए कहते हैं, ‘‘सीतापुर से निकलने के बाद वे दोनों बदायूं गए उसके बाद वे पंजाब की तरफ निकले हैं. घटना से पहले लड़की के घर से नकदी गायब होना बताता है कि यह सब प्लानिंग के तहत किया गया है.’’

हिन्दू युवा वाहिनी के जिला महामंत्री अभिनव मिश्रा

लड़की वापस आएगी तो हम उसका 'शुद्धिकरण' कर देंगे

माखूबेहड़ गांव से तीन किलोमीटर दूर कालनपुर गांव है. इस पूरे मामले में इस गांव के एक हिंदूवादी परिवार की भूमिका रही है. यह परिवार है, हिन्दू युवा वाहिनी के प्रमुख उत्तम सिंह का. उनके भाई अर्जुन सिंह भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के जिला प्रमुख रह चुके हैं. इनके पिता लल्ला सिंह विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत प्रमुख रहे हैं और आजकल घर पर ही रहते हैं.

बुजुर्ग लल्ला सिंह बाबरी मस्जिद विध्वंस में अपने शामिल होने की बात गर्व से बताते हुए खुद को 'कट्टर हिन्दू' कहते हैं.

अर्जुन सिंह न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए कहते हैं, ‘‘उन्हें इस मामले की जानकारी दो दिन देर से तब मिली जब सर्वेश शुक्ला उनके यहां मदद के लिए पहुंचे. सर्वेश ने बताया कि उनकी बेटी के साथ ऐसा-ऐसा हुआ है, लेकिन पुलिस उनकी मदद नहीं कर रही है. ऐसे में हम थाने पहुंचे और पुलिस पर इस मामले पर कार्रवाई के लिए दबाव बनाया. इसके बाद से हम इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए हैं

लल्ला सिंह और बाएं अर्जुन सिंह

लड़की के वापस आने पर उसकी गंगा जल से शुद्धिकरण की बता करते हुए लल्ला सिंह कहते हैं, ‘‘लव जिहाद कोई आज का मुद्दा नहीं है बल्कि यह सालों से चलता आ रहा है. यह एक षड्यंत्र के तहत मुसलमान करते हैं. बकायदा इसकी ट्रेनिंग दी जाती है. उन्हें पैसे दिए जाते हैं. जिनके पास खाने तक के पैसे नहीं होते वे लड़के महंगी गाड़ियों से घूमते हैं. कोचिंग सेंटर और स्कूलों के बाहर पैतरा लगाते हैं. कलावा बांधकर हिंदू बनने का अभिनय करते हैं. उनका निशाना कम उम्र की गरीब तबके की हिंदू लड़कियां होती है. गरीब लड़कियों को घुमाते हैं. सब्जबाग दिखाते हैं. लड़कियां इनके प्रभाव में आ जाती हैं. उनके चक्कर में फंस जाती हैं तब अपनी असलियत बताते हैं लेकिन तब लौटने की संभावना खत्म हो जाती है. लड़कियों का धर्मपरिवर्तन कराते हैं. और आगे चलकर उन्हें मार तक देते हैं.’’

घटना के डेढ़ महीने बाद भी पुलिस की 15 टीमें आरोपी और पीड़िता को तलाशने में नकाम रही हैं. इस दौरान कथित तौर से उनकी मदद करने के आरोप में लड़के का पूरा परिवार जिसमें एक दिव्यांग भाई भी है जेल में बंद हैं.

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