बिहार में विधानसभा चुनावों की शुरुआत हो गई है. प्रदेश में 28 अक्टूबर से तीन चरणों में वोटिंग होगी और 10 नवंबर को नतीजे आएंगे. चुनावों की तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनाव के दौरान सोशल मीडिया के इस्तेमाल को भी एक चुनौती माना है और कहा, “सोशल मीडिया पर अगर कोई भी समाज में तनाव पैदा करने की कोशिश करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी.”
ध्यान रहे कि पिछले चुनावों में फेक न्यूज और झूठी खबरों के काफी मामले सामने आ चुके हैं. जिस कारण चुनाव आयोग ये चिंता जता रहा है. ऐसे ही फेक और झूठी खबरों से निपटने के लिए हिंदुस्तान हिंदी ने अपनी तरफ से एक अच्छी पहल की है. चुनावों के मद्देनजर समूह ने आज बिहार से प्रकाशित होने वाले हिंदी दैनिक “हिंदुस्तान” में एक संकल्प पत्र छापा है. इस संकल्प पत्र के 14 पॉइंट में बताया गया है कि समूह की बिहार चुनावों के दौरान क्या रणनीति रहेगी और किस तरह से वे खबरों को कवर करेंगे.
हिंदुस्तान अखबार में प्रकाशित संकल्प पत्र-
इनमें बताया गया है कि हम इस बात का संकल्प लेते हैं कि हम पेड न्यूज नहीं छापेंगे. तथ्यपरक, सच्ची, सही और निष्पक्ष खबर छापेंगे. और नफरत फैलाने वाली, जातीय, धार्मिक नस्लीय, भाषाई और सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाली खबर नहीं करेंगे. साथ ही छापा है कि व्यक्तिगत लांछन व अमर्यादित आरोपों को भी नहीं छापेंगे. सभी पार्टियों को समान रूप से देखेंगे और चुनावी विज्ञापनों पर “चुनावी विज्ञापन” जरूर लिखेंगे. समाचार और विज्ञापन भले ही अखबार की जान हों लेकिन इनके लिए हम किसी भी तरह का अनैतिक समझौता नहीं करेंगे. अंत में संकल्प पत्र में लिखा है कि निष्पक्षता और पारदर्शिता हमारी पहचान है और इसे हम कायम रखेंगे.
एक ऐसे समय में जब देश के मीडिया पर फेक न्यूज फैलाने, पक्षपात करने और देश के सांप्रदायिक सौहार्द को खराब करने के आरोप लग रहे हों तब “हिंदुस्तान” की ये पहल अगर अपनी बात पर खरी उतरती है तो इसको मीडिया की छवि को कुछ हद तक सुधारने की दिशा में एक कदम माना जा सकता है.