जरूरी है कि आप कुछ दिन आराम करें, निश्चिंत रहें. ख़बरों की ख़बर लेने के लिए हम हैं ना.
मोबाइल को स्विच ऑफ कीजिए, लैपटॉप को लॉगआउट करिए और थोड़ा सा जिंदगी में डूब जाइए.
साल 2025 न्यूज़लॉन्ड्री के लिए शानदार रहा. एफआईआर, लीगल नोटिस और कोर्ट कचहरी के चक्करों के बावजूद. सच कहूं तो आज मेरे पास आपको शुक्रिया कहने की वजहें शिकायतों से बहुत बहुत ज्यादा हैं. उन दोस्तों का, परिवारों का, सब्सक्राइबर्स का शुक्रिया जो हमारे साथ खड़े रहे.
छुट्टियों का मौसम मुबारक हो! लोग कहते हैं कि साल के अंत में आत्ममंथन करना चाहिए, हिसाब-किताब लगाना चाहिए. मगर मैं आपने कहना चाहता हूं, यह सभी चीजों से रुख़सत होकर खुद को तरोताजा करने का वक्त है. ख़बरों से बेख़बर हो जाइए, ब्रेक लीजिए. जी हां, मैं न्यूज़लॉन्ड्री का सीईओ, जिसकी रोजीरोटी खबरों पर निर्भर है, वो कह रहा है थोड़ी देर के लिए इसे बंद कर दीजिए.
दरअसल, खबरें अक्सर आपको इस भावना से भर देती है कि दुनिया में कितना कुछ गलत हो रहा है. और यह कुछ हद तक सच भी है. लेकिन बहुत सी चीजें है जिन पर हमें गौर करने की जरूरत है. बहुत कुछ ऐसा है, जिसके लिए जीना बनता है. और यह सब तभी संभव है जब आप कुछ समय के लिए खबरों से दूर हो जाते हैं. अगर आप साल भर 14, 16 या 18-18 घंटे काम करते रहते हैं और कोई छुट्टी नहीं लेते, और आपको लगता है कि आपको इसकी जरूरत नहीं है, तब यकीन मानिए आपको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है.
तो जब आप 2025 को अलविदा कहने की सारी तैयारी कर चुके हैं तब एक काम जरूर कर लें, न्यूज़लॉन्ड्री का सब्सक्रिप्शन ले लीजिए. क्योंकि पत्रकारिता कभी छुट्टी पर नहीं जाती. हम यहीं मौजूद रहेंगे और आप जब तक खुद को तरोताजा कर रहे हैं, हम इस जिम्मेदारी को पूरा करते रहेंगे. इस तरह से हम आने वाले साल में जो भी चुनौतियां आएंगी उनका साथ मिलकर सामना कर सकेंगे.
और यह सब करने का हौसला हमें आपसे मिलेगा. तो देर न कीजिए.
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कर लिया? बहुत बढ़िया. तो अब ख़बरों की दुनिया से बाहर निकलिए. सैर पर जाइए, प्रकृति का नज़ारा लीजिए, गुलाब की ख़ु्श्बू को महसूस कीजिए. अपने प्रियजनों के साथ वक्त बिताइए और उन सभी चीजों के बारे में सोचिए जो इस दुनिया में अच्छी और खूबसूरत हैं.
2026 की शुरुआत का इससे बेहतर तरीका क्या होगा. एक बार फिर से आपके समर्थन के लिए शुक्रिया. आपको वो सब मिले, जिसकी आप कामना करते हैं.
छुट्टियों की शुभकामनाएं.
नए साल की मुबारकबाद.
और ज़िंदगी की सारी खुशियां आपके नाम.
मुबारक हो! मीडिया को ‘दरबारी’ बनाने के लिए सरकार नहीं आप ही भुगतान कर रहे हैंं
न्यूज़लॉन्ड्री हिंदी के 8 साल, सैकड़ों रिपोर्ट्स और एक ही वादा- सच्ची पत्रकारिता