दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
विफलता के स्मारक को सफलता के शोरूम में बदलने का रामबाण इलाज है मोदजी के पास. इलाज है नाम बदल दो. जैसे हार का नाम अगर बदल कर जीत कर दिया जाय तो हर हार को जीत कहना पड़ेगा. जिस मनरेगा को उन्होंने विफलता का स्मारक बताया था अब उसका नाम बदल कर जी राम जी करने का फैसला हुआ है.
थोड़ा भारत की सेहत जान लीजिए. वर्ल्ड इनइक्वैलिटी रिपोर्ट का ताजा आंकड़ा बताता है कि भारत आय और संपत्ति के मामले में दुनिया के सबसे ज्यादा ऊंच नीच वाले देशों में शामिल है. रिपोर्ट कहती है कि भारत में शीर्ष 1 प्रतिशत लोगों के पास भारत की कुल संपत्ति का 40 प्रतिशत हिस्सा केंद्रित है.
गए हफ्ते महान फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी भारत के दौरे पर आए और आते ही उन्होंने भारत की अराजकता, भारत के वीआईपी कल्चर और भारत की भेड़िया धसान का स्वाद चख लिया. नेता, नौकरशाह, बिजनेसमैन, फिल्मी सितारे, उनके परिवार, बीवियां. इन सबकी मिजाजपुर्सी करते करते मेसी को आम लोगों का दिल रखने का ख्याल ही नहीं रहा.
बीते पच्चीस सालों ने ख़बरें पढ़ने के हमारे तरीके को बदल दिया है, लेकिन इस मूल सत्य को नहीं बदला है कि लोकतंत्र को विज्ञापनदाताओं और सत्ता से मुक्त प्रेस की ज़रूरत है. एनएल-टीएनएम को सब्स्क्राइब करें और उस स्वतंत्रता की रक्षा में मदद करें.