दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
दिल्ली की हवा खराब है, दिल्ली में यमुना सड़ रही है, बिहार में चुनाव है, लेकिन सुधीर चौधरी नामक मनुष्य व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड होने वाले सोन पापड़ी चुटकुलों को इकट्ठा करके हर शाम राष्ट्रीय चैनल पर ठेल दे रहा है और साल का पंद्रह करोड़ रुपया जस्टिफाई कर रहा है.
टेलीविज़न पत्रकारिता को सुधीर चौधरी जैसे पत्रकारों के सफेद झूठ ने भी बर्बाद किया है. मसलन, दिल्ली की मुख्यमंत्री के साथ सुधीर का हालिया इंटरव्यू देखिए. यह बात साबित हो चुकी है कि जिस पानी को दिखा कर सुधीर चौधरी रेखा गुप्ता का इंटरव्यू कर रहे थे, वह यमुना के किनारे बना एक कृत्रिम तालाब है. उसमें पानी दिल्ली जल बोर्ड के पाइप से भरा गया है.
जो हाल पानी का है, वही हाल दिल्ली की हवा का भी है. दिल्ली की जनता उसी जहरीली हवा में सांस ले रही है. और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने लिए साढ़े पांच लाख के नए नवेले एयर प्यूरीफायर मंगवा लिए हैं.
इसके बावजूद देश का राजनीतिक वर्ग इतना मोटी चमड़ी का हो चुका है कि लोगों की आंख में धूल झोंककर यह झूठ फैला रहा है कि यमुना का पानी और दिल्ली की हवा दोनों साफ है.
देखिए इस हफ्ते की टिप्पणी.