श्रीनिवासन जैन से बातचीत में जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव के प्रमुख मुद्दों के लेकर अपनी सोच पर खुलकर बात रखी.
जन सुराज प्रमुख और राजनीतिक सलाहकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने श्रीनिवासन जैन के साथ बातचीत में बिहार को लेकर अपनी रीति-नीति सामने रखी. जब उनसे पूछा गया कि क्या बिहार के लिए उनका ये नीतिगत खाका हकीकत में बदल सकता है तो उन्होंने बड़े ही रोचक अंदाद में अपनी बात रखी.
रोजगार के सवाल पर बात हुई तो किशोर ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता राज्य के भीतर दिहाड़ी मजदूरी के अवसर बढ़ाकर बिहार के श्रमिक पलायन को रोकना है. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि उन लाखों युवाओं का क्या जो ‘अस्पिरेशनल जॉब्स’ चाहते हैं यानी सिर्फ दिहाड़ी नहीं, बल्कि बड़े अवसर तलाश रहे हैं तो उन्होंने कहा कि “उन्हें अभी इंतज़ार करना होगा.”
शिक्षा के मुद्दे पर, जब उनसे पूछा गया कि हर प्रखंड में “वर्ल्ड-क्लास” स्कूल खोलने के उनके वादे के बावजूद उन बच्चों का क्या होगा जिन्हें वहां एडमिशन नहीं मिलेगा, तो किशोर ने कहा कि उनके प्रस्तावित वाउचर सिस्टम के तहत ऐसे बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जा सकते हैं या फिर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जारी रख सकते हैं.
इंटरव्यू में किशोर से यह भी पूछा गया कि क्या उन्होंने नवायुग इंजीनियरिंग से दो घंटे की कंसल्टेंसी के लिए 11 करोड़ रुपये लिए थे. इस पर किशोर ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि यह भुगतान सिर्फ ‘दो घंटे’ के काम के लिए था, जो उनके हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए बयान के विपरीत नजर आता है.

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