बम-फोड़ दिवाली- दम तोड़ दिवाली रेखा गुप्ता, सुधीर और बाकियों के साथ

दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.

WrittenBy:अतुल चौरसिया
Date:
   

लंबे वक्त के बाद दिवाली पर कुछ लोगों के चेहरे खिल गए. इन्हें घर फूंक तमाशा देखने की छूट मिल गई थी. दरअसल, दिल्ली सरकार दिल्ली की जनता से मौज ले रही थी. पहले इसने दिल्ली को जनता को समझाया कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक अनोखी परियोजना जारी है. इसके तहत जो भी व्यक्ति दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कारगर उपाय बताएगा उसे 5 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक नकद मिलेगा. 

दूसरी तरफ रेखा गुप्ता चुपके से पहुंच गईं सुप्रीम कोर्ट, ये अर्जी लेकर कि दिवाली पर पटाखे फोड़ना उनकी संस्कृति है. सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दे दी. यह इजाजत मिलने के बाद दिल्ली की जागरूक न्यायप्रिय जनता ने वही किया जो वो हमेशा करती है. हर नियम की धज्जी उड़ा दी गई. तय समय सीमा के बाद भी जमकर आतिशबाजी हुई, ग्रीन की जगह हर रंग के पटाखे फोड़े गए. गरज ये कि मिसाइल और परमाणु बम छोड़कर दिल्ली की जनता ने हर पटाखे पर हाथ साफ किया. 

पूरा मसला इस टिप्पणी में दर्ज है.

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