लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर चलेगा मुकदमा, कोर्ट में आरोप तय

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आईआरसीटीसी मामले में सीबीआई के आरोपों को सही माना है. आरोप है कि रेलमंत्री रहते लालू यादव और उनके परिवार ने एक निजी फर्म को आईआरसीटीसी के ठेके देने के बदले रिश्वत के रूप में जमीन ली. 

लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय किए. अब तीनों के खिलाफ आईआरसीटीसी घोटाले का केस चलेगा. कोर्ट ने कहा, “लालू की जानकारी में टेंडर घोटाले की पूरी साजिश रची गई. टेंडर में उनका हस्तक्षेप था. इससे लालू परिवार को फायदा हुआ.”

सीबीआई ने आरोप लगाया था कि रेल मंत्री रहते लालू यादव ने रांची और पुरी स्थित आईआरसीटीसी के दो होटलों के टेंडर को सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को अनुचित तरीके से दिलवाया.

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को आईआरसीटीसी घोटाले मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय किए हैं.

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, यह आदेश विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत ने पारित किए.

कोर्ट ने क्या कहा?

अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि लालू यादव ने केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया और भूमि निविदा की पात्रता शर्तों में हेरफेर की. कोर्ट ने माना कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के दायरे में आती है. राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भी आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं. 

सीबीआई के आरोप क्या हैं?

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए एक निजी कंपनी को रेलवे होटलों के ठेके देने के बदले रिश्वत के रूप में कीमती जमीन स्वीकार की. 

आरोपों के अनुसार, 2004 से 2009 के बीच रेलमंत्री रहते लालू यादव ने रांची और पुरी स्थित आईआरसीटीसी के दो होटलों के टेंडर को सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को अनुचित तरीके से दिया. इसके बदले में, लालू यादव के परिवार से जुड़ी कंपनी को बाजार मूल्य से कम दर पर करोड़ों की जमीन दी गई, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ.

तेजस्वी का भाजपा पर निशाना

उधर, अदालत के फैसले के बाद तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, “जब तक दंगाई एवं संविधान विरोधी बीजेपी सत्ता में है और मेरी उम्र है, मैं बीजेपी से लड़ते रहूंगा. तूफ़ानों से लड़ने में मज़ा ही कुछ और है. हमने संघर्ष पथ चुना है और संघर्ष पथ पर चलते-चलते मंज़िल जरूर प्राप्त करेंगे."

उन्होंने आगे कहा, “एक महीना पहले बिहार आकर गृह मंत्री अमित शाह जी हमें धमकी दे रहे थे कि हमको चुनाव लड़ने लायक नहीं छोड़ेंगे. हम लड़ेंगे और जीतेंगे. हम बिहारी हैं, बाहरी से नहीं डरते."

मालूम हो कि बिहार में विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है. ऐसे में अदालत में आरोप तय होने के दूरगामी राजनीतिक प्रभाव माने जा रहे हैं. 

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