चैनल ने अचानक ट्वीट डिलीट कर लिया. हालांकि, अब इसके स्क्रीनशॉट वायरल हो रहे हैं.
न्यूज़ चैनल एनडीटीवी को आज आलोचना का सामना करना पड़ा. दरअसल, चैनल ने भारत में रेलवे हादसों से जुड़े आंकड़े साझा करने वाली अपनी एक्स पोस्ट हटा दी. जिसके बाद ये आलोचना शुरू हुई.
यह पोस्ट नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों पर आधारित एक रिपोर्ट को लेकर थी. इसमें 2023 में रेलवे से जुड़े हादसों में 21,000 से अधिक लोगों की मौतों की ओर ध्यान दिलाया गया था. हालांकि, एनडीटीवी की वेबसाइट पर रिपोर्ट अभी भी उपलब्ध है. लेकिन इस रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर प्रमोट करने के लिए डाली गई एक्स पोस्ट को हटा लिया गया है.
ये पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब एनडीटीवी ने 1 अक्टूबर की दरम्यानी रात साढ़े 12 के करीब एक ट्वीट किया. इसमें प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार एक रिपोर्ट थी. एनडीटीवी ने इस रिपोर्ट का लिंक ट्वीट करते हुए एक ट्वीट किया. इस ट्वीट को कुछ हजार लोग देख चुके थे.
एनडीटीवी के इसी ट्वीट को कोट करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने एक्स पर लिखा, “मान्यवर प्रधानमंत्री और पार्ट-टाइम रेल मंत्री जी. 21,000+ लोग 25,000 रेल हादसों में मारे गए. ये कतई अस्वीकार्य है.”
लेकिन बाद में यह अचानक डिलीट हो गया और एनडीटीवी पर सवाल उठने लगे. इसके बाद इस ट्वीट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए.
टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने आरोप लगाया कि एनडीटीवी ने राजनीतिक दबाव में ट्वीट हटाया. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा – “एनडीटीवी ने चुपचाप ये ट्वीट डिलीट कर दिया, जिसमें सिर्फ एक साल में 21,000 रेलवे मौतों का ज़िक्र था. दो सांसदों ने इसे कोट किया और अब ये गायब है. यही है मीडिया का मोदी के सामने झुकना. लेकिन एनडीटीवी असली लेख हटाना भूल गया.”
वहीं, फैक्ट-चेकर मोहम्मद जुबैर ने आंकड़े शेयर करते हुए व्यंग्यात्मक टिप्पणी की. उन्होंने लिखा, “एनसीआरबी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में देश में 24,678 रेल दुर्घटनाओं में कम से कम 21,803 लोग मारे गए, जिनमें सबसे ज़्यादा मौतें महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में हुई हैं. इंतजार कीजिए, जल्द ही सरकार के समर्थक प्रभावशाली लोग इसे 'रेल-जिहाद' कहकर किसी समुदाय को दोषी ठहराएंगे,”
वहीं, एनडीटीवी की ओर से अभी तक पोस्ट हटाने पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
साल 2023 के रेलवे हादसों पर है रिपोर्ट
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों पर आधारित इस रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में देश में 24,678 रेल दुर्घटनाओं में 21,803 लोग मारे गए, जिनमें महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा मौतें हुईं.
इन सभी रेल दुर्घटनाओं में से 56 दुर्घटनाएं चालक की गलती के कारण हुईं, जबकि 43 रेल दुर्घटनाएं खराब डिज़ाइन, ट्रैक की खराबी या पुल या सुरंग के ढहने जैसी यांत्रिक खामियों के कारण हुईं.
रेलवे दुर्घटनाओं के वर्गीकरण के विश्लेषण से पता चला है कि 'ट्रेन से गिरने या ट्रैक पर लोगों से टकराने' की घटनाएं रेल दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा हिस्सा (74.9 प्रतिशत) (24,678 में से 18,480) थीं, जबकि कुल 15,878 लोगों की मौत 'ट्रेन से गिरने या ट्रैक पर लोगों से टकराने' के कारण हुई, जो रेल दुर्घटनाओं में हुई कुल मौतों का 72.8 प्रतिशत है, एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है.
महाराष्ट्र में ऐसे सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं, जहां 'ट्रेन से गिरने या पटरी पर लोगों से ट्रेन की टक्कर' के कुल मामलों का 29.8 प्रतिशत (5,507 मामले) दर्ज किया गया.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, रेल दुर्घटनाओं के कारणों में चालक की गलती, तोड़फोड़, सिग्नलमैन की गलती, यांत्रिक खराबी और अन्य कारण शामिल हैं.
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