धन्यवाद मोदीजी: पत्रकारिता को 18% वाली लग्जरी कमोडिटी बनाने के लिए

मजे की बात देखिए कि एक तरफ जीएसटी में छूट और दूसरी तरफ मोदीजी का जन्मदिन भी इसी हफ्ते पड़ रहा है. इस दोहरी खुशी के मौके को हम यूं ही नहीं जाने देंगे.

प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते विज्ञापन की हास्यात्मक चित्रण.

मोदीजी को धन्यवाद देने की होड़ लगी है. बल्कि कहें कि बाढ़ आई है. कोई भी इस बहती गंगा में हाथ धोने से छूटना नहीं चाहता. एसोचैम से लेकर सीआईआई तक, सब कतार में धन्यवाद की टोकरी लेकर खड़े हैं… हाथ जोड़े, डबडबाई, भावभीनी आंखों से “मोदी, मोदी” टपकाते हुए. मोदीजी ने जीएसटी में छूट देकर जो उपकार किया है, उसका धन्यवाद देना तो बनता है. 

एसोचैम की सुनें तो जीएसटी की दरों में सुधार “आत्मनिर्भर भारत की ओर ऐतिहासिक कदम” है. 

इंडियन फार्मास्यूटिकल एलायंस (आईपीए) के शब्दों में- “किफायती स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में उठाया गया अहम कदम” है. इसलिए मोदीजी को धन्यवाद रहेगा. 

सीआईआई का हाल भी कुछ ऐसा ही है. अखबारी विज्ञापनों के अलावा इसकी सोशल मीडिया टाइमलाइन मोदीजी को तहे दिल से दिए गए धन्यवादों से पटी पड़ी है. 

हैट्सन एग्रो प्रोडक्ट्स ने भी इन सुधारों के लिए मोदीजी को ‘दिल की गहराइयों से धन्यवाद’ दिया है.

ये तो बस झांकी है. कुछ कंपनियां तो मोदीजी को धन्यवाद देने में बाकियों से कई क़दम आगे निकल गईं.

सुहानी नींद की शर्तिया गारंटी देने वाली मखमली गद्दों की कंपनी द स्लीप कंपनी ने अपने गद्दे पर सोने वालों को आने वाले रुहानी सपनों के लिए भी प्रधानमंत्री को ही शुक्रिया अदा किया है. 

इसी तरह कॉफी का धंधा करने वाली हट्टी कापी “हर घूंट में गर्व और भरोसा भरने के लिए” मोदीजी को धन्यवाद ज्ञापित कर रही है. 

एविएशन सेक्टर में धंदा करने वाली कंपनी सारला को लगा कि जीएसटी सुधारों के लिए माननीय प्रधानमंत्री को सिर्फ धन्यवाद देने से काम नहीं चलेगा. लगे हाथ उसने ‘विश्वगुरु’ का दांव भी चल दिया है. कंपनी कहती है, “नवाचार को बढ़ावा देने वाली, रोज़गार सृजन वाली और मोबिलिटी सेक्टर में भारत को वैश्विक नेता के रूप में उदय करने वाली नीति के लिए हम मोदीजी का धन्यवाद करते हैं.” 

जीएसटी में सुधार क्या हुए कॉरपोरेट इंडिया की होली-दीवाली आ गई.

दरअसल, सरकार ने जीएसटी काउंसिल की सिफ़ारिशों के बाद 3 सितंबर, 2025 को जीएसटी स्लैब (कर प्रणाली) में कुछ कटौतियों की घोषणा की है. आगामी 22 सितंबर से ये कटौती लागू होंगी. सरकार ने यह कदम मंदी की आशंकाओं और खुदरा खर्च को बढ़ावा देने की मंशा से उठाया है. 

ऐसे में हमने भी सोचा, क्यों न हम भी इस “धन्यवाद मोदीजी” की पार्टी में शामिल हो जाएं.

imageby :

न्यूजलॉन्ड्री की तरफ से भी धन्यवाद मोदी जी. स्वतंत्र पत्रकारिता को लग्जरी कमोडिटी बनाने के लिए. बहुतेरी कारों तक से जीएसटी घटाने के लिए लेकिन न्यूज़ सब्सक्रिप्शन पर 18% जीएसटी जस का तस बनाए रखने के लिए एक धन्यवाद हमारी तरफ से तो बनता ही है. पत्रकारिता भला कौन सा पब्लिक इंटरेस्ट का काम है. ज्यादातर विलासी और रईसों का शगल है, उन्हें किसी टैक्स छूट की क्या जरूरत. जिन्हें ज्यादा खबर का कीड़ा काट रहा हो वो उसी टैक्स स्लैब में खबरें पढ़ें, जिसमें एयर कंडीशन, एलईडी टीवी, मिड साइज़ एसयूवी या फ्रेंच डोर फैंसी फ्रिज जैसे आइटम शामिल हैं. 

बल्कि हमको तो धन्यवाद के साथ-साथ मोदीजी को अहसानमंद होने का संदेश अलग से भेजना चाहिए. अल्ट्रा-लग्ज़री 40% का सिन टैक्स मौजूद रहते उन्होंने पत्रकारिता को 18% की श्रेणी में रखने का फैसला किया है. यह कम अहसान की बात है. पत्रकारिता फिलहाल अति-विलासिता की श्रेणी में नहीं आई है, इसकी खुशी हमें मनानी चाहिए. पत्रकारिता पर टैक्स की मौजूदा दर को देखकर तो लगता है कि सरकार बहुत ईमानदार है. वह कह रही है- “आपको तभी हमसे सवाल पूछने का हक़ है जब आप सवाल पूछने से पहले प्रीमियम भर दीजिए.” इस आला दरजे की ईमानदारी भला किस देश की सरकार में आपने देखी. इसके लिए एक धन्यवाद अलग से भेजना चाहिए. 

पत्रकारिता तो प्रधानमंत्री के खिलखिलाते, चमचमाते चेहरे वाले विज्ञापन छापकर भी की जा सकती है, लेकिन उसमें फिर सवाल पूछने की गुंजाइश कहां है.  

हमारी मजबूरी तो आप जानते ही हैं. हम किसी तरह का सरकारी या कॉरपोरेशन का विज्ञापन ही नहीं लेते. हमारी गाड़ी तो जैसे-तैसे बस आप जैसे सब्सक्राइबर्स के भरोसे चल रही है. यह एक अलग किस्म की लग्जरी है. जनहित वाली पत्रकारिता की लग्जरी. अगर इस गाड़ी पर सवार होना हैै और सरकार बहादुर से सवाल पूछना है तो उसका खर्च भी आपको ही उठाना होगा. 

मजे की बात देखिए कि एक तरफ जीएसटी में छूट और दूसरी तरफ मोदीजी का जन्मदिन भी इसी हफ्ते पड़ रहा है. इस दोहरी खुशी के मौके को हम यूं ही नहीं जाने देंगे. हमने अपने सब्सक्रिप्शन पर 25% की भारी छूट देने का फैसला कर लिया है. आपको बस इस फैसले का फायदा उठाना है. लेकिन यह मौका सिर्फ इस हफ़्ते के आखिर तक ही उपलब्ध होगा, क्योंकि मोदीजी का जन्मदिन भी तो बस इसी हफ्ते रहेगा. 

तो सब्सक्राइब कीजिए न्यूज़लॉन्ड्री को. एक बार फिर धन्यवाद मोदीजी, जनहित की पत्रकारिता को लग्जरी बनाने के लिए. 

ऑफर का लाभ उठाने के लिए यहां क्लिक करें.

न्यूज़लॉन्ड्री इस हिंदी दिवस को एक उत्सव की तरह मना रहा है और हम अपने सब्सक्राइबर्स के लिए एक खास ऑफर लाएं हैं. हिंदी दिवस के मौके पर उपलब्ध ऑफर का लाभ उठाने के लिए यहां क्लिक करें.

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like